भाभी की मादक जवानी
गाँव के एक छोटे से घर में रेखा नाम की भाभी रहती थी। 28 साल की रेखा का सांवला बदन, भरे हुए चूचे और कसी हुई गांड किसी भी मर्द का लंड खड़ा कर दे। उसकी साड़ी हर बार उसके मोटे कूल्हों को चूमती थी, और उसकी कमर की लचक देखकर गाँव वाले लार टपकाते थे। उसका पति अजय ट्रक ड्राइवर था, जो हफ्तों घर से गायब रहता। घर में रेखा के साथ सिर्फ उसका देवर राहुल था—24 का जवान लौंडा, लंबा, गोरा, चौड़ी छाती और मजबूत बाहों वाला। उसकी नजरें रेखा के जिस्म पर अटकती थीं, और रेखा भी उसकी शरारत से गीली हो जाती थी।
नजरों का गर्म खेल
पहले तो दोनों में मस्ती चलती थी। राहुल “भाभी” कहकर उसे छेड़ता, और रेखा हँसकर टाल देती। लेकिन एक गर्म दोपहर सब बदल गया। रेखा नहाकर आँगन में थी, उसकी गीली साड़ी उसके जिस्म से चिपकी हुई थी। ब्लाउज़ में उसके मोटे चूचे उभरे पड़े थे, और गीली गांड की गोलाई साफ दिख रही थी। राहुल छत से उसे देख रहा था, उसका लंड पैंट में तन गया। रेखा ने उसे पकड़ लिया और बोली, “क्या ताक रहे हो, राहुल?” राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, “तेरी चूत का नजारा, भाभी, जो हर मर्द चोदना चाहे।”
तन की भूख का आगाज
उस दिन से दोनों के बीच गर्मी बढ़ गई। रेखा रात को रसोई में खाना बनाती, और राहुल की नजरें उसके चूचों से नीचे उसकी चूत तक फिसलतीं। एक रात बिजली गुल हुई। रेखा मोमबत्ती लेने गई, और राहुल पीछे आ धमका। उसकी गर्म साँसें रेखा की गर्दन पर पड़ीं, और उसका लंड पैंट में उछलने लगा। रेखा बोली, “राहुल, हट जा…” लेकिन उसकी चूत गीली हो चुकी थी। राहुल ने उसकी कमर पकड़ी, उसे अपनी ओर खींचा, और उसकी साड़ी में हाथ डाल दिया। रेखा की सिसकारी निकली, और उसका जिस्म पिघल गया।
बारिश में चुदाई की चाहत
एक बारिश की रात ने उनकी चुदाई की आग को और भड़काया। अजय शहर गया था, और घर में सिर्फ रेखा और राहुल थे। रेखा अपने कमरे में थी, उसकी साड़ी भीगकर उसके मोटे चूचों और गांड से चिपक गई थी। राहुल अंदर घुसा, उसकी कमीज़ गीली थी, और उसकी चौड़ी छाती चमक रही थी। उसने कहा, “भाभी, अकेले गीली चूत लिए क्या कर रही हो?” रेखा ने शरमाते हुए कहा, “तेरे भैया नहीं हैं, तो चुदाई कौन करे?” राहुल ने उसका हाथ पकड़ा, और उसकी उंगलियाँ रेखा की चिकनी कमर पर फिसल गईं। दोनों की नजरें मिलीं, और चुदाई का तूफान शुरू हो गया।
होंठों से चूत तक का सफर
राहुल ने रेखा को अपनी बाहों में कस लिया। उसने रेखा के गीले होंठों को चूसा, और उसकी जीभ अंदर डाल दी। रेखा की चूत से पानी टपकने लगा। राहुल ने उसका पल्लू खींचा, और साड़ी फर्श पर गिरी। उसका ब्लाउज़ उसके मोटे चूचों को रोक नहीं पाया। राहुल ने हाथ डालकर चूचे दबाए, और रेखा की सिसकारी निकली, “राहुल… मत चोद मुझे…” लेकिन उसकी चूत चुदने को बेताब थी। राहुल ने ब्लाउज़ फाड़ दिया, और उसकी नंगी पीठ को चाटने लगा। रेखा की गांड उछलने लगी।
दीवार पर चुदाई का नंगा नाच
राहुल ने रेखा को दीवार से सटा दिया। उसने साड़ी पूरी उतार फेंकी, और रेखा का नंगा जिस्म—मोटी जाँघें, गीली चूत और उभरे चूचे—उसके सामने था। उसने रेखा की गर्दन को चूसा, फिर नीचे आते हुए चूचों को मुँह में लिया। रेखा की सिसकियाँ तेज हुईं, और उसने राहुल के लंड को पैंट के ऊपर से दबाया। राहुल का लंड फटने को तैयार था। उसने रेखा की चूत में उंगली डाली, और रेखा चिल्लाई, “आह… चोद डाल मुझे!” राहुल ने उसे और जोर से दबाया, और उसकी चूत गीली होकर टपकने लगी।
बिस्तर पर चुदाई की आग
राहुल ने रेखा को बिस्तर पर पटक दिया। उसने अपनी कमीज़ और पैंट फेंक दी, और उसका मोटा लंड रेखा के सामने लहराने लगा। रेखा ने उसकी छाती को चाटा, और राहुल ने उसकी जाँघें चौड़ी कर दीं। उसने अपना लंड रेखा की चूत पर रगड़ा, और रेखा की चीख निकली, “डाल दे अंदर… चोद मुझे!” राहुल ने एक झटके में लंड पेल दिया, और रेखा की चूत फटने लगी। उसने रेखा के चूचों को दबाया, और दोनों की चुदाई का नंगा खेल शुरू हो गया। रेखा की गांड हिल रही थी, और राहुल का लंड अंदर-बाहर हो रहा था।
रात भर चूत और लंड का खेल
उस रात बारिश के बीच उनकी चुदाई का तूफान थमा नहीं। राहुल ने रेखा को चोदा, उसकी चूत को अपने लंड से रगड़ा, और उसके चूचों को चूस-चूसकर लाल कर दिया। रेखा ने राहुल के लंड को मुँह में लिया, और उसकी सिसकियाँ कमरे में गूँजती रहीं। राहुल ने उसकी गांड को थप्पड़ मारे, और रेखा की चूत बार-बार झड़ती रही। दोनों के जिस्म पसीने और चुदाई की गर्मी से तर थे। रात भर लंड और चूत का खेल चलता रहा, जैसे उनकी भूख कभी खत्म न हो।
सुबह की चुदाई का राज
सुबह जब सूरज निकला, रेखा राहुल के सीने पर नंगी पड़ी थी। उसकी चूत अभी भी गीली थी, और चेहरा चुदाई के मज़े से चमक रहा था। राहुल ने उसकी गांड सहलाई और कहा, “भाभी, ये चुदाई हमारा राज रहेगी।” रेखा ने उसके लंड को हल्के से दबाया और चुप रही। दोनों जानते थे कि ये चुदाई गलत थी, लेकिन उनकी चूत और लंड की भूख उन्हें रोक नहीं पा रही थी। अजय के आने तक ये चुदाई का सिलसिला चलता रहा।
गाँव में चुदाई की अफवाह
गाँव में बातें फैलने लगीं। कुछ लोगों ने रेखा और राहुल को रात में चुदाई करते देखा। सास ने रेखा को ताने मारे, लेकिन राहुल ने सब संभाल लिया। एक दिन अजय लौटा, और उसे शक हुआ। उसने राहुल से पूछा, लेकिन राहुल ने हँसकर टाल दिया। रेखा और राहुल की चुदाई अब एक खतरनाक खेल थी, लेकिन उनकी चूत और लंड की आग कभी ठंडी नहीं पड़ी।