कैब ड्राइवर ने मुझे कैब में चोदा – कैब ड्राइवर सेक्स स्टोरी

Cab Driver and Office Girl Sex Story – मेरा नाम प्रिया है, और मैं 26 साल की हूँ। मैं दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हूँ। मेरा फिगर 34-28-36 है—गोरी चमड़ी, भरे हुए चूचे, और मोटी गांड। मैं अक्सर ऑफिस से देर रात घर लौटती हूँ, और उस रात भी ऐसा ही हुआ। ऑफिस में एक प्रोजेक्ट की वजह से मुझे रात 11 बजे तक रुकना पड़ा। मैंने एक कैब बुक की, और कुछ ही मिनटों में एक काले रंग की SUV मेरे ऑफिस के बाहर रुकी। ड्राइवर का नाम राजू था—30 साल का, मज़बूत कद-काठी, और उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी।

“मैडम, प्रिया जी, ना? चलें?” राजू ने मुस्कुराते हुए कहा। मैंने हाँ में सिर हिलाया और पीछे की सीट पर बैठ गई। मैंने एक टाइट स्कर्ट और टॉप पहना था, जिसमें मेरे चूचे और गांड साफ़ उभर रहे थे। रात का सन्नाटा था, और सड़कें सुनसान थीं। राजू ने रेडियो चालू कर दिया, जिसमें एक रोमांटिक गाना बज रहा था। “मैडम, आप बहुत सुंदर लग रही हो,” राजू ने रियरव्यू मिरर से मुझे देखते हुए कहा। मैंने हँसते हुए कहा, “थैंक्स, राजू, लेकिन तुम ड्राइविंग पर ध्यान दो।”

कुछ देर बाद राजू ने गाड़ी एक सुनसान रास्ते पर मोड़ दी। “राजू, ये रास्ता तो गलत है, मेरा घर दूसरी तरफ है!” मैंने डरते हुए कहा। राजू ने गाड़ी साइड में रोक दी और मुड़कर मेरी तरफ देखा। “मैडम, आपकी चूचों और गांड को देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया है,” उसने गरम लहजे में कहा। मैं डर गई, लेकिन मेरी चूत में एक अजीब सी सनसनी होने लगी। “राजू, ये गलत है, मुझे छोड़ दो,” मैंने कहा। लेकिन राजू ने दरवाज़ा लॉक कर दिया और पीछे की सीट पर आ गया।

“मैडम, आपकी चूत को आज चोदूँगा,” राजू ने कहा और मेरे टॉप को फाड़ दिया। मेरे चूचे नंगे हो गए। “क्या मस्त चूचे हैं, प्रिया,” राजू ने कहा और एक निप्पल को मुँह में भर लिया। “आह्ह, राजू, छोड़ दो,” मैं सिसक उठी, लेकिन मेरी चूत गीली हो रही थी। उसने मेरी स्कर्ट ऊपर की और मेरी पैंटी फाड़ दी। “प्रिया, तेरी चूत तो रस से भरी है,” राजू ने कहा और अपनी जीभ मेरी चूत पर फेर दी। “आह्ह, राजू, चाटो,” मैं बेकाबू होकर चिल्लाई। उसने मेरी चूत के होंठ चाटे, और मेरा रस उसके मुँह में भर गया। “तेरी चूत का स्वाद गज़ब है,” राजू ने कहा।

उसने अपनी पैंट उतार दी। उसका मोटा लंड बाहर निकला—लंबा, सख्त और गरम। “राजू, ये तो मेरी चूत फाड़ देगा!” मैंने डरते हुए कहा। उसने हँसते हुए कहा, “प्रिया, तेरी चूत को फाड़ने का मज़ा ही अलग है।” उसने मुझे सीट पर लिटाया और मेरी चूत पर लंड रगड़ा। “पहले तेरी चूत चोदूँगा,” राजू ने कहा और एक ज़ोरदार धक्का मारा। “आह्ह, राजू, मेरी चूत फट गई!” मेरी चीखें कैब में गूँज उठीं। उसने तेज़ी से धक्के मारने शुरू किए। “प्रिया, तेरी चूत तो मेरे लंड को निगल रही है,” राजू ने कहा। मेरी गांड हर धक्के के साथ हिल रही थी। “राजू, और जोर से चोद, मेरी प्यास बुझा दे!” मैं चिल्लाई।

कैब की सीट हमारी चुदाई से हिल रही थी। राजू ने मुझे कुतिया बनाया। “अब तेरी गांड में लंड डालूँगा,” उसने कहा और मेरी गांड पर थप्पड़ मारा। “मारो, राजू, मेरी गांड लाल कर दो!” मैंने कहा। उसने अपना मोटा लंड मेरी गांड में पेल दिया। “आह्ह, मेरी गांड फट गई, और तेज़!” मेरी चीखें तेज़ हो गईं। “प्रिया, तेरी गांड बहुत टाइट है,” राजू ने कहा। मेरी चूत से रस बह रहा था, और मैंने अपनी उंगलियाँ अपनी चूत में डाल दीं। “राजू, मेरी चूत और गांड दोनों को चोदो!” मैं सिसक उठी।

चुदाई का नशा चढ़ गया। राजू ने मुझे सीट पर लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गया। “अब तेरी चूत को गहरा चोदूँगा,” उसने कहा और लंड मेरी चूत में ठोक दिया। “आह्ह, राजू, मेरी चूत चीर डालो!” मैं चिल्लाई। उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। “प्रिया, तेरी चूत को चोद-चोद कर ढीली कर दूँगा,” राजू ने कहा और मेरे चूचों को मसलते हुए धक्के मारे। “चोदो मुझे, राजू, मुझे अपने लंड का मज़ा दो!” मेरी सिसकियाँ तेज़ हो गईं। कैब की खिड़कियाँ बंद थीं, और हमारी चुदाई की गर्मी से शीशे धुंधले हो गए।

राजू ने मुझे सीट के किनारे सटा दिया। “प्रिया, तेरे होंठ चूसूँगा,” उसने कहा और मेरे होंठ चूसने लगा। “आह्ह, राजू, मेरे होंठ दबा दो!” मैंने कहा। उसने मेरे होंठों को काटा और कहा, “प्रिया, तेरे होंठ तो शहद हैं।” मैंने उसका लंड पकड़ा और मसलते हुए कहा, “राजू, मेरी चूत को फिर चोदो!” उसने मुझे सीट पर पटका और मेरी चूत में लंड ठोका। “तेरी चूत और गांड दोनों को रस से भर दूँगा,” राजू ने चीखते हुए कहा। “और जोर से चोदो, मेरी प्यास बुझा दो!” मैं चिल्लाई।

रात गहराने लगी। राजू ने गाड़ी एक सुनसान जगह पर रोक दी। “प्रिया, अब बाहर चोदूँगा,” उसने कहा और मुझे कैब से बाहर निकाला। ठंडी हवा मेरे नंगे जिस्म पर लग रही थी। उसने मुझे कैब के बोनट पर झुकाया। “अब तेरी गांड फिर चोदूँगा,” उसने कहा और मेरी गांड में लंड पेल दिया। “आह्ह, राजू, मेरी गांड फट गई, और तेज़!” मेरी चीखें रात के सन्नाटे में गूँज रही थीं। “प्रिया, तेरी गांड मेरे लंड की गुलाम है,” राजू ने कहा और मुझे रगड़ने लगा। मेरी चूत से रस टपक रहा था। “चोदो मुझे, राजू, मुझे अपनी रंडी बना दो!” मैं चिल्लाई।

वापस कैब में लौटकर राजू ने मुझे अपनी गोद में बिठाया। “प्रिया, तेरी चूत को चाटूँगा,” उसने कहा और मेरी चूत चूसने लगा। “आह्ह, राजू, चूसो!” मैं चिल्लाई। उसने मेरे चूचों को मसलते हुए कहा, “प्रिया, तेरे चूचे रस से भरे हैं।” मैंने उसका लंड पकड़ा और मुँह में लिया। “राजू, तुम्हारा लंड चूसूँगी,” मैंने कहा और जीभ से लंड को चाटने लगी। “आह्ह, प्रिया, तू तो कमाल है!” राजू चीखा।

सुबह होने को थी। राजू ने मुझे फिर से सीट पर लिटाया। “प्रिया, अब आखिरी बार तेरी चूत चोदूँगा,” उसने कहा और मेरी चूत में लंड ठोका। “आह्ह, राजू, और जोर से!” मैं चिल्लाई। उसकी चुदाई से मेरा पूरा जिस्म थरथरा रहा था। “प्रिया, तेरी चूत मेरे लंड की दीवानी है,” राजू ने कहा। आख़िर में उसका लंड फट पड़ा। उसका गरम रस मेरी चूत में भर गया, फिर मेरी गांड में, और बाक़ी मेरे चूचों और होंठों पर छिड़क गया। “आह्ह, राजू, तुम्हारा रस मेरे मुँह में डालो,” मैंने कहा और उसके लंड से टपकता रस चाट लिया।

हम दोनों हाँफते हुए सीट पर गिर पड़े। “प्रिया, तूने मेरा सफर मस्त कर दिया,” राजू ने हँसते हुए कहा। “राजू, तुमने मेरी चूत की प्यास बुझा दी,” मैंने जवाब दिया। उसने मुझे मेरे घर तक छोड़ा, और उस रात की चुदाई की गर्मी मेरे जिस्म में समा गई थी।