Holi Ke Ek Din Pahle Bhabhi aur Unki Bahan ki Chudai : मेरा नाम रवि है, उम्र 28 साल। मैं दिल्ली के एक मोहल्ले में रहता हूँ। मेरा जिस्म मज़बूत है—चौड़ी छाती, मोटा लंड, और एक ऐसी हवस जो किसी की चूत को तबाह कर दे। मेरे बड़े भाई की पत्नी, रीना भाभी, 30 साल की थी—गोरी, भरी हुई चूचियाँ, पतली कमर, मोटी जाँघें, और एक ऐसी गांड जो उसकी साड़ी में मटकती थी। उसकी जवानी सुलग रही थी, और उसकी हर अदा मेरे लंड को तड़पाती थी। होली से एक दिन पहले उसकी बहन, पूजा, 26 साल की, हमारे घर आई। पूजा सांवली थी, लेकिन उसकी रसीली चूचियाँ, टाइट चूतड़, और गुलाबी होंठ किसी को भी पागल कर सकते थे। दोनों बहनें मुझे शरारती नज़रों से देखती थीं, और उनकी मटकती गांड मेरे लंड को बेकाबू कर रही थी।
होली से एक दिन पहले सुबह से घर में हलचल थी। भाई को ऑफिस से फोन आया, “रवि, मुझे बाहर जाना है, कल सुबह लौटूँगा। घर संभालना।” वो चला गया, और मैं, भाभी, और पूजा अकेले रह गए। दिनभर हमने होली के लिए रंग, गुजिया, और मिठाइयाँ तैयार कीं। शाम को भाभी ने टाइट सलवार-कमीज़ पहनी, जिसमें उसकी चूचियाँ उभर रही थीं, और उसकी गांड हर कदम पर लहरा रही थी। पूजा ने एक चुस्त टी-शर्ट और जींस पहनी थी, जिसमें उसकी चूतड़ मटक रहे थे। मैं हॉल में बैठा था, और दोनों बहनें मेरे पास रंग लेकर आईं। “रवि, होली से पहले थोड़ा मज़ा करें?” भाभी ने शरारती लहजे में कहा। “हाँ, भाभी, मज़ा तो जवानी में है,” मैंने हँसकर जवाब दिया। पूजा ने मेरे गाल पर रंग मला, और उसकी जाँघें मेरे शरीर से रगड़ खा रही थीं।
रात गहरी हुई। हम हॉल में बैठकर रंगों से खेल रहे थे। भाभी ने एक कटोरा गुलाल लिया और मेरे चेहरे पर मल दिया। मैंने उसकी कमर पकड़कर उसे अपनी ओर खींच लिया। उसकी चूचियाँ मेरे सीने से टकराईं, और उसकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर फैल गईं। पूजा पीछे से आई और मेरे कंधों पर रंग डालकर मेरी कमर को सहलाने लगी। मैंने भाभी के गुलाबी होंठों पर एक जंगली किस कर दिया। मेरी जीभ उसके मुँह में घुस गई, और मैं उसके होंठों को चूसने लगा। उसका किस इतना गर्म था कि मेरा लंड पैंट में तड़पने लगा। “रवि, ये क्या कर रहा है?” उसने सिसकते हुए कहा, लेकिन उसकी आँखों में हवस थी। मैंने उसकी कमीज़ ऊपर उठाई, और उसकी गोरी चूचियाँ मेरे सामने नंगी हो गईं। “भाभी, तेरी चूचियाँ कितनी रसीली हैं,” मैंने गुर्राया। मैंने उसकी एक चूची को अपने मुँह में लिया और उसे ज़ोर से चूसने लगा। मेरी जीभ उसके निप्पल पर नाच रही थी, और मेरा दूसरा हाथ उसकी दूसरी चूची को मसल रहा था। वो सिसकारियाँ भर रही थी, “रवि, मेरी चूचियाँ चूसो!”
पूजा मेरे पास आई और मेरी शर्ट फाड़ डाली। उसकी उंगलियाँ मेरी चौड़ी छाती पर फिसल रही थीं। मैंने उसकी टी-शर्ट खींचकर फाड़ दी, और उसकी रसीली चूचियाँ उछल पड़ीं। “पूजा, तेरी चूचियाँ कितनी मस्त हैं,” मैंने कहा। मैंने उसकी एक चूची को चूसा, और मेरा हाथ उसकी जींस में घुस गया। मैंने उसकी जींस और पैंटी उतार दी, उसकी चूत मेरे सामने नंगी हो गई। उसकी टाइट चूतड़ मेरे हाथों में थिरक रहे थे। मैंने भाभी की सलवार का नाड़ा खोला, और उसकी मोटी जाँघें नंगी हो गईं। मैंने उसकी पैंटी फाड़ डाली, और उसकी गीली चूत मेरे सामने चमक रही थी। “भाभी, तेरी चूत और गांड देखकर मेरा लंड तड़प रहा है,” मैंने कहा। मैंने दोनों को सोफे पर बिठाया। भाभी की चूत को चाटते हुए मैंने पूजा की चूत में उंगलियाँ डालीं। भाभी चीख रही थी, “रवि, मेरी चूत चाटो!” और पूजा सिसक रही थी, “मेरी चूत को भी चूसो!” मैंने दोनों की चूत को बारी-बारी चाटा, उनका गर्म रस मेरे होंठों पर फैल गया।
मैंने अपनी पैंट उतारी, और मेरा मोटा लंड उनके सामने नंगा हो गया। “रवि, तेरा लंड कितना मस्त है,” भाभी ने सिसकते हुए कहा। उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लिया और उसे चूसने लगी। पूजा मेरे चूतड़ों को सहला रही थी, और उसकी जीभ मेरे लंड पर फिसल रही थी। दोनों बहनों ने मेरे लंड को चूस-चूसकर गीला कर दिया। मैंने भाभी को सोफे पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ गया। मेरी जाँघें उसकी जाँघों को कुचल रही थीं, और मेरा लंड उसकी चूत से टकरा रहा था। “भाभी, अब तेरी चूत की चुदाई होगी,” मैंने गुर्राया। मैंने उसके होंठों पर एक और जंगली किस किया, मेरी जीभ उसकी चूचियों तक सरकी, और मैंने उसके निप्पल को काट लिया। मैंने अपने लंड को उसकी चूत में सटा दिया और एक ज़ोरदार धक्का मारा। उसकी चीख गूँज उठी, “रवि, तेरा लंड मेरी चूत फाड़ देगा!” मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया। मैंने उसकी कमर जकड़ी और उसे चोदना शुरू कर दिया। मेरे हर धक्के से उसकी चूचियाँ उछल रही थीं, और उसकी गांड मेरे लंड से टकरा रही थी। “रवि, और ज़ोर से चोदो!” उसने चीखा।
पूजा मेरे पास आई, “मुझे भी चोदो, रवि!” मैंने भाभी को छोड़ा और पूजा को बिस्तर पर पटक दिया। उसकी जाँघें फैलाईं, और मेरा लंड उसकी चूत में ठूँस दिया। “पूजा, तेरी चूत कितनी टाइट है,” मैंने कहा। मैंने उसे ज़ोर से चोदा, उसकी चूचियाँ मेरे धक्कों से हिल रही थीं। भाभी मेरे पीछे आई और मेरे चूतड़ों को मसलने लगी। मैंने उसे फिर से चोदा। मैंने भाभी को उल्टा किया, उसकी गांड ऊँची हुई, और मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड घुसा दिया। “रवि, मेरी गांड मारो!” उसने चीखा। मैंने उसके चूतड़ों पर थप्पड़ मारे और उसे चोदा। उसकी चूत मेरे लंड को निचोड़ रही थी। फिर मैंने पूजा को उल्टा किया, उसकी गांड ऊँची की, और उसकी चूत में लंड डाला। “रवि, मेरी चूत फाड़ दो!” उसने सिसकते हुए कहा। मैंने उसके चूतड़ों को मसला और उसे तबाह कर दिया।
मैंने दोनों को रसोई में ले जाया। भाभी को काउंटर पर बिठाया, उसकी चूत में लंड डाला, और उसे चोदा। मेरे धक्कों से उसकी चूचियाँ उछल रही थीं। पूजा मेरे पीछे आई, और मैंने उसे दीवार से सटाकर उसकी चूत में लंड ठूँसा। “रवि, मेरी चूत को मत छोड़ो!” वो चीख रही थी। मैंने दोनों की चूत को बारी-बारी चोदा। फिर मैंने उन्हें छत पर ले जाया। रात की ठंडी हवा में उनकी चूचियाँ सख्त हो गई थीं। मैंने भाभी को दीवार से सटाया और उसकी चूत में लंड डाला। मेरे धक्कों से उसकी गांड हिल रही थी। पूजा मेरे सामने झुकी, और मैंने उसकी चूत को पीछे से चोदा। दोनों की सिसकारियाँ छत पर गूँज रही थीं। मैंने भाभी को नीचे लिटाया, उसकी जाँघें फैलाईं, और उसकी चूत में लंड ठूँस दिया। “रवि, मेरी चूत को चोद-चोदकर भर दो!” उसने चीखा। मैंने पूजा को अपने ऊपर बिठाया, और उसकी चूत में लंड डाला। दोनों की चूतें मेरे लंड से टकरा रही थीं।
सुबह तक मैंने भाभी और पूजा को चोदा। उनकी चूत, गांड, चूचियाँ, जाँघें, चूतड़ मेरे लंड की गर्मी से भर गए। होली से पहले की वो रात उनकी चीखों और मेरे जुनून से रंगीन हो गई।