Ek Young Vidhwa ki Sex Kahani : मेरा नाम रानी है। मैं 26 साल की हूँ, और दो साल पहले मेरे पति की सड़क हादसे में मौत हो गई। उसकी यादें अब धुंधली पड़ चुकी हैं, लेकिन मेरी चूत की आग हर रात मुझे जलाती है। मेरा जिस्म ऐसा है कि गाँव के मर्द मेरे पीछे लार टपकाते हैं—गोरा रंग, मोटी चूचियाँ जो साड़ी में कसकर उभरती हैं, और गोल गांड जो चलते वक्त लचकती है। मेरी कमर पतली है, और होंठ इतने रसीले कि हर मर्द मेरा बिस्तर गर्म करने का सपना देखता है। विधवा हूँ, लेकिन मेरी चूत जवान और भूखी है।
गाँव का माहौल
हमारा गाँव छोटा था, जहाँ हर कोई एक-दूसरे को जानता था। मेरे सास-ससुर पास के शहर में रहते थे, तो मैं अकेली थी। गाँव के मर्द मेरे घर के सामने से गुजरते वक्त मेरी चूचियाँ और गांड घूरते। मुझे उनकी नजरें महसूस होती थीं, और मेरी चूत गीली हो जाती थी। लेकिन मैं शर्मिंदगी में कुछ नहीं कहती थी। रात को मैं अपनी चूत में उंगली डालती, चूचियाँ दबाती, और सोचती, “काश कोई मर्द मेरी चूत को चोद दे।”
नया पड़ोसी
एक दिन गाँव में नया लड़का आया—अर्जुन। 28 साल का जवान मर्द, लंबा, सांवला, और मांसपेशियों से भरा जिस्म। वो मेरे पड़ोस में किराए पर रहने लगा। उसकी चौड़ी छाती और पैंट में उभरता लंड देखकर मेरी चूत फड़फड़ाने लगी। पहली बार वो मेरे घर पानी माँगने आया। मैंने साड़ी का पल्लू थोड़ा नीचे रखा, ताकि मेरी चूचियों की दरार दिखे। वो बोला, “भाभी, आप अकेली रहती हैं?” मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, अर्जुन। कोई मेरे साथ नहीं है।” उसकी आँखों में चुदाई की चमक थी।
गर्म नजरों का खेल
उस दिन से अर्जुन हर बहाने से मेरे घर आने लगा। कभी सब्जी माँगने, कभी कुछ ठीक करने। एक दिन मैं नहाकर बाहर आई, सिर्फ गीली साड़ी में थी। मेरी चूचियाँ साड़ी से चिपक रही थीं, और गांड का उभार साफ दिख रहा था। अर्जुन बाहर बैठा था। उसने मुझे देखा, और उसका लंड पैंट में तन गया। मैंने शरारत से कहा, “क्या घूर रहे हो, अर्जुन?” वो बोला, “रानी, तुम्हारी चूत और गांड देखकर कोई भी पागल हो जाए।” मेरी चूत टपकने लगी।
रात की चुदाई की शुरुआत
एक रात बारिश हो रही थी। बिजली चली गई, और चारों तरफ अंधेरा था। मैं अपनी चूत में उंगली डाल रही थी, जब दरवाजे पर दस्तक हुई। अर्जुन था, भीगा हुआ। उसकी कमीज़ उसके जिस्म से चिपकी थी, और उसका मोटा लंड साफ दिख रहा था। वो बोला, “रानी, ठंड लग रही है। अंदर आ जाऊँ?” मैंने उसे बुलाया। वो मेरे पास बैठा, और उसकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर पड़ने लगीं। मैंने कहा, “अर्जुन, मेरी चूत बहुत तड़प रही है।” वो हँसा और बोला, “तो आज मैं तेरी चूत की प्यास बुझा दूँ।”
चूचियों का मज़ा
अर्जुन ने मुझे अपनी बाहों में खींच लिया। उसने मेरी साड़ी का पल्लू खींचा, और मेरी मोटी चूचियाँ बाहर उछल पड़ीं। उसने मेरे ब्लाउज़ को फाड़ दिया और बोला, “रानी, तेरे चूचे तो माल हैं!” उसने एक चूची मुँह में ली और चूसने लगा। मैं सिसक उठी, “आह… अर्जुन, चूस डाल मेरी चूचियाँ!” उसने मेरे निप्पल को दाँतों से काटा, और मेरी चूत से पानी बहने लगा। मैंने उसकी कमीज़ उतारी, और उसकी चौड़ी छाती को चाटा।
चूत की चुदाई
मैंने अर्जुन की पैंट खींची। उसका 9 इंच का मोटा लंड बाहर लहराने लगा। मैंने उसे मुँह में लिया और चूसने लगी। उसका लंड मेरे गले तक गया, और वो सिसक रहा था, “रानी, तू लंड चूसने की रानी है!” मैंने उसका माल चखा, और मेरी चूत और भूखी हो गई। उसने मुझे बिस्तर पर पटका, मेरी साड़ी पूरी उतार दी। मेरी नंगी चूत उसके सामने थी—गीली और गरम। उसने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा, और मैं चिल्लाई, “डाल दे, अर्जुन… चोद दे मेरी चूत!”
पहला धक्का
अर्जुन ने एक झटके में अपना लंड मेरी चूत में पेल दिया। मेरी चूत दो साल से सूखी थी, और वो चीख पड़ी, “आह… मर गई… तेरा लंड मेरी चूत फाड़ देगा!” उसने रुकने का नाम नहीं लिया। उसका लंड मेरी चूत को चोद रहा था, और फच-फच की आवाज़ गूँज रही थी। उसने मेरी चूचियाँ दबाईं, मेरे निप्पल मसले, और मेरी गांड को थप्पड़ मारे। मैं सिसक रही थी, “चोद… और जोर से चोद, अर्जुन!”
गांड का खेल
उसने मुझे घोड़ी बनाया। मेरी मोटी गांड ऊपर थी। उसने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा और बोला, “रानी, तेरी गांड भी चोदूँ?” मैंने सिसकते हुए कहा, “चोद दे… मेरी गांड फाड़ दे!” उसने अपना लंड मेरी गांड पर रगड़ा और धीरे से डाला। मेरी गांड टाइट थी, और मैं चिल्ला उठी, “आह… फट गई मेरी गांड!” उसने मेरी गांड को चोदना शुरू किया, और मेरी चूचियाँ हवा में लटक रही थीं।
टेबल पर चुदाई
रात बढ़ती गई। अर्जुन ने मुझे टेबल पर लिटाया। मेरी टाँगें ऊपर कीं, और मेरी चूत को फिर चोदा। उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। मैं चिल्ला रही थी, “अर्जुन… मेरी चूत फाड़ दे… चोद डाल!” उसने मेरी चूचियाँ मसलीं, मेरे होंठ चूसे, और मेरी गांड दबाई। मेरी चूत बार-बार झड़ रही थी, और उसका लंड मुझे रगड़ रहा था।
बिस्तर का तूफान
उसने मुझे बिस्तर पर पटका। मेरी गांड ऊपर की, और उसने पीछे से मेरी चूत में लंड ठूंस दिया। मैं चिल्लाई, “आह… अर्जुन, तेरा लंड मेरी जान लेगा!” उसने मेरी चूचियाँ पकड़ीं और जोर-जोर से चोदा। मेरी चूत का पानी टपक रहा था, और बिस्तर हिल रहा था। वो बोला, “रानी, तेरी चूत मेरे लंड की दीवानी है!”
रात भर की आग
रात भर हमारी चुदाई चलती रही। उसने मुझे बाथरूम में ले जाकर चोदा। मेरी चूचियाँ पानी से चमक रही थीं। मैं चिल्लाई, “अर्जुन, मेरी चूत और गांड दोनों चोद डाल!” उसने मेरा मुँह अपने लंड से भरा, और मैं उसका माल चूस गई। हम पसीने और चुदाई की गर्मी से तर थे।
सुबह का नशा
सुबह हुई, और मैं अर्जुन की बाहों में नंगी पड़ी थी। मेरी चूत सूज गई थी, मेरी गांड लाल थी। वो बोला, “रानी, तेरी चूत चोदने का मज़ा गजब है।” मैंने उसके लंड को दबाया और कहा, “तेरा लंड मेरी चूत का राजा है।”
चुदाई का सिलसिला
उस रात के बाद, अर्जुन हर रात मेरे घर आता। मेरी चूत और गांड उसकी गुलाम बन गईं। गाँव वालों को शक हुआ, लेकिन हमें परवाह नहीं थी। हमारी चुदाई का खेल चलता रहा।
अनंत आग
मेरी विधवा चूत को अर्जुन ने जगा दिया। उसका लंड मेरी चूत का मालिक था, और मेरी गांड उसकी दीवानी। यह कहानी एक ऐसी आग थी जो कभी नहीं बुझती।