देवर का मोटा लंड और उफ्फ ये गर्मी

Hindi Sex Story गर्मी का मौसम था, जून की तपती दोपहर में हवा भी थम सी गई थी। मैं, पूजा, 30 साल की एक सेक्सी भाभी, अपने कमरे में पंखे के नीचे लेटी थी। मेरी साड़ी पसीने से भीग चुकी थी, मेरी 36D की चूचियाँ ब्लाउज में चिपक रही थीं, और मेरी भारी गांड बिस्तर पर फैली हुई थी। मेरा पति शहर में काम के लिए गया था, और घर में सिर्फ मैं और मेरा देवर, अजय, थे। अजय 26 साल का जवान मर्द था, उसकी चौड़ी छाती और मोटा लंड उसकी पतली धोती में साफ दिखता था। आज की गर्मी में मेरी चूत उसकी मर्दानगी को सोचकर गीली हो रही थी।

दोपहर के 2 बजे थे, मैंने अजय को आवाज़ लगाई, “अजय, पानी ले आओ, उफ्फ ये गर्मी!” वो कमरे में आया, उसकी धोती में उसका लंड हल्का सा उभरा हुआ था। उसने मुझे देखा—मेरी साड़ी मेरी चूचियों पर चिपकी थी, और मेरा पेट नंगा था। “भाभी, आप बहुत हॉट लग रही हो,” उसने मुस्कुराते हुए कहा, और मेरे पास बैठ गया। मैंने नाटक किया, “गर्मी की वजह से सब चिपक रहा है,” लेकिन मेरी चूत में आग लग रही थी।

अजय ने पानी का गिलास मेरे हाथ में दिया, और उसका हाथ मेरी चूचियों को छू गया। “आह, अजय, क्या कर रहे हो?” मैंने कहा, लेकिन मेरी आवाज़ में वासना थी। उसने हँसते हुए कहा, “भाभी, गर्मी में थोड़ा मज़ा कर लें?” उसकी बात सुनकर मेरी चूत और गीली हो गई। उसने मेरी साड़ी का पल्लू खींचा, और मेरी चूचियाँ ब्लाउज में उभर आईं। “तेरी चूचियाँ कितनी मस्त हैं, भाभी,” उसने कहा, और ब्लाउज के ऊपर से उन्हें दबा दिया।

मैंने उसे रोका नहीं, “अजय, ये गलत है,” लेकिन मेरी चूत चीख रही थी। उसने मेरा ब्लाउज खोल दिया, और मेरी चूचियाँ बाहर आ गईं—बड़ी, गोल, निप्पल सख्त। उसने एक चूची को मुँह में लिया और चूसने लगा। “आह, अजय, चूसो, जोर से!” मैं चिल्लाई, मेरी गांड बिस्तर पर हिलने लगी। उसने दूसरी चूची को हाथ से मसला, और मैं उसकी गोद में बैठ गई, उसका लंड मेरी गांड को चुभ रहा था। “उफ्फ ये गर्मी, और तेरा लंड मुझे पागल कर रहा है,” मैंने कहा।

उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी साड़ी पूरी तरह उतार दी। मेरी चूत नंगी हो गई—गीली, गुलाबी, और उसकी चुदाई के लिए तैयार। “भाभी, तेरी चूत कितनी सेक्सी है,” उसने कहा, और अपनी जीभ मेरी चूत पर फिराई। “आह, अजय, चाटो मेरी चूत को!” मैं चीखी, उसकी जीभ मेरी चूत के अंदर तक गई। उसने मेरे क्लिट को चूसा, और मैं अपनी गांड हिलाकर उसका मुँह चोदने लगी। “फक, अजय, चोद दो मुझे!” मैंने कहा।

अजय ने अपनी धोती उतारी, और उसका लंड बाहर आया—10 इंच लंबा, मोटा, और नसों से भरा। “देख, भाभी, मेरा मोटा लंड तेरी चूत के लिए तैयार है,” उसने कहा। मैंने टाँगें चौड़ी कीं, “चोदो, अजय, मेरी चूत फाड़ दो!” उसने अपना लंड मेरी चूत में डाला, और एक जोरदार धक्के से पूरा अंदर घुसा दिया। “आह, फक, कितना मोटा लंड है!” मैं चिल्लाई, उसने मेरी चूचियाँ पकड़कर मुझे चोदना शुरू किया।

उसकी चुदाई तेज थी—हर धक्के में उसका मोटा लंड मेरी चूत की गहराई तक जाता, और मेरी चूचियाँ उछलतीं। “चोदो, अजय, जोर से चोदो!” मैं चीखी, उसने मेरी गांड को थप्पड़ मारे और मेरी चूत को और तेजी से चोदा। “तेरी चूत मेरे लंड को निचोड़ रही है, भाभी,” उसने कहा। उसने मुझे घुमाया और घोड़ी बनाकर मेरी चूत में फिर से लंड डाला। “आह, अजय, मेरी गांड भी मारो!” मैंने कहा।

उसने मेरी गांड पर थूक लगाया और अपना मोटा लंड उसमें घुसा दिया। “फक, भाभी, तेरी गांड कितनी टाइट है!” उसने मेरी चूचियाँ पकड़कर मेरी गांड को चोदा। “चोदो, अजय, मेरी गांड फाड़ दो!” मैं चिल्लाई, उसकी चुदाई से मेरी चूत से पानी टपक रहा था। “उफ्फ ये गर्मी, और तेरा लंड मुझे झड़ा देगा,” मैंने कहा, और मैं झड़ गई—“आह, अजय, मैं झड़ रही हूँ!

उसने मेरी गांड से लंड निकाला और मेरे मुँह में डाल दिया। “चूस, भाभी, मेरे मोटे लंड को!” मैंने उसका लंड चूसा, उसका स्वाद मेरे होश उड़ा रहा था। उसने मेरे मुँह को चोदा और अपना माल मेरे मुँह में छोड़ दिया। “अगली गर्मी में फिर चोदूँगा,” उसने कहा, और मेरी चूत पर एक मुद्दु दे दी।