कल रात डिलीवरी बॉय ने मुझे चोदा जब मैं नशे में थी

मेरा नाम शालिनी है, उम्र 29 साल। मैं एक मॉडर्न और हॉट औरत हूँ, जिसे देखकर हर मर्द का लंड खड़ा हो जाए। मेरा रंग गोरा है, चूचियाँ बड़ी, रसीली और टाइट, गांड मोटी, गोल और थिरकती हुई, और मेरी कमर इतनी पतली कि उस पर हाथ फेरने का मन करे। मेरे होंठ गुलाबी और मांसल हैं, और मेरी आँखों में एक नशीली चमक है जो किसी को भी दीवाना बना दे। मैं दिल्ली में अकेली रहती हूँ, एक बड़े फ्लैट में। मेरा पति नहीं है, और मैं अपनी ज़िंदगी अपने तरीके से जीती हूँ। मुझे पार्टी करना, शराब पीना और मस्ती करना पसंद है। लेकिन कल रात जो हुआ, वो मेरी ज़िंदगी का सबसे गर्म और उत्तेजक अनुभव था, जब एक डिलीवरी बॉय ने मुझे नशे में चोद दिया।

कल रात की बात है। मैं घर पर अकेली थी। मैंने अपने दोस्तों को बुलाया था, और हमने खूब शराब पी। व्हिस्की की बोतलें खुलीं, म्यूज़िक चला, और हम देर रात तक नाचते रहे। मेरे दोस्त रात 1 बजे चले गए, लेकिन मेरा नशा चढ़ा हुआ था। मेरी आँखें धुंधली हो रही थीं, और मेरे शरीर में एक अजीब सी गर्मी थी। मैंने एक पतली नाइटी पहनी थी, जो मेरे शरीर से चिपककर मेरी चूचियों और गांड को उभार रही थी। नशे में मैं लड़खड़ा रही थी, और मुझे भूख लगी थी। मैंने फोन उठाया और एक फूड डिलीवरी ऐप से पिज़्ज़ा ऑर्डर कर दिया। मैं सोफे पर लेट गई, और मेरी नाइटी मेरी जाँघों तक सरक गई थी। मेरी चूचियाँ नाइटी से बाहर झाँक रही थीं, और मैं नशे में सिसक रही थी, “उफ्फ… कोई तो मुझे छू ले!”

करीब आधे घंटे बाद डोरबेल बजी। मैं लड़खड़ाते हुए दरवाज़े तक गई और उसे खोला। सामने एक डिलीवरी बॉय खड़ा था। उसका नाम रवि था, ऐसा उसके बैज पर लिखा था। वो करीब 25 साल का था, साँवला, मज़बूत कद-काठी और उसकी आँखों में एक चमक थी। उसने मुझे देखा, और उसकी नज़रें मेरी चूचियों और जाँघों पर टिक गईं। मैं नशे में बोली, “पिज़्ज़ा लाए हो? अंदर आ जाओ।” वो हिचकते हुए अंदर आया और पिज़्ज़ा सोफे पर रख दिया। मैंने पर्स से पैसे निकालने की कोशिश की, लेकिन नशे में मुझसे कुछ संभाला नहीं जा रहा था। मैं लड़खड़ा गई, और रवि ने मुझे सहारा दिया। उसकी मज़बूत बाँहें मेरी कमर पर थीं, और मैं सिसक उठी, “आह्ह… कितना अच्छा लग रहा है!”

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रवि ने मुझे सोफे पर बिठाया। उसकी नज़रें मेरे शरीर पर थीं, और मैं नशे में हँसते हुए बोली, “क्या देख रहा है? मैं हॉट हूँ ना?” वो हँसा और बोला, “मैडम, आप बहुत खूबसूरत हैं।” मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपनी जाँघ पर रख दिया। वो चौंक गया, लेकिन मैं नशे में बोली, “रवि, थोड़ी देर मेरे पास बैठ।” वो मेरे पास बैठ गया, और उसकी साँसें तेज़ हो गईं। मैंने उसका चेहरा अपने हाथों में लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसका चुम्बन गर्म और सख्त था, और मैं नशे में उसके होंठ चूसने लगी। मेरी जीभ उसके मुँह में घूम रही थी, और मेरे शरीर में आग लग गई थी। वो सिसक उठा, “मैडम, ये क्या कर रही हैं?”

मैंने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए, और उसकी मज़बूत छाती मेरे सामने थी। मैंने उसकी छाती पर हाथ फेरा और बोली, “रवि, मुझे चोद दे!” उसकी आँखों में हवस चमक उठी। उसने मेरी नाइटी के ऊपर से मेरी चूचियों को दबाया, और मैं चीख पड़ी, “आह्ह… रवि, और ज़ोर से!” उसने मेरी नाइटी फाड़ दी, और मेरी नंगी चूचियाँ उसके सामने थीं। मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और उसने एक चूची को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… रवि, चूस इसे, मुझे जलन हो रही है!” उसकी जीभ मेरे निप्पल पर नाच रही थी, और उसका दूसरा हाथ मेरी दूसरी चूची को मसल रहा था। मेरी चूत गीली हो गई थी, और मैं तड़प रही थी।

उसने मेरी पैंटी उतार दी, और मेरी चिकनी चूत उसके सामने थी। उसने मेरी जाँघों को फैलाया और मेरी चूत पर अपनी उंगली फिराई। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… रवि, अंदर डाल!” उसने अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी, और मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… और कर!” उसने अपनी पैंट उतारी, और उसका मोटा लंड मेरे सामने था। वो काला, लंबा और सख्त था। मैं नशे में बोली, “ये तो बहुत बड़ा है!” उसने हँसते हुए कहा, “मैडम, ये आपके लिए है।” उसने मुझे सोफे पर लिटाया और मेरी चूत पर अपना लंड रखा। मैं काँप रही थी और बोली, “रवि, आहिस्ता डालना।” उसने एक ज़ोरदार धक्का मारा, और उसका लंड मेरी चूत में घुस गया। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… रवि, मेरी चूत फट गई!”

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वो ज़ोर-ज़ोर से ठाप मारने लगा, और मेरी चूचियाँ उछल रही थीं। मैं नशे में सिसक रही थी, “उफ्फ… रवि, और ज़ोर से चोद!” उसकी ठापों से मेरा पूरा शरीर हिल रहा था, और मेरी चूत से रस बह रहा था। उसने मेरी चूचियों को पकड़ा और उन्हें मसलने लगा। मैं चीख रही थी, “आह्ह… रवि, मेरी चूचियाँ दबा, मुझे जलन चाहिए!” उसने मेरे निप्पल काटे, और मैं तड़प उठी, “उफ्फ… और कर!” उसकी ठापों से कमरा गूँज रहा था, और मेरी सिसकियाँ तेज़ हो रही थीं। मैं नशे में सब भूल चुकी थी, और मुझे सिर्फ उसका लंड चाहिए था।

कुछ देर बाद उसने मुझे घोड़ी बनाया। मेरी गांड उसके सामने ऊँची हो गई, और उसने मेरी गांड पर हाथ फेरा। वो बोला, “मैडम, आपकी गांड बहुत मस्त है।” मैं नशे में बोली, “रवि, इसे भी चोद दे!” उसने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी गांड में डाल दिया। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… रवि, मेरी गांड फट गई!” वो मेरी गांड में ठाप मारने लगा, और मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… और ज़ोर से, मुझे दर्द चाहिए!” उसने मेरी गांड पर थप्पड़ मारे, और मैं चीख रही थी, “आह्ह… मारो और, मेरी गांड लाल कर दो!” उसकी ठापों से मेरी गांड जल रही थी, और मेरी चूत से रस टपक रहा था।

फिर उसने मुझे अपनी गोद में उठाया और मेरी चूत में ठाप मारने लगा। मैं उसके कंधों पर थी और चीख रही थी, “आह्ह… रवि, मुझे उड़ा दो!” उसने मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदा, और उसकी ठापों से मेरा पूरा शरीर काँप रहा था। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… रवि, तेरा लंड बहुत मस्त है!” उसने मेरी चूचियों को चूसा, और मैं तड़प रही थी, “आह्ह… और चूस!” उसने मुझे फर्श पर पटक दिया और मेरी चूत में फिर से ठाप मारने लगा। मैं चीख रही थी, “रवि, मेरी चूत फाड़ दे!” उसकी ठापों से फर्श हिल रहा था, और मेरी सिसकियाँ आसमान तक जा रही थीं।

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कुछ देर बाद उसने मुझे घोड़ी बनाकर मेरी गांड में फिर से ठाप मारी। मैं सिसक रही थी, “आह्ह… रवि, मेरी गांड जल रही है!” उसने मेरी गांड पर थप्पड़ मारे, और मैं चीख रही थी, “उफ्फ… और मारो!” उसकी ठापों से मेरी गांड लाल हो गई थी, और मेरी चूत से रस बह रहा था। मैंने कहा, “रवि, मेरे मुँह में डाल!” उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया, और मैं उसे ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। वो सिसक रहा था, “आह्ह… मैडम, तेरा मुँह बहुत गर्म है!” मैं उसका लंड चूस रही थी, और मेरी जीभ उसके टोपे पर नाच रही थी।

आखिर में उसने मुझे सोफे पर लिटाया और मेरी चूत में ठाप मारने लगा। मैं सिसक रही थी, “रवि, मुझे चोद डाल!” वो ज़ोर-ज़ोर से ठाप मार रहा था, और मेरी चूचियाँ उछल रही थीं। उसने कहा, “मैडम, मैं झड़ने वाला हूँ!” मैं नशे में चीख रही थी, “रवि, मेरी चूत में झड़ जा!” उसने तेज़ ठाप मारी, और उसका गर्म माल मेरी चूत में भर गया। मैं काँपते हुए सोफे पर गिर पड़ी, और वो मेरे ऊपर ढेर हो गया। हम दोनों हाँफ रहे थे, और मेरा शरीर पसीने और रस से भीगा हुआ था।

उसने मेरे कान में फुसफुसाया, “मैडम, आप बहुत मस्त हैं।” मैं नशे में हँसते हुए बोली, “रवि, तूने मुझे जन्नत दिखा दी।” वो उठा, अपने कपड़े पहने और चला गया। सुबह जब मेरा नशा उतरा, तो मुझे सब याद आया। रवि की ठापें, उसका मोटा लंड, और मेरी सिसकियाँ। मैं शरम से लाल हो गई, लेकिन मन में एक अजीब सा सुकून था। उस रात के बाद मैं जब भी पिज़्ज़ा ऑर्डर करती हूँ, रवि को बुलाती हूँ, और वो मुझे फिर से चोदता है। ये हमारा गुप्त खेल बन गया है।