चाचा के लंड ने मेरी चूत फाड़ दी: एक हॉट चुदाई की चीख

Chacha Bhatiji Sex Kahani: मेरा नाम प्रिया है। मैं 22 साल की हूँ, कॉलेज में पढ़ती हूँ। मेरा जिस्म ऐसा है कि मर्दों की नजरें मुझ पर से हटती नहीं—गोरा रंग, मोटी चूचियाँ जो टॉप में कसकर उभरती हैं, और गोल गांड जो जींस में लचकती है। मेरी चूत हमेशा गर्म रहती है, और मैं अक्सर अपनी उंगलियों से उसे शांत करती हूँ। मेरे चाचा, रमेश, 38 साल के हैं। लंबे, सांवले, और मज़बूत जिस्म वाले। उनकी चौड़ी छाती और पैंट में उभरता लंड देखकर मेरी चूत गीली हो जाती थी। वो मेरे मम्मी-पापा के साथ हमारे घर में ही रहते थे।

शुरूआती आग

चाचा की नजरें हमेशा मेरे जिस्म पर टिकती थीं। जब मैं घर में शॉर्ट्स और टॉप में घूमती, उनकी आँखें मेरी चूचियाँ और गांड घूरतीं। एक दिन मैं नहाने जा रही थी, सिर्फ टॉवल लपेटे हुए। चाचा ने मुझे देखा, और उनकी पैंट में लंड तन गया। मैंने शरारत से कहा, “चाचा, क्या देख रहे हो?” वो बोले, “प्रिया, तेरी चूत और गांड को देखकर लंड फट रहा है।” मेरी चूत टपकने लगी, लेकिन मैं शरमाकर चली गई।

रात का मौका

एक रात मम्मी-पापा किसी शादी में गए थे। घर में सिर्फ मैं और चाचा थे। मैं अपने कमरे में थी, टाइट टॉप और पैंटी में। चाचा अचानक अंदर आए। वो सिर्फ लुंगी में थे, और उनका मोटा लंड लुंगी से बाहर झाँक रहा था। वो बोले, “प्रिया, आज रात तू मेरी है।” मैंने घबराते हुए कहा, “चाचा, ये गलत है…” लेकिन मेरी चूत चुदने को बेताब थी।

चूचियों का खेल

चाचा ने मुझे बिस्तर पर धकेल दिया। मेरे टॉप को फाड़ा, और मेरी मोटी चूचियाँ बाहर उछल पड़ीं। वो बोले, “क्या माल चूचे हैं तेरे, प्रिया!” उसने एक चूची मुँह में ली और चूसने लगा। मैं सिसक उठी, “आह… चाचा, चूस डालो मेरी चूचियाँ!” उसने मेरे निप्पल को दाँतों से काटा, और मेरी चूत से पानी बहने लगा। मैंने उसकी लुंगी खींची, और उसका 8 इंच का मोटा लंड बाहर लहराने लगा।

चूत की भूख

मैंने चाचा के लंड को मुँह में लिया। उसका लंड मेरे गले तक गया, और वो सिसक रहा था, “प्रिया, चूस ले मेरा लंड!” मैंने उसे चाटा, उसका माल चखा, और मेरी चूत और गीली हो गई। चाचा ने मेरी पैंटी फाड़ दी। मेरी नंगी चूत उसके सामने थी—गुलाबी और टपकती हुई। उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर फेरी, और मैं चिल्ला उठी, “आह… चाचा, चाट डालो मेरी चूत!” उसने मेरी चूत को चूस-चूसकर लाल कर दिया।

पहला धक्का

चाचा ने मुझे बिस्तर पर लिटाया। मेरी जाँघें चौड़ी कीं, और अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा। मैं चिल्लाई, “डाल दो, चाचा… चोद दो मुझे!” उसने एक झटके में लंड पेल दिया। मेरी चूत टाइट थी, और मेरी चीख निकल गई, “आह… मर गई… चाचा, तेरा लंड मेरी चूत फाड़ देगा!” उसने रुकने का नाम नहीं लिया। उसका लंड मेरी चूत को चोद रहा था, और फच-फच की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। मेरी चूचियाँ उछल रही थीं, और उसने उन्हें कसकर दबाया।

गांड की चुदाई

चाचा ने मुझे घोड़ी बनाया। मेरी गोल गांड ऊपर थी। उसने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा और बोला, “प्रिया, तेरी गांड भी चोदूँगा!” मैं सिसकते हुए बोली, “चोद दो… मेरी गांड फाड़ दो!” उसने अपना लंड मेरी गांड पर रगड़ा और धीरे से डाला। मेरी गांड टाइट थी, और मैं चीख पड़ी, “आह… फट गई मेरी गांड!” उसने मेरी गांड को चोदना शुरू किया, और मेरी चूचियाँ हिल रही थीं।

टेबल पर तूफान

उसने मुझे टेबल पर लिटाया। मेरी टाँगें ऊपर कीं, और मेरी चूत को फिर चोदा। उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। मैं चिल्ला रही थी, “चाचा… मेरी चूत फाड़ दो… चोद डालो!” उसने मेरी चूचियाँ मसलीं, मेरे होंठ चूसे, और मेरी गांड दबाई। मेरी चूत झड़ रही थी, और उसका लंड मुझे रगड़ रहा था। मेरी चीखें कमरे में गूँज रही थीं, “आह… चाचा, मेरी जान निकाल दो!”

बिस्तर का जुनून

चाचा ने मुझे बिस्तर पर पटका। मेरी गांड ऊपर की, और उसने पीछे से मेरी चूत में लंड ठूंस दिया। मैं चिल्लाई, “आह… चाचा, तेरा लंड मेरी चूत सुजा देगा!” उसने मेरी चूचियाँ पकड़ीं और जोर-जोर से चोदा। मेरी चूत का पानी टपक रहा था, और बिस्तर हिल रहा था। वो बोला, “प्रिया, तेरी चूत मेरे लंड की गुलाम है!” मैं सिसक रही थी, “चोदो… और चोदो!”

रात भर की आग

रात भर चाचा ने मुझे चोदा। उसने मुझे बाथरूम में ले जाकर शावर के नीचे चोदा। मेरी चूचियाँ पानी से चमक रही थीं। मैं चिल्लाई, “चाचा, मेरी चूत और गांड दोनों चोद डालो!” उसने मेरा मुँह अपने लंड से भरा, और मैं उसका माल चूस गई। हम पसीने और चुदाई की गर्मी से तर थे। मेरी चीखें थम नहीं रही थीं।

सुबह का नशा

सुबह हुई, और मैं चाचा की बाहों में नंगी पड़ी थी। मेरी चूत सूज गई थी, मेरी गांड लाल थी। वो बोला, “प्रिया, तेरी चूत चोदने का मज़ा गजब है।” मैंने उसके लंड को दबाया और कहा, “चाचा, तेरा लंड मेरी चूत का मालिक है।” मेरी चीखें रात भर गूँजी थीं।

चुदाई का सिलसिला

उस रात के बाद, जब भी मम्मी-पापा घर से बाहर जाते, चाचा मुझे चोदते। मेरी चूत और गांड उनकी गुलाम बन गईं। उनकी चुदाई से मेरी चीखें निकलतीं, और मैं हर बार और माँगती। हमारी चुदाई का खेल चलता रहा।