कल रात मेरा ड्राइवर मुझे चोदा जब मैं नशे में थी

Driver Malkin Sex Story : मेरा नाम रिया है, उम्र 29 साल। मैं एक मॉडर्न औरत हूँ, जो अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीती है। मेरे पति, अजय, एक बड़े बिजनेसमैन हैं और अक्सर बाहर रहते हैं। मैं दिल्ली में अपने बड़े बंगले में अकेली रहती हूँ, बस कुछ नौकर और मेरा ड्राइवर, रमेश, मेरे साथ होते हैं। मैं दिखने में काफी हॉट हूँ, ऐसा लोग कहते हैं। मेरा रंग गोरा है, चूचियाँ बड़ी और टाइट हैं, कमर पतली और गांड भारी और गोल। मेरे होंठ गुलाबी और आँखों में एक नशीली चमक है। लेकिन ये कहानी मेरे हुस्न की नहीं, बल्कि उस रात की है जब मैं नशे में थी और रमेश ने मेरे साथ वो किया, जो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था।

कल रात की बात है। अजय लंदन गए थे, और मैं घर पर अकेली थी। मुझे पार्टी करने का शौक है, तो मैंने अपनी सहेली प्रिया को बुलाया। हम दोनों ने खूब शराब पी, डांस किया और देर रात तक मस्ती की। प्रिया रात 1 बजे अपनी कार से चली गई, लेकिन मैं इतने नशे में थी कि ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी। मेरी आँखें धुंधली हो रही थीं, और शरीर में एक अजीब सी गर्मी थी। मैंने सोचा कि बेडरूम तक पहुँच जाऊँगी, लेकिन सीढ़ियों पर ही लड़खड़ा गई। तभी रमेश वहाँ आया। रमेश मेरा ड्राइवर है, उम्र करीब 35 साल, काला रंग, मज़बूत कद-काठी और उसकी आँखों में हमेशा एक अजीब सी चमक रहती थी। उसने मुझे सहारा दिया और कहा, “मैडम, आप ठीक हैं? मैं आपको ऊपर ले चलूँ?” मैं नशे में हँसते हुए बोली, “हाँ रमेश, ले चल, वरना मैं यहीं सो जाऊँगी।”

रमेश ने मुझे अपनी बाँहों में उठा लिया। उसकी मज़बूत बाँहें मेरे कमर और पीठ को छू रही थीं, और नशे में मुझे उसकी गर्मी अच्छी लग रही थी। उसने मुझे मेरे बेडरूम तक पहुँचाया और बिस्तर पर लिटा दिया। मैंने अपनी सिल्क की नाइटी पहनी थी, जो मेरे शरीर से चिपकी हुई थी। मेरी चूचियाँ उसमें से साफ दिख रही थीं, और नाइटी का नीचे का हिस्सा मेरी जाँघों तक सरक गया था। रमेश मेरे पास खड़ा था, और मैंने देखा कि उसकी नज़रें मेरे शरीर पर टिकी थीं। मैं नशे में बोली, “क्या देख रहा है, रमेश? जा अब।” लेकिन वो हिला नहीं। उसने धीरे से कहा, “मैडम, आप बहुत खूबसूरत लग रही हैं।” मैं हँस पड़ी और बोली, “अच्छा? तो क्या करेगा?” मुझे नहीं पता था कि मेरे ये शब्द उसे उकसा देंगे।

रमेश मेरे और करीब आया। उसकी साँसें तेज़ थीं, और उसकी आँखों में एक जंगलीपन था। उसने मेरे कंधे पर हाथ रखा और कहा, “मैडम, मैं आपको बहुत दिनों से चाहता हूँ।” मैं नशे में थी, मेरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था। मैंने कुछ नहीं कहा, बस उसकी ओर देखती रही। उसने मेरे चेहरे को अपने हाथों में लिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसका चुम्बन गर्म और सख्त था, और मैं नशे में उसका जवाब देने लगी। मेरी जीभ उसके मुँह में चली गई, और हम दोनों एक-दूसरे को चूसने लगे। मेरे शरीर में एक अजीब सी उत्तेजना जाग रही थी। रमेश ने मेरी नाइटी के ऊपर से मेरी चूचियों को दबाया, और मैं सिसकारी भरते हुए बोली, “आह्ह… रमेश, ये क्या कर रहा है?” उसने कहा, “मैडम, आप बहुत दिनों से मुझे तड़पा रही हैं, आज मुझे मौका मिला है।”

उसने मेरी नाइटी को कंधों से नीचे खींच दिया। मेरी चूचियाँ अब उसके सामने नंगी थीं, और मेरे निप्पल सख्त हो गए थे। रमेश ने मेरी एक चूची को मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। मैं नशे में सिसक रही थी, “उफ्फ… रमेश, कितना मज़ा आ रहा है!” उसकी जीभ मेरे निप्पल पर घूम रही थी, और उसका दूसरा हाथ मेरी दूसरी चूची को मसल रहा था। मेरी साँसें तेज़ हो गई थीं, और मेरी चूत में एक अजीब सी खुजली शुरू हो गई थी। मैंने उसका सिर अपनी चूचियों पर दबाया और बोली, “और ज़ोर से चूस, रमेश!” उसने मेरी दोनों चूचियों को बारी-बारी चूसा, और मेरी सिसकियाँ पूरे कमरे में गूँजने लगीं।

रमेश ने मेरी नाइटी को पूरा खींचकर उतार दिया। अब मैं सिर्फ पैंटी में थी, जो मेरे नशे और उत्तेजना से गीली हो चुकी थी। उसने मेरी पैंटी को भी नीचे खींच दिया, और मेरी चिकनी, गोरी चूत उसके सामने थी। उसने मेरी जाँघों को फैलाया और मेरी चूत पर अपनी उंगलियाँ फिराईं। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… रमेश, ये क्या कर रहा है?” उसने कहा, “मैडम, आपकी चूत बहुत गर्म है, इसे ठंडा करना पड़ेगा।” उसने अपनी एक उंगली मेरी चूत में डाल दी, और मैं तड़प उठी। मेरी चूत टाइट थी, और उसकी उंगली मुझे अंदर तक महसूस हो रही थी। उसने उंगली अंदर-बाहर करनी शुरू की, और मैं सिसकते हुए बोली, “उफ्फ… रमेश, और कर!”

रमेश ने अपनी पैंट उतारी, और जब उसका लंड बाहर आया, मेरी आँखें फटी रह गईं। उसका लंड मोटा और लंबा था, काला और सख्त, जैसे कोई हथियार। मैं नशे में बोली, “ये क्या है, रमेश? इतना बड़ा!” उसने हँसते हुए कहा, “मैडम, ये आपके लिए है।” उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरे पैर फैला दिए। उसका लंड मेरी चूत के मुँह पर टच हुआ, और मैं काँप उठी। मैंने कहा, “रमेश, आहिस्ता डालना, मैं मर जाऊँगी।” उसने मेरी कमर पकड़ी और एक ज़ोरदार धक्का मारा। उसका मोटा लंड मेरी चूत में घुस गया, और मैं चीख पड़ी, “आह्ह… रमेश, फट गई मेरी चूत!”

रमेश ने धीरे-धीरे ठाप मारना शुरू किया। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था, और मुझे दर्द के साथ-साथ मज़ा भी आ रहा था। मैं नशे में सिसक रही थी, “रमेश, और ज़ोर से, मुझे चोद डाल!” उसने अपनी रफ्तार बढ़ा दी, और हर धक्के के साथ मेरी चूचियाँ उछल रही थीं। उसने मेरी चूचियों को पकड़कर मसला, और मैं चीख रही थी, “उफ्फ… रमेश, कितना मज़ा दे रहा है!” उसका लंड मेरी चूत में गहराई तक जा रहा था, और मेरी साँसें रुक रही थीं। मैंने उसकी कमर पकड़कर उसे और अंदर खींचा, और वो ज़ोर-ज़ोर से मुझे चोदने लगा। कमरे में मेरी सिसकियाँ और उसकी ठापों की आवाज़ गूँज रही थी।

कुछ देर बाद रमेश ने मुझे घोड़ी बनाया। मैं अपने घुटनों और हाथों के बल झुक गई, और मेरी गांड उसके सामने ऊँची हो गई। उसने मेरी गांड पर हाथ फेरा और कहा, “मैडम, आपकी गांड भी बहुत मस्त है।” मैं नशे में बोली, “तो इसे भी चोद दे, रमेश।” उसने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी गांड के छेद पर रखा। मैं काँप रही थी, लेकिन नशे में मुझे सब अच्छा लग रहा था। उसने एक ज़ोरदार धक्का मारा, और उसका मोटा लंड मेरी गांड में घुस गया। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… रमेश, मेरी गांड फट गई!” दर्द बहुत था, लेकिन नशे ने उसे मज़े में बदल दिया।

रमेश ने मेरी गांड में ठाप मारना शुरू किया। उसका लंड मेरी गांड को फाड़ रहा था, और मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… रमेश, और ज़ोर से!” उसने मेरी गांड पर थप्पड़ मारे, और मेरी चीखें तेज़ हो गईं, “हाय… मारो और, मुझे जलन हो रही है!” उसकी ठापों से मेरी गांड लाल हो गई, और मेरी चूत से रस टपक रहा था। उसने मेरी चूचियों को पकड़कर मुझे पीछे खींचा, और मैं उसके हर धक्के के साथ तड़प रही थी। मेरे शरीर में एक अजीब सी गर्मी थी, और मैं नशे में सब कुछ भूल चुकी थी।

कुछ देर बाद रमेश बोला, “मैडम, मैं झड़ने वाला हूँ।” मैं नशे में सिसकते हुए बोली, “अंदर ही झड़ जा, रमेश, मुझे तेरे माल की गर्मी चाहिए।” उसने कुछ तेज़ धक्के मारे, और फिर उसका गर्म माल मेरी गांड में भर गया। मैं काँपते हुए बिस्तर पर गिर पड़ी, और रमेश मेरे ऊपर ढेर हो गया। हम दोनों की साँसें तेज़ थीं, और मेरा शरीर पसीने और नशे से भीगा हुआ था। रमेश मेरे कान में फुसफुसाया, “मैडम, आप जैसी मालकिन मुझे कहीं नहीं मिलेगी।” मैं नशे में हँसते हुए बोली, “रमेश, तूने मुझे रातभर चोदा, अब ये हमारा राज़ रहेगा।”

सुबह जब मेरा नशा उतरा, तो मुझे सब याद आया। रमेश की ठापें, उसका मोटा लंड, और मेरी सिसकियाँ। मैं शरम से लाल हो गई, लेकिन मन में एक अजीब सा सुकून भी था। रमेश सुबह मुझे देखकर मुस्कुराया, और मैंने उसकी आँखों में वही जंगलीपन देखा। उस रात के बाद मेरे और रमेश के बीच एक गुप्त रिश्ता बन गया, जो नशे में शुरू हुआ और अब मेरी जिंदगी का हिस्सा है।