कहानी: मेरी सास मेरी बीवी से भी हॉट है – सुलोचना की ज़ुबानी
प्रस्तावना: एक जलती हुई चाहत
“हाय, मेरा नाम सुलोचना है। उम्र 45 की हूँ, पर मेरी देह अभी भी ऐसी है कि जवान लड़के मेरी ओर देखते हैं और उनकी साँसें रुक जाती हैं। मेरी बेटी, रानी, मेरे दामाद अजय की बीवी है। रानी खूबसूरत है, पर मुझे हमेशा लगता है कि मेरी जवानी उससे कहीं ज़्यादा गर्म और मादक है। मेरी चूचियाँ भारी और सख्त हैं, मेरी गांड मोटी और गोल है, और मेरी चूत में अभी भी वो आग है जो किसी को भी जला दे। अजय को देखते ही मुझे एक अजीब सी बेचैनी होती थी। वो 28 साल का जवान मर्द, लंबा, चौड़ा कंधा और आँखों में एक शरारती चमक। मैंने सोच लिया था कि इसे अपनी आग दिखानी है।”
पहला कदम: छत पर चाँदनी की आड़
“एक रात की बात है। घर में सब सो गए थे। रानी अपने कमरे में थी, और मैं छत पर चली गई। मैंने नीली साड़ी पहनी थी, जो मेरे जिस्म को कसकर लपेटे हुए थी। मेरी चूचियाँ बाहर को उभरी हुई थीं, और मेरा पेट हल्का सा नंगा था। मैंने अजय को आवाज़ दी, ‘अजय, ज़रा छत पर आना, मुझे कुछ मदद चाहिए।’ वो ऊपर आया, शर्ट और पैंट में, और मुझे देखते ही उसकी नज़र मेरी कमर पर ठहर गई। ‘क्या हुआ, माँ जी?’ उसने पूछा। मैंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘बस, चाँद देख रही थी, सोचा तुझे भी दिखाऊँ।’ मैं उसके पास गई, मेरी साँसें तेज़ थीं, और मैंने जानबूझकर अपना पल्लू गिरा दिया। मेरी चूचियाँ ब्लाउज़ में कैद थीं, पर उनकी शक्ल साफ दिख रही थी। ‘अजय, मेरी साड़ी ठीक कर दे,’ मैंने शरारती अंदाज़ में कहा। उसने हिचकते हुए मेरा पल्लू उठाया, पर उसकी उंगलियाँ मेरी कमर से टकराईं, और मेरे जिस्म में करंट सा दौड़ गया।”
उत्तेजना की शुरुआत: होंठों का खेल
“मैंने उसका हाथ पकड़ा और कहा, ‘अजय, तू कितना मज़बूत है।’ वो शरमा गया, पर मैंने उसकी आँखों में देखा और अपने होंठ उसके करीब ले गई। ‘माँ जी, ये क्या?’ उसने कहा, पर मैंने उसे चुप कर दिया। ‘चुप रह, अजय, मुझे पता है तू भी चाहता है,’ मैंने फुसफुसाया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उफ्फ, कितने गर्म थे उसके होंठ! मैंने उसकी जीभ को चूसा, और वो भी जोश में आ गया। उसने मुझे कसकर पकड़ लिया, मेरी चूचियाँ उसकी छाती से दब गईं। ‘हाय, अजय, तेरा जिस्म कितना सख्त है,’ मैंने सिसकारी भरी। मेरी चूत गीली हो चुकी थी, और मुझे अपने दामाद की ताकत का हर पल मज़ा लेना था।”
गहराई में: चूचियों का नशा
“मैंने उसका हाथ अपनी चूचियों पर रखा और कहा, ‘दबा इन्हें, अजय, देख कितनी सख्त हैं।’ उसने मेरी चूचियों को मसला, और मैं चीख पड़ी, ‘हाय, और ज़ोर से, मुझे दर्द में मज़ा आता है!’ मेरा ब्लाउज़ फटने को था, और मैंने उसे खोल दिया। मेरी नंगी चूचियाँ चाँदनी में चमक रही थीं। ‘चूस इन्हें, अजय,’ मैंने कहा। उसने मेरी एक चूची को मुँह में लिया, ज़ोर-ज़ोर से चूसा, और मेरे निप्पल सख्त हो गए। ‘आह्ह… अजय, तू कितना मस्त चूसता है,’ मैं सिसक रही थी। मेरी चूत टपक रही थी, और मैंने सोचा, ‘रानी से कहीं ज़्यादा मज़ा मुझे देगा ये।’ उसने मेरी दूसरी चूची को मसला, और मैं पागल हो गई, ‘हाय, मेरी चूचियाँ तेरे लिए तरस रही थीं!'”
चरम पर: चूत और लंड का मिलन
“मैंने उसे नीचे लिटाया और कहा, ‘अब मेरी चूत को देख, अजय।’ मैंने साड़ी ऊपर उठाई, मेरी मोटी जाँघें और गीली चूत उसके सामने थी। ‘हाय, माँ जी, ये क्या?’ उसने कहा, पर मैंने हँसते हुए कहा, ‘ये तेरे लिए है, दामाद जी।’ मैंने उसकी पैंट खोली, और उसका लंड बाहर आया। ‘उफ्फ, कितना मोटा और लंबा है तेरा लंड,’ मैंने कहा और उसे सहलाया। वो सिसक उठा, और मैंने कहा, ‘अब इसे मेरी चूत में डाल।’ मैं उस पर बैठ गई, और जब उसका लंड मेरी चूत में घुसा, मैं चीख पड़ी, ‘हाय राम, कितना गहरा जा रहा है!’ मेरी चूत टाइट थी, पर उसकी गर्मी मुझे पागल कर रही थी। ‘धक्के मार, अजय, मेरी चूत को फाड़ दे,’ मैं चिल्लाई। उसने नीचे से कमर उठाई, और हर धक्के में मेरी गांड उछल रही थी। ‘मेरी गांड को थपथपा,’ मैंने कहा, और उसने मेरी मोटी गांड पर ज़ोर से चाँटा मारा। ‘हाय, और मारो, मुझे जलन चाहिए,’ मैं सिसक रही थी।”
चरम सुख: एक गर्म अंत
“उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था, और मैं सिसक रही थी, ‘हाय, अजय, तू रानी से कहीं बेहतर है।’ मेरी चूचियाँ उछल रही थीं, और वो उन्हें पकड़कर मसल रहा था। ‘माँ जी, मैं झड़ने वाला हूँ,’ उसने कहा। ‘अंदर ही झड़ जा, अजय, मुझे तेरे माल की गर्मी चाहिए,’ मैंने कहा। जब उसका गरम माल मेरी चूत में भरा, मैं थरथराते हुए उसके ऊपर ढेर हो गई। ‘हाय, अजय, तेरा लंड मेरी चूत का राजा है,’ मैंने फुसफुसाया। हम दोनों की साँसें तेज़ थीं, और चाँदनी में हमारा पसीना चमक रहा था। ‘ये हमारा राज़ रहेगा, अजय,’ मैंने कहा, और वो शरमाते हुए मुस्कुरा दिया।”
निष्कर्ष: एक नई शुरुआत
“उस रात के बाद, मैंने महसूस किया कि मेरी जवानी अभी बाकी है। अजय का मोटा लंड और उसकी ताकत मुझे हर बार पागल कर देती है। रानी को क्या पता कि उसकी माँ उसकी बीवी से ज़्यादा हॉट है और उसके मर्द को चुदवा रही है। मुझे अपने दामाद की हर छुअन से प्यार हो गया है।”