Devar Bhabhi Sex Story : मेरा नाम राधा है। मैं 28 साल की हूँ, एक सुंदर, सेक्सी और जवान भाभी, जिसका जिस्म किसी को भी पागल कर दे। मेरा गोरा, चिकना बदन, बड़े-बड़े रसीले चूचियाँ जो साड़ी में उभरकर फटने को तैयार रहते हैं, और मोटी, गोल, भारी गांड जो चलते वक्त लचकती है, किसी भी मर्द का लंड खड़ा कर सकती हैं। मेरी चूत हमेशा गीली, गरम और भूखी रहती थी, लेकिन मेरा पति, रमेश, 32 साल का था—लंबा, सांवला, लेकिन उसका 6 इंच का लंड मेरी चूत को संतुष्ट नहीं कर पाता था। रमेश अक्सर ऑफिस में व्यस्त रहता था, और मेरी चूत की भूख बढ़ती जा रही थी। मेरा देवर, विकास, 24 साल का था—लंबा, सांवला, और मज़बूत जिस्म, जिसकी पैंट में मोटा, 9 इंच का लंड साफ उभरता था। विकास की आँखें मेरी चूचियों और गांड पर टिकती थीं, और मैंने कई बार उसकी नज़रों में मेरी चूत के लिए एक जंगली भूख देखी थी। हमारा घर दिल्ली के एक शांत मोहल्ले में था, जहाँ मैं और विकास अक्सर अकेले रहते थे, क्योंकि रमेश टूर पर चला जाता था।
एक दिन रमेश ने बताया, “राधा, मुझे 15 दिन के लिए मुंबई जाना है। तुम विकास के साथ रहना, मैं जल्दी आऊँगा।” मेरी चूत सुनते ही गरम हो गई। मैंने सोचा, “15 दिन बिना चुदे कैसे रहूँगी? मेरी चूत को मोटा लंड चाहिए, जो रमेश नहीं दे पाता।” रमेश चला गया, और घर में सिर्फ मैं और विकास थे। शाम को मैंने एक टाइट, लाल साड़ी पहनी थी, जिसमें मेरी चूचियाँ ब्लाउज़ से बाहर निकलने को बेताब थीं, और मेरी गांड का उभार साफ झलक रहा था। मेरे निप्पल सख्त होकर ब्लाउज़ में उभर रहे थे, और मेरी चूत गीली हो रही थी। विकास हॉल में बैठा था, और उसकी पैंट में उसका मोटा लंड तन गया। वो बोला, “भाभी, तू तो माल है। मेरी लंड तुझसे तड़प रही है।” मेरी चूत गीली हो गई, और मैं सिसकी, “विकास, ये गलत है… लेकिन मेरी चूत को मोटा लंड चाहिए, जो रमेश नहीं दे पाता। तू मुझे वो सुख दे सकता है जो मेरे पति ने नहीं दिया।”
विकास उठा, और उसके हाथ मेरी साड़ी के पल्लू पर गए। वो बोला, “भाभी, मेरी लंड तेरी चूत को फाड़ देगी। आज तेरी चूत और गांड को मेरा मोटा लंड चोदेगा।” मैं शरमाई, लेकिन मेरी चूत टपकने लगी। वो मेरे पास आए, और मेरी साड़ी का पल्लू खींचकर फेंक दिया। मेरी मोटी, रसीले चूचियाँ ब्लाउज़ से बाहर उछल पड़ीं, गोल, सख्त, और निप्पल लाल, उभरे हुए। विकास बोला, “भाभी, तेरे चूचियाँ तो चूसने लायक हैं!” उसने मेरी एक चूची को अपने मज़बूत, खुरदुरी हाथ में लिया और ज़ोर से दबाया। उसकी उंगलियाँ मेरे निप्पल को मसल रही थीं, और उसकी गर्म, गीली जीभ मेरी चूची पर घूम रही थी। मैं सिसक उठी, “आह… विकास, मेरे चूचियाँ चूस डालो… फाड़ डालो इनको!” उसने मेरी दूसरी चूची को अपने मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। उसके दाँत मेरे निप्पल को काटते, और मेरी चूत टपकने लगी। मैंने उसकी शर्ट खींची, और उसकी चौड़ी, सांवली छाती मेरे सामने थी।
विकास ने मेरी साड़ी, ब्लाउज़, और सलवार एक झटके में फाड़ दी। मेरी नंगी चूचियाँ हवा में लटक रही थीं, और मेरी गांड साफ दिख रही थी। उसने मेरी पैंटी उतारी। मेरी चूत नंगी थी—गीली, गुलाबी, और गरम, उसकी हर सिलवट पानी से चमक रही थी। मेरी गांड का उभार चिकना, मोटा था। विकास बोला, “भाभी, तेरी चूत तो चुदने लायक है… मखमली, गीली, और रसीली!” उसने अपनी उंगलियाँ मेरी चूत में डालीं, और मैं चिल्ला उठी, “आह… विकास, मेरी चूत में आग लग रही है!” उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर फेरी, और मैं पागल हो गई। वो बोला, “तेरी चूत का स्वाद गज़ब है… गरम और रसीला!” उसने मेरी चूत को अपने मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। उसकी गर्म जीभ मेरे चूत के दाने को रगड़ रही थी, और मेरी गांड उछल रही थी। मैं चीखी, “विकास, मेरी चूत चाट डालो… अब चोद डालो!”
विकास ने अपनी पैंट उतारी। उसका 9 इंच का मोटा, काला लंड बाहर लहराने लगा, नसें उभरी हुई और सुपारा लाल, चमकदार। मैंने इसे देखा और बोली, “विकास, ये तो मेरी चूत फाड़ देगा!” वो हँसा और बोला, “भाभी, आज तेरी चूत और गांड का भोसड़ा बनाऊँगा। मेरी मोटा लंड तेरी चूत को वो सुख देगी जो रमेश नहीं दे पाया।” उसने मुझे सोफे पर लिटाया। मेरी टाँगें चौड़ी कीं, और उसने अपना मोटा लंड मेरी चूत पर रगड़ा। उसका सुपारा मेरी चूत की फाँकों को चीर रहा था। मैं तड़प रही थी, “डाल दे, विकास… मेरी चूत को चोद डाल!” उसने एक ज़ोरदार झटका मारा, और उसका मोटा लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। मेरी चूत टाइट थी, और मैं चीख पड़ी, “आह… मेरा हो गया… मेरी चूत फट गई!” विकास ने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे, और मेरी चूचियाँ उछल रही थीं। उसकी मोटा लंड मेरी चूत को रगड़ रहा था, और फच-फच की गीली आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। मेरे चूचियाँ हवा में लटककर हिल रहे थे, और विकास ने उन्हें अपने मज़बूत हाथों से मसला। मैं सिसक रही थी, “चोद… और जोर से चोद… मेरी चूत को फाड़ डाल… तूने वो सुख दिया जो रमेश नहीं दे पाया!”
विकास ने मुझे घोड़ी बनाया। मेरी मोटी, गोल गांड उसके सामने थी, चिकनी और उभरी हुई। उसने मेरी गांड पर चार ज़ोरदार थप्पड़ मारे, और मेरी गांड लाल होकर हिलने लगी। वो बोला, “भाभी, तेरी गांड भी चोदूँगा… इसे मेरे मोटा लंड से फाड़ दूँगा!” मैं सिसकते हुए बोली, “चोद दे, विकास… मेरी गांड फाड़ डाल… तूने मेरी चूत को सुख दिया, अब गांड को भी वो मज़ा दे!” उसने अपने मोटा लंड पर थूक और तेल लगाया, फिर मेरी गांड में धीरे से डाला। मेरी गांड टाइट थी, और मैं चीख पड़ी, “आह… मेरी गांड फट गई!” विकास ने हार्डकोर स्टाइल में ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे, और मेरी गांड को चोदा। मेरी चूचियाँ हिल रही थीं, और मेरी चूत टपक रही थी। उसकी चुदाई से मेरा जिस्म काँप रहा था। मैं चिल्लाई, “विकास, मेरी चूत और गांड दोनों फाड़ डाल… तूने मुझे वो सुख दिया जो रमेश नहीं दे पाया!”
रात गहराई, और हमारी चुदाई का जुनून बढ़ता गया। विकास ने मुझे बेडरूम में ले जाया। उसने मुझे बिस्तर पर पटका, और मेरी टाँगें अपने कंधों पर रख लीं। मेरी चूत और गांड दोनों उसके सामने खुली थीं। उसने मेरी चूत में मोटा लंड पेला, और मैं चिल्लाई, “आह… विकास, मेरी चूत को हार्डकोर से चोद डाल… इसे फाड़ डाल!” उसका मोटा लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। उसने मेरे चूचियाँ अपने मुँह में लिए और चूसने लगा। मैं सिसक रही थी, “चोद… और जोर से चोद… मेरी चूत और गांड दोनों हार्डकोर से फाड़ डालो… तूने मुझे वो सुख दिया जो रमेश नहीं दे पाया!” विकास ने मेरी गांड में उंगली डाली, और मैं चीखी, “मेरी गांड में मोटा लंड डाल, इसे हार्डकोर से भोसड़ा बना डाल!” उसने मेरी गांड में मोटा लंड ठूंस दिया, और मेरी चीखें कमरे में गूँजने लगीं। उसकी हार्डकोर चुदाई से मेरा जिस्म पागल हो गया।
विकास ने मुझे बाथरूम में ले जाया। शावर चालू था, और पानी हमारे नंगे जिस्मों पर पड़ रहा था। मेरी चूचियाँ पानी से चमक रही थीं, और मेरी गांड गीली होकर और रसीली लग रही थी। उसने मुझे दीवार से सटाया और मेरी चूत में मोटा लंड पेला। मैं चिल्लाई, “आह… विकास, मेरी चूत को हार्डकोर से चोद डाल… इसे फाड़ डाल!” उसका मोटा लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था, और पानी मेरे चूचियों पर टपक रहा था। वो बोला, “भाभी, तेरी चूत मेरे मोटा लंड की गुलाम है… इसे हार्डकोर से फाड़ दूँगा!” मैं सिसकी, “चोद… और जोर से चोद… मेरी चूत और गांड दोनों हार्डकोर से फाड़ डाल… तूने मुझे वो सुख दिया जो रमेश नहीं दे पाया!”
सुबह हुई, और मैं विकास की बाहों में नंगी पड़ी थी। मेरी चूत सूजकर लाल हो गई थी, गांड फटकर दर्द से काँप रही थी, और मेरे चूचियाँ नीले पड़ गए थे। वो बोला, “भाभी, तेरी चूत और गांड मेरे मोटा लंड की गुलाम हैं। मैंने तुझे वो सुख दिया जो रमेश नहीं दे पाया।” मैंने उसके मोटा लंड को मुँह में लिया और चूसते हुए बोली, “विकास, मेरी चूत को फिर हार्डकोर से चोद, इसे फाड़ डाल… मेरी गांड को भी हार्डकोर से भोसड़ा बना डाल… तूने मुझे जन्नत दिखा दी!” हमने सुबह की गरम, हार्डकोर चुदाई शुरू की, और यह एक वाइल्ड, हॉट, और सेक्सी रात और सुबह थी, जो कभी खत्म नहीं हुई।