गर्मियों की छुट्टियाँ थीं, और मैं, रिया, 22 साल की एक सेक्सी लड़की, अपने गाँव आई थी। मेरा फिगर हॉट था—34B की चूचियाँ, पतली कमर, और गोल गांड जो मेरी टाइट सलवार में साफ उभरती थी। गाँव में मेरे चाचा, सुरेश, 40 साल के मज़बूत मर्द थे। उनकी चौड़ी छाती और धोती में छुपा उनका लंड हमेशा मेरी नज़रों में रहता था। उस दिन घर में कोई नहीं था—मम्मी-पापा खेत गए थे, और मैं अकेली थी। चाचा खेत से लौटे, उनकी कमीज पसीने से भीगी थी, और उनकी आँखों में एक भूख थी।
दोपहर का समय था, मैं अपने कमरे में लेटी थी, मेरी सलवार का नाड़ा ढीला था, और मेरी चूत गर्मी से गीली हो रही थी। चाचा अचानक कमरे में आए, “रिया, क्या कर रही हो?” उनकी नज़र मेरी चूचियों पर टिक गई। मैंने शरमाते हुए कहा, “चाचा, बस आराम कर रही हूँ।” लेकिन मेरी आवाज़ में एक अजीब-सी कशिश थी। वो मेरे पास बिस्तर पर बैठ गए, और उनका हाथ मेरे जांघ पर रखा। “तू बहुत सेक्सी हो गई है, रिया,” उन्होंने कहा, और मेरी सलवार के ऊपर से मेरी चूत को सहलाया।
“आह, चाचा, ये क्या कर रहे हो?” मैंने कहा, लेकिन मेरी चूत में गीलापन बढ़ गया। उन्होंने मेरी सलवार का नाड़ा खींचा और उसे नीचे सरका दिया। मेरी चूत नंगी हो गई—हल्के बालों वाली, गीली, और उनकी उंगलियों के लिए तैयार। “रिया, तेरी चूत कितनी मस्त है,” उन्होंने कहा, और अपनी एक उंगली मेरी चूत में डाल दी। “आह, चाचा, मत करो!” मैंने नाटक किया, लेकिन मेरी गांड अपने आप हिलने लगी। उन्होंने उंगली अंदर-बाहर की, और मेरी चूत से पानी टपकने लगा।
“चाचा, ये गलत है,” मैंने फिर कहा, लेकिन वो हँसे, “गलत नहीं, मज़ा है।” उन्होंने अपनी धोती खोली, और उनका लंड बाहर आया—8 इंच लंबा, मोटा, और सख्त। मैंने उसे देखकर अपनी चूत को सहलाया। “चाचा, आपका लंड बहुत बड़ा है,” मैंने शरमाते हुए कहा। उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी कमीज ऊपर उठाकर मेरी चूचियाँ बाहर निकालीं। “तेरी चूचियाँ भी कमाल की हैं,” उन्होंने कहा, और एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगे। “आह, चाचा, चूसो, जोर से!” मैं चिल्लाई।
उनका हाथ मेरी चूत पर था, और वो उसे सहला रहे थे। फिर उन्होंने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा। “रिया, अब तुझे सहलाने का असली मज़ा दूँगा,” उन्होंने कहा, और अपना लंड मेरी चूत में धीरे से घुसा दिया। “आह, फक, चाचा, धीरे!” मैं चीखी, उनका मोटा लंड मेरी टाइट चूत को चौड़ा कर रहा था। उन्होंने धीरे-धीरे धक्के मारे, और मेरी चूत को सहलाते हुए चोदा। “आह, चाचा, मेरी चूत में लंड अच्छा लग रहा है!” मैंने कहा।
उनकी रफ्तार बढ़ी, और वो मेरी चूचियाँ दबाते हुए मेरी चूत में गहरे तक गए। “रिया, तेरी चूत मेरे लंड को चूस रही है,” उन्होंने कहा। मैंने टाँगें चौड़ी कीं, “चोदो, चाचा, मेरी चूत फाड़ दो!” उनकी चुदाई तेज हो गई, हर धक्के में मेरी चूचियाँ उछलतीं, और मेरी गांड बिस्तर पर रगड़ खाती। “फक, चाचा, कितना मज़ा आ रहा है!” मैं चिल्लाई।
उन्होंने मुझे घुमाया और मेरी गांड ऊपर की। “अब तेरी गांड भी सहलाऊँगा,” उन्होंने कहा, और मेरी गांड पर थूक लगाकर अपना लंड उसमें डाला। “आह, चाचा, मेरी गांड में लंड!” मैं चीखी, दर्द और सुख में मिश्रित। उन्होंने मेरी गांड को धीरे-धीरे चोदा, और मेरी चूत से पानी टपकने लगा। “रिया, तेरी गांड भी टाइट है,” उन्होंने कहा।
आखिर में, उन्होंने मुझे फिर से लिटाया और मेरी चूत में अपना लंड घुसाकर तेजी से चोदा। “चोदो, चाचा, मेरे अंदर झड़ जाओ!” मैंने कहा, और वो मेरी चूत में झड़ गए। मैं भी झड़ गई, मेरी चूत से पानी निकला। “अगली बार फिर सहलाऊँगा,” उन्होंने कहा, और मेरी चूचियों पर एक मुद्दु दे दी।