मेरा नाम नेहा है, मैं 22 साल की हूँ, और मैं अपने दादाजी के साथ गाँव में रहती हूँ। मेरा बदन हॉट और सेक्सी है—34D साइज़ की चूची, पतली कमर, और मेरी गांड मेरे टाइट सलवार में गोल और उभरी हुई दिखती है। मेरे दादाजी, रामलाल, 65 साल के हैं, लेकिन उनका शरीर अभी भी मज़बूत है, और उनकी आँखों में एक अजीब सी चमक रहती थी जब वो मुझे देखते थे। एक रात जब घर पर कोई नहीं था, दादाजी ने अपने बूढ़े लंड से मेरी जवान चूत को चोदा, और वो गरम कहानी यहाँ बता रही हूँ।
वो रात मंगलवार की थी। मेरे माता-पिता शहर गए थे, और गाँव के घर में सिर्फ़ मैं और दादाजी थे। मैंने एक पतली नाइटी पहनी थी, जिसमें मेरी चूची और गांड साफ़ दिख रही थीं। रात के 10 बजे मैं अपने कमरे में लेटी थी, जब दादाजी मेरे कमरे में आए। वो सिर्फ़ एक धोती पहने थे, और उनकी मज़बूत छाती और भारी आवाज़ से मेरा दिल धड़कने लगा। “नेहा, सो गई क्या, बेटी?” उन्होंने धीरे से पूछा। “नहीं, दादाजी, बस लेटी हूँ,” मैंने कहा, और मेरी साँसें तेज़ हो गईं।
दादाजी मेरे चारपाई पर बैठ गए और मेरे करीब आए। “नेहा, तू बहुत जवान और खूबसूरत हो गई है,” उन्होंने कहा, और मेरी नाइटी के ऊपर से मेरी चूची पर हाथ रख दिया। “दादाजी, ये क्या कर रहे हो?” मैंने सवाल किया, लेकिन मेरे शरीर में एक अजीब सी उत्तेजना जाग उठी। उन्होंने मेरी नाइटी को ऊपर उठाया, और मेरी चूची उनके सामने आ गईं—गोल, मुलायम, और निप्पल सख्त। उन्होंने एक चूची को मुँह में लिया और चूसना शुरू कर दिया। “आह, दादाजी, चूसो, ज़ोर से चूसो!” मैं सिसकी, मेरा हाथ उनके सिर पर चला गया। उनकी जीभ मेरे निप्पल पर घूम रही थी, और वो ज़ोर-ज़ोर से चूस रहे थे। मेरी चूत गीली हो गई, और मैं सुख से काँपने लगी। “नेहा, तेरी चूची बहुत रसीली हैं,” उन्होंने कहा।
उन्होंने मेरी नाइटी को पूरा उतार दिया, और मेरी जवान चूत उनके सामने आ गई—टाइट, गीली, और गरम। “नेहा, तेरी चूत देखकर मेरा बूढ़ा लंड खड़ा हो गया,” उन्होंने कहा, और मेरी टाँगें चौड़ी करके अपनी जीभ मेरी चूत पर रख दी। वो मेरी चूत को चाटने लगे। “आह, दादाजी, मेरी चूत चाटो!” मैं चिल्लाई, अपनी गांड उठाकर उनके मुँह पर रगड़ने लगी। उनकी जीभ मेरे क्लिट पर घूम रही थी, और मैं सुख से पागल हो रही थी। “फक, दादाजी, चाटो, मुझे पागल कर दो!” मैं चीखी, मेरी चूत से रस टपक रहा था, और वो उसे चाटकर साफ़ कर रहे थे। मैं इतनी गरम हो गई थी कि अब उनका लंड देखने को बेताब थी।
“दादाजी, मुझे आपका लंड दिखाओ,” मैंने बेकरारी से कहा। उन्होंने अपनी धोती हटाई, और उनका बूढ़ा लंड बाहर आया—7 इंच लंबा, मोटा, और सख्त, भले ही उनकी उम्र ज़्यादा थी। “नेहा, मेरा लंड चूसो,” उन्होंने कहा। मैंने उनका लंड हाथ में लिया, उसकी गर्मी और सख्ती को महसूस किया, और फिर उसे मुँह में ले लिया। मैंने उनके लंड की टिप को जीभ से चाटा और उसे पूरा चूसना शुरू कर दिया। “आह, नेहा, चूसो, ज़ोर से चूसो!” वो चिल्लाए, उनका लंड मेरे गले तक गया। मैं उनके बूढ़े लंड की नसों को चूस रही थी, और उनकी मर्दाना गंध मुझे और उत्तेजित कर रही थी। उन्होंने मेरे बाल पकड़े और मेरे मुँह को चोदने लगे। “नेहा, तू बहुत मस्त चूसती है,” उन्होंने कहा, और मेरे मुँह से लार टपक रही थी। उनका बूढ़ा लंड चूसते हुए मुझे अनोखा मज़ा आ रहा था।
कुछ देर तक उनका लंड चूसने के बाद उन्होंने मुझे चारपाई पर लिटाया। “नेहा, अब तेरी जवान चूत को चोदूँगा,” उन्होंने कहा, और अपना बूढ़ा लंड मेरी चूत पर रगड़ा। “चोदो, दादाजी, मेरी चूत चोदो!” मैं चिल्लाई। उन्होंने एक ज़ोरदार धक्का मारा, और उनका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। “आह, फक, दादाजी, ज़ोर से!” मैं चीखी, वो मेरी चूची पकड़कर मुझे चोदने लगे। उनकी चोदाई सख्त और अनुभवी थी—हर धक्के में उनका बूढ़ा लंड मेरी जवान चूत की गहराई में जा रहा था, मेरी चूची हवा में उछल रही थीं। “चोदो, दादाजी, मेरी चूत फाड़ दो!” मैं चिल्लाई, मेरी टाँगें उनकी कमर के चारों ओर लिपट गईं। उन्होंने मेरे होंठों को चूमा, और मैं उनसे चिपक गई।
कुछ देर चूत चोदने के बाद उन्होंने मुझे उलटा किया। “नेहा, अब तेरी गांड भी चोदूँगा,” उन्होंने कहा, और मेरी गांड को ऊपर उठाया। “दादाजी, मेरी गांड में मत डालो, दर्द होगा!” मैंने कहा, लेकिन उन्होंने मेरी गांड पर थूक लगाया और अपना लंड वहाँ सेट किया। “थोड़ा सहन कर, नेहा,” उन्होंने कहा, और धीरे-धीरे अपना बूढ़ा लंड मेरी गांड में डाल दिया। “आह, दादाजी, मेरी गांड में लंड!” मैं चीखी, मेरी गांड टाइट थी, लेकिन वो मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगे। “नेहा, तेरी गांड बहुत टाइट और मस्त है,” उन्होंने कहा, और मेरी चूची पकड़कर मेरी गांड को सख्ती से चोदा। उनका बूढ़ा लंड मेरी गांड में अंदर-बाहर हो रहा था, और मेरी चूत से रस टपक रहा था। “चोदो, दादाजी, मेरी गांड फाड़ दो!” मैं सुख से चिल्लाई।
कुछ देर गांड चोदने के बाद उन्होंने मुझे फिर सीधा किया। “नेहा, अब तेरी जवान चूत में माल डालूँगा,” उन्होंने कहा, और अपना लंड मेरी चूत में डाला। वो मुझे तेज़ी से और सख्ती से चोदने लगे, हर धक्का मेरी चूत की गहराई में जा रहा था। “चोदो, दादाजी, मेरी चूत में माल डालो!” मैं चिल्लाई, मेरा बदन काँप रहा था। “नेहा, मेरा माल आ रहा है,” उन्होंने चीखा, और मेरी चूत में गरम माल छोड़ दिया। मैं भी झड़ गई—“आह, दादाजी, मैं झड़ रही हूँ!” मेरी चूत से रस निकला, और वो उनके माल के साथ मिल गया।
हम दोनों हाँफते हुए चारपाई पर गिर पड़े। “नेहा, तेरी जवान चूत ने मेरे बूढ़े लंड को फिर से जवान कर दिया,” दादाजी ने सेक्सी आवाज़ में कहा, और मेरी चूची पर हाथ रखा। “दादाजी, आपका बूढ़ा लंड मेरी चूत के लिए परफेक्ट है,” मैंने हँसते हुए कहा, और उनके लंड पर एक चुम्मी दी। “नेहा, जब भी घर खाली हो, मैं तुझे चोदूँगा,” उन्होंने कहा, और मुझे गले लगाया। उस रात के बाद, जब भी माता-पिता घर पर नहीं होते, दादाजी अपने बूढ़े लंड से मेरी जवान चूत को चोदते हैं, और मैं उनके अनुभव का पूरा मज़ा लेती हूँ।