Ma Beta Sex Story : मेरा नाम राधा है। मैं 38 साल की हूँ, एक सुंदर, सेक्सी और जवान औरत, जिसका जिस्म किसी को भी पागल कर दे। मेरा गोरा, चिकना बदन, बड़े-बड़े रसीले चूचियाँ जो साड़ी में उभरकर फटने को तैयार रहते हैं, और मोटी, गोल, भारी गांड जो चलते वक्त लचकती है, किसी भी मर्द का लंड खड़ा कर सकती हैं। मेरी चूत हमेशा गीली, गरम और भूखी रहती थी, लेकिन मेरा पति, रमेश, 40 साल का था, और वो अक्सर ऑफिस में व्यस्त रहता था। मेरा बेटा, राहुल, 20 साल का था—लंबा, सांवला, और मज़बूत जिस्म, जिसकी पैंट में 8 इंच का मोटा लंड साफ उभरता था। राहुल की आँखें मेरी चूचियों और गांड पर टिकती थीं, और मैंने कई बार उसे मेरी चूत को घूरते हुए देखा था। हमारे घर में छत एक शांत जगह थी, जहाँ मैं अक्सर सोने जाती थी।
एक गर्मियों की रात थी। हवा में गरमाहट थी, और मैं छत पर सोने चली गई। मैंने एक पतली, लाल नाइटी पहनी थी, जिसमें मेरी चूचियाँ साफ उभर रही थीं, और मेरी गांड का उभार नंगी चमक रहा था। मेरे निप्पल सख्त होकर नाइटी से बाहर निकलने को बेताब थे, और मेरी चूत गीली हो रही थी। मैंने एक पतली चादर ओढ़ी, और गहरी नींद में सो गई। मेरी चूत की गर्मी हवा में फैल रही थी, और मेरी चूतड़ हल्के से हिल रहे थे। तभी राहुल छत पर आया। उसकी आँखें मेरे जिस्म पर टिक गईं, और उसकी पैंट में उसका लंड तन गया। वो बोला, “मम्मी, तू तो माल है। मेरी लंड तुझसे तड़प रही है। तू सो रही है, लेकिन मेरी चूत को तेरा लंड चाहिए।”
राहुल मेरे पास आया। उसने मेरी नाइटी पर हाथ रखा, और मेरी चूचियाँ उसके हाथों में दब गईं। मेरी नाइटी गीली हो गई थी, और मेरे निप्पल सख्त होकर बाहर निकलने लगे। वो बोला, “मम्मी, तेरी चूचियाँ तो चूसने लायक हैं!” उसने मेरी नाइटी का गला फाड़ दिया। मेरी मोटी, रसीले चूचियाँ उसके सामने नंगी हो गईं, गोल, सख्त, और निप्पल लाल, उभरे हुए। राहुल ने मेरी एक चूची को अपने मज़बूत, खुरदुरी हाथ में लिया और ज़ोर से दबाया। उसकी उंगलियाँ मेरे निप्पल को मसल रही थीं, और उसकी गर्म, गीली जीभ मेरी चूची पर घूम रही थी। मैं नींद में सिसक उठी, “आह… मेरी चूचियाँ चूस डालो…” राहुल ने मेरी दूसरी चूची को अपने मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। उसके दाँत मेरे निप्पल को काटते, और मेरी चूत टपकने लगी। मैं अभी भी नींद में थी, लेकिन मेरी चूत गर्म हो रही थी।
राहुल ने मेरी नाइटी पूरी उतार दी। मेरी नंगी चूत उसके सामने थी—गीली, गुलाबी, और गरम, उसकी हर सिलवट पानी से चमक रही थी। मेरी गांड का उभार चिकना, मोटा था। वो बोला, “मम्मी, तेरी चूत तो चुदने लायक है!” उसने अपनी उंगलियाँ मेरी चूत में डालीं, और मैं नींद में चिल्ला उठी, “आह… मेरी चूत में आग लग रही है!” उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर फेरी, और मैं पागल हो गई। वो बोला, “तेरी चूत का स्वाद गज़ब है… गरम और रसीला!” उसने मेरी चूत को अपने मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। उसकी गर्म जीभ मेरे चूत के दाने को रगड़ रही थी, और मेरी चूतड़ उछल रहे थे। मैं नींद में सिसकी, “चोद डालो… मेरी चूत को लंड दो!”
राहुल ने अपनी पैंट उतारी। उसका 8 इंच का मोटा, काला लंड बाहर लहराने लगा, नसें उभरी हुई और सुपारा लाल, चमकदार। वो बोला, “मम्मी, तेरी चूत को आज मेरा लंड फाड़ेगा।” मैं अभी भी नींद में थी, लेकिन मेरी चूत गीली और तड़प रही थी। उसने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा। उसका सुपारा मेरी चूत की फाँकों को चीर रहा था। मैं नींद में तड़प रही थी, “डाल दो… मेरी चूत को चोद डालो!” उसने एक ज़ोरदार झटका मारा, और उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। मेरी चूत टाइट थी, और मैं नींद में चीख पड़ी, “आह… मेरा हो गया… मेरी चूत फट गई!” राहुल ने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे, और मेरी चूचियाँ उछल रही थीं। मेरी चूत से खून टपकने लगा, लेकिन वो रुका नहीं। उसका लंड मेरी चूत को चोद रहा था—ज़ोर-ज़ोर से, गहराई तक। फच-फच की गीली आवाज़ छत पर गूँज रही थी। मेरे चूचियाँ हवा में लटककर हिल रहे थे, और राहुल ने उन्हें अपने मज़बूत हाथों से मसला। मैं नींद से उठी, और चिल्लाई, “राहुल, तूने क्या किया? मेरी चूत फाड़ दी!” लेकिन मेरी चूत गर्म थी, और मैं सिसकी, “चोद… और जोर से चोद… मेरी चूत को फाड़ डाल!”
राहुल ने मुझे घोड़ी बनाया। मेरी मोटी, गोल गांड उसके सामने थी, चिकनी और उभरी हुई। उसने मेरी गांड पर दो ज़ोरदार थप्पड़ मारे, और मेरी गांड लाल होकर हिलने लगी। वो बोला, “मम्मी, तेरी गांड भी चोदूँगा… इसे मेरे लंड से फाड़ दूँगा!” मैं सिसकी, “चोद दे, राहुल… मेरी गांड फाड़ डाल!” उसने अपने लंड पर थूक लगाया, फिर मेरी गांड में धीरे से डाला। मेरी गांड टाइट थी, और मैं चीख पड़ी, “आह… मेरी गांड फट गई!” राहुल ने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे, और मेरी गांड को चोदा। मेरी चूचियाँ हिल रही थीं, और मेरी चूत टपक रही थी। उसकी चुदाई से मेरा जिस्म काँप रहा था। मैं चिल्लाई, “राहुल, मेरी चूत और गांड दोनों फाड़ डाल… मुझे जन्नत दिखा!”
रात गहराई, और राहुल ने मुझे बेडरूम में ले जाया। उसने मुझे बिस्तर पर पटका, और मेरी टाँगें अपने कंधों पर रख लीं। मेरी चूत और गांड दोनों उसके सामने खुली थीं। उसने मेरी चूत में लंड पेला, और मैं चिल्लाई, “आह… राहुल, मेरी चूत को चोद डाल… इसे फाड़ डाल!” उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। उसने मेरे चूचियाँ अपने मुँह में लिए और चूसने लगा। मैं सिसक रही थी, “चोद… और जोर से चोद… मेरी चूत और गांड दोनों फाड़ डालो!” राहुल ने मेरी गांड में उंगली डाली, और मैं चीखी, “मेरी गांड में लंड डाल, इसे भोसड़ा बना डाल!” उसने मेरी गांड में लंड ठूंस दिया, और मेरी चीखें कमरे में गूँजने लगीं। उसकी चुदाई से मेरा जिस्म पागल हो गया।
सुबह हुई, और मैं राहुल की बाहों में नंगी पड़ी थी। मेरी चूत सूजकर लाल हो गई थी, गांड फटकर दर्द से काँप रही थी, और मेरे चूचियाँ नीले पड़ गए थे। राहुल ने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा और बोला, “मम्मी, तेरी चूत और गांड मेरे लंड की गुलाम हैं।” मैंने उसके लंड को मुँह में लिया और चूसते हुए बोली, “राहुल, मेरी चूत को फिर चोद, इसे फाड़ डाल… मेरी गांड को भी भोसड़ा बना डाल!” हमने सुबह की गरम चुदाई शुरू की, और यह एक हॉट, वाइल्ड रात और सुबह थी, जो कभी खत्म नहीं हुई।