हॉट और जवानी से भरपूर मौसी की चुदाई की कहानी

Hot Sexy Mausi ki Chudai ki Kahani : मेरा नाम अर्जुन है, उम्र 25 साल। मैं मुंबई में एक छोटी सी नौकरी करता हूँ। मेरा जिस्म मज़बूत है—चौड़ी छाती, मोटा लंड, और एक ऐसी हवस जो किसी की चूत को तबाह कर सकती है। मेरी मौसी, राधा, 38 साल की थी—गोरी, भरी हुई चूचियाँ, पतली कमर, मोटी जाँघें, और एक ऐसी गांड जो उसकी साड़ी में लचकती थी। उसका पति सालों पहले उसे छोड़कर चला गया था, और तब से वो अकेली थी। उसकी जवानी अभी भी सुलग रही थी—उसके गुलाबी होंठ, उसकी कमर की थिरकन, और उसकी चूतड़ों की मस्ती मुझे रातों को तड़पाती थी। वो मुझे देखकर हँसती, और उसकी आँखों में एक शरारती भूख चमकती थी।

पिछले महीने मैं छुट्टियों में अपने गाँव गया। मौसी मेरे घर के पास ही रहती थी। एक रात गर्मी बहुत थी, और मैं अपने कमरे में सिर्फ़ लुंगी पहने लेटा था। मेरा लंड गर्मी से तन रहा था। अचानक दरवाजे पर दस्तक हुई। “अर्जुन, सो गए क्या?” मौसी की मादक आवाज़ थी। मैंने दरवाजा खोला, वो टाइट साड़ी में खड़ी थी। उसकी चूचियाँ ब्लाउज़ में उभर रही थीं, और उसकी गांड साड़ी में मटक रही थी। “मुझे नींद नहीं आ रही, थोड़ा बात करें?” उसने कहा और अंदर आ गई। वो मेरे बिस्तर पर बैठ गई, उसकी जाँघें साड़ी से बाहर झाँक रही थीं।

“मौसी, आप आज बहुत मस्त लग रही हो,” मैंने शरारती लहजे में कहा। उसने हँसकर मेरी ओर देखा, “तू भी तो जवान हो गया है, अर्जुन।” उसकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर टकराईं। मैंने उसकी कमर पर हाथ रखा, और वो सिहर उठी। “ये क्या कर रहा है, अर्जुन?” उसने फुसफुसाया, लेकिन उसकी आँखों में नशा था। मैंने उसके गुलाबी होंठों पर एक जंगली किस कर दिया। मेरी जीभ उसके मुँह में घुस गई, और मैं उसके होंठों को चूसने लगा। उसका किस इतना गर्म था कि मेरा लंड लुंगी में तड़पने लगा। उसने मेरी लुंगी खींच डाली, और मेरा मोटा लंड उसके सामने नंगा हो गया। “अर्जुन, तेरा लंड कितना मस्त है,” उसने सिसकते हुए कहा। उसने मेरे लंड को अपने नरम हाथों में लिया और उसे ज़ोर से सहलाने लगी। मेरे जिस्म में आग भड़क उठी।

मैंने उसकी साड़ी का पल्लू खींच डाला। उसकी गोरी चूचियाँ ब्लाउज़ में उभर आईं। “मौसी, तेरी चूचियाँ कितनी रसीली हैं,” मैंने गुर्राया। मैंने उसका ब्लाउज़ फाड़ डाला, और उसकी भरी हुई चूचियाँ मेरे सामने नंगी हो गईं। मैंने उसकी एक चूची को अपने मुँह में लिया और उसे ज़ोर से चूसने लगा। मेरी जीभ उसके निप्पल पर नाच रही थी, और मेरा दूसरा हाथ उसकी दूसरी चूची को मसल रहा था। वो सिसकारियाँ भर रही थी, “अर्जुन, मेरी चूचियाँ चूसो, मेरी जवानी को चखो!” उसकी चूत गीली होकर टपक रही थी। मैंने उसकी साड़ी पूरी तरह उतार दी। उसकी मोटी जाँघें नंगी हो गईं, और उसकी गांड मेरे सामने थी। मैंने उसका पेटीकोट फाड़ डाला, और उसकी पैंटी खींचकर उतार दी। उसकी गुलाबी चूत मेरे सामने चमक रही थी, गीली और गर्म। “मौसी, तेरी चूत और गांड देखकर मेरा लंड पागल हो रहा है,” मैंने कहा। मेरी उंगलियाँ उसकी चूत को रगड़ने लगीं, और वो चीख उठी। मैंने उसके चूतड़ों को जकड़ा और उन्हें ज़ोर से दबाया। उसकी कमर मचल रही थी।

“अर्जुन, मेरी चूत को चाटो, मेरी जवानी को महसूस करो,” उसने सिसकते हुए कहा। मैंने उसकी जाँघें फैलाईं और उसकी चूत को अपनी जीभ से चूम लिया। मेरी जीभ उसकी चूत में घुस गई, और वो चीख रही थी। मैंने उसकी चूत को चाटा, उसका गर्म रस मेरे होंठों पर फैल गया। उसने मेरे बाल जकड़े और मुझे और गहराई में खींच लिया। उसकी चूत मेरे मुँह में टपक रही थी, और मेरा लंड उसकी चुदाई के लिए तड़प रहा था। मैंने उसे बिस्तर पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ गया। मेरी जाँघें उसकी जाँघों को कुचल रही थीं, और मेरा लंड उसकी चूत से टकरा रहा था। मैंने उसके चूतड़ उठाए और उसे अपनी ओर खींच लिया। “मौसी, अब तेरी चूत की चुदाई होगी,” मैंने गुर्राया। मैंने उसके होंठों पर एक और जंगली किस किया, मेरी जीभ उसकी चूचियों तक सरकी, और मैंने उसके निप्पल को काट लिया। मेरा हाथ उसकी कमर को मसल रहा था, और मेरी उंगलियाँ उसकी चूत को रगड़ रही थीं।

मैंने अपने लंड को उसकी चूत में सटा दिया और एक ज़ोरदार धक्का मारा। उसकी चीख हवा में गूँज उठी, “अर्जुन, तेरा लंड मेरी चूत को फाड़ देगा!” मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया। मैंने उसकी कमर जकड़ी और उसे चोदना शुरू कर दिया। मेरे हर धक्के से उसकी चूचियाँ उछल रही थीं, और उसकी गांड मेरे लंड से टकरा रही थी। “अर्जुन, और ज़ोर से चोदो, मेरी चूत को तबाह कर दो!” उसने चीखकर कहा। मैंने उसकी चूत में अपने लंड को और गहराई तक ठूँसा, और उसे पूरी ताकत से चोदा। उसकी चूत की गर्मी मेरे लंड को जला रही थी। मैंने उसकी चूचियों को पीछे से पकड़ा और उन्हें मसल दिया। मेरी उंगलियाँ उसके निप्पल को नोच रही थीं, और वो मेरे लंड की हर रगड़ का मज़ा ले रही थी। उसकी गांड मेरे धक्कों से लाल हो गई थी।

मैंने उसे उल्टा किया। उसकी गांड ऊँची हुई, और उसके चूतड़ मेरे सामने थिरक रहे थे। मैंने उसकी जाँघें फैलाईं और उसकी चूत में पीछे से अपना लंड घुसा दिया। “मौसी, तेरी गांड मस्त है,” मैंने कहा और उसकी चुदाई शुरू कर दी। उसकी चीखें तेज़ हो गईं, और मैंने उसके चूतड़ों पर थप्पड़ मारे। उसकी चूत मेरे लंड को निचोड़ रही थी। मैंने उसे छत पर ले जाकर चोदा। हल्की हवा में उसकी चूचियाँ हिल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को निगल रही थी। उसने मेरी कमर जकड़ ली और चीखी, “अर्जुन, मेरी चूत फाड़ दो, मेरी जवानी को चोद डालो!” मैंने उसकी गांड को मसला और उसे और ज़ोर से चोदा। उसकी चूत मेरे लंड से टकरा रही थी, और उसकी सिसकारियाँ रात में गूँज रही थीं।

मैंने उसे फिर से बिस्तर पर लिटाया। उसकी जाँघें फैलाईं, और उसकी चूत में अपना लंड ठूँस दिया। मेरे हर धक्के से उसकी चूचियाँ उछल रही थीं, और उसकी गांड बिस्तर से टकरा रही थी। वो मेरे होंठों को चूस रही थी, और मैं उसकी चूत को चोद रहा था। “अर्जुन, तेरा लंड मेरी चूत का राजा है,” उसने सिसकते हुए कहा। मैंने उसकी चूत को तबाह कर दिया, और वो मेरे नीचे तड़प रही थी। उस रात, राधा मौसी की चूत, गांड, चूचियाँ, जाँघें, चूतड़ मेरे लंड की गर्मी से भर गए। उसकी जवानी मेरे सामने नंगी थी, और उसकी चीखें मेरे कानों में गूँजती रहीं।