मेरा नाम अजय है, मैं 24 साल का हूँ, और अपने बड़े भैया-भाभी के साथ दिल्ली में रहता हूँ। मेरे भैया, राकेश, 30 साल के हैं, और मेरी भाभी, पूजा, 28 साल की एक हॉट और सेक्सी औरत हैं। भाभी का फिगर कमाल का है—36D की भारी चूची, पतली कमर, और उनकी गांड इतनी बड़ी और गोल कि उनकी साड़ी में हर कदम पर हिलती है। मैं भाभी को देखते ही उनका दीवाना हो गया था, उनका चूत और गांड देखकर मेरा लंड हमेशा तन जाता था। एक दिन जब भैया मार्केट गए, मुझे मौका मिला, और मैंने भाभी की गांड मार डाली।
उस दिन सुबह का वक्त था। भैया को कुछ सामान लेने मार्केट जाना था, और वो बोले, “अजय, मैं दो घंटे में आता हूँ, घर संभाल लेना।” मैंने हाँ कहा, और वो चले गए। घर में बस मैं और भाभी थे। भाभी किचन में खाना बना रही थीं, उन्होंने एक टाइट साड़ी पहनी थी, जिसमें उनकी चूची बाहर को उभरी हुई थीं, और उनकी गांड साड़ी में कमाल लग रही थी। मैं किचन में गया, और उनके पीछे खड़ा हो गया। “भाभी, कुछ मदद करूँ?” मैंने कहा, और उनकी कमर पर हाथ रख दिया। “अजय, ये क्या कर रहा है?” भाभी ने शरमाते हुए कहा, लेकिन उनकी साँसें तेज हो गयीं।
मैंने उनकी साड़ी का पल्लू हल्का सा खींचा, और उनकी चूची ब्लाउज में दिखने लगीं। “भाभी, आप बहुत हॉट लग रही हैं,” मैंने कहा, और उनकी चूची को ब्लाउज के ऊपर से दबा दिया। “आह, अजय, ये गलत है,” भाभी ने कहा, लेकिन उनकी आँखों में वासना थी। मैंने उनका ब्लाउज खोल दिया, और उनकी चूची नंगी हो गयीं—बड़ी, गोल, और निप्पल सख्त। मैंने एक चूची को मुँह में लिया, और उसे चूसने लगा। मेरी जीभ उनके निप्पल पर घूम रही थी, और वो जोर-जोर से चूसने लगा। “आह, अजय, चूस, जोर से चूस!” भाभी चिल्लायीं, उनका हाथ मेरे सिर पर चला गया। मैंने दूसरी चूची को हाथ से मसला, और उनकी चूत में गीलापन महसूस होने लगा।
मैंने भाभी को किचन से उठाकर बेडरूम में ले गया। उनकी साड़ी को पूरा खींचकर उतार दिया, और उनकी पैंटी में उनकी चूत का गीलापन साफ दिख रहा था। “अजय, भैया आ जाएँगे,” भाभी ने कहा, लेकिन मैंने उनकी पैंटी भी उतार दी। उनकी चूत मेरे सामने थी—टाइट, गीली, और गर्म। “भाभी, बस थोड़ा मज़ा लेने दो,” मैंने कहा, और अपना मुँह उनकी चूत के पास ले गया। मेरी जीभ उनकी चूत के होंठों पर फिरी, और फिर अंदर घुस गयी। “आह, अजय, चाट मेरी चूत!” भाभी चीखीं, उनके पैर फैल गए, और मैं उनकी चूत को जोर-जोर से चाटने लगा। मेरी जीभ उनके क्लिट को रगड़ रही थी, और वो अपनी गांड उठाकर मेरे मुँह को चोदने लगीं। “फक, अजय, चाट, मुझे पागल कर दे!” वो चिल्ला रही थीं, उनकी चूत से पानी टपक रहा था, और मैं उसे चाटकर साफ कर रहा था।
“अजय, अब तेरा लंड चाहिए,” भाभी ने हांफते हुए कहा। मैंने अपनी पैंट उतारी, और मेरा लंड बाहर आ गया—9 इंच लंबा, मोटा, और पूरा तना हुआ। “भाभी, मेरा लंड देखो,” मैंने कहा, और उनका हाथ अपने लंड पर रख दिया। उन्होंने उसे पकड़ा, “अजय, ये तो बहुत बड़ा है!” भाभी ने कहा, लेकिन उनकी चूत उसे देखकर और गीली हो गयी। “इसे चूसो, भाभी,” मैंने कहा, और उनका मुँह अपने लंड के पास ले गया। उन्होंने मेरे लंड के सुपाड़े को चाटा, और फिर उसे मुँह में ले लिया। “आह, भाभी, चूसो, जोर से चूसो!” मैं चिल्लाया, और वो मेरा लंड चूसने लगीं। उनका मुँह मेरे लंड से भर गया, उनकी गर्मी मेरे गले तक जा रही थी। मैंने उनके सिर को पकड़कर अपने लंड को उनके मुँह में अंदर-बाहर किया। “अजय, तेरा लंड बहुत मस्त है,” भाभी ने कहा, और फिर से उसे चूसने लगीं।
कुछ देर चूसने के बाद मैंने भाभी को बेड पर लिटाया। “भाभी, पहले तेरी चूत चोदता हूँ,” मैंने कहा, और अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़ा। “चोद, अजय, मेरी चूत चोद!” भाभी ने चिल्लाकर कहा। मैंने एक जोरदार धक्का मारा, और मेरा लंड उनकी चूत में पूरा घुस गया। “आह, फक, अजय, जोर से!” वो चीखीं, मैं उनकी चूची पकड़कर उन्हें चोदने लगा। मेरा चोदना तेज हो गया—हर धक्के में मेरा लंड उनकी चूत की गहराई तक जा रहा था, उनकी चूची हवा में उछल रही थीं। “चोद, अजय, मेरी चूत फाड़ दे!” वो चिल्ला रही थीं, उनका शरीर मेरे हर धक्के के साथ कांप रहा था।
कुछ देर चूत चोदने के बाद मैंने उन्हें उल्टा किया। “भाभी, अब तेरी गांड मारता हूँ,” मैंने कहा, और उनकी गांड को ऊपर उठाया। “अजय, मेरी गांड में मत डाल, दर्द होगा!” भाभी ने कहा, लेकिन मैंने उनकी गांड पर थूक लगाया, और अपने लंड को उनके छेद पर रख दिया। “बस थोड़ा सा, भाभी,” मैंने कहा, और धीरे से अपना लंड उनकी गांड में घुसाया। “आह, अजय, मेरी गांड में लंड!” वो चीखीं, उनकी गांड टाइट थी, लेकिन मैं धीरे-धीरे उन्हें चोदने लगा। “भाभी, तेरी गांड बहुत मस्त है,” मैंने कहा, और उनकी चूची पकड़कर उनकी गांड को जोर-जोर से चोदने लगा। मेरा लंड उनकी गांड में अंदर-बाहर हो रहा था, उनकी चूत से पानी टपक रहा था। “चोद, अजय, मेरी गांड फाड़ दे!” वो सुख में चिल्ला रही थीं। मैंने उनकी गांड को तब तक मारा जब तक उनकी साँसें तेज नहीं हो गयीं।
कुछ देर गांड चोदने के बाद मैंने उन्हें फिर से सीधा किया। “भाभी, अब तेरी चूत में माल डालता हूँ,” मैंने कहा, और अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया। मैं उन्हें तेजी से चोदने लगा, मेरा हर धक्का उनकी चूत की गहराई तक जा रहा था। “चोद, अजय, मेरी चूत में माल डाल!” वो चिल्लायीं, मेरा लंड उनकी चूत में कांपने लगा। “भाभी, मेरा माल आ रहा है,” मैं चिल्लाया, और उनकी चूत में अपना गर्म माल छोड़ दिया। वो भी झड़ गयीं—“आह, अजय, मैं झड़ रही हूँ!” उनकी चूत से पानी निकला, और वो मेरे माल के साथ मिल गया।
हम दोनों हांफते हुए बेड पर गिर पड़े। “अजय, तूने मेरी गांड मारकर मजा दे दिया,” भाभी ने सेक्सी अंदाज में कहा, और मेरे लंड पर एक चुम्बन दिया। “भाभी, जब भी भैया मार्केट जाएँगे, तुम्हारी गांड मारूँगा,” मैंने कहा, और उनकी चूची पर हाथ फेरा। “हाँ, अजय, रोज मारना,” भाभी ने कहा, और मेरी बाहों में समा गयीं।