मेरा नाम काजल है, मैं 23 साल की हूँ, और मैं दिल्ली में अपने माता-पिता के साथ रहती हूँ। मेरा बदन हॉट और सेक्सी है—34C साइज़ की चूची, पतली कमर, और मेरी गांड मेरे टाइट कुर्ते में गोल और उभरी हुई दिखती है। मेरे मामा जी, राकेश, 38 साल के हैं, और वो एक मज़बूत और आकर्षक मर्द हैं। उनकी नज़रें मुझ पर हमेशा कुछ अलग ही रहती थीं, और मैं भी उनके मर्दाना शरीर को देखकर अक्सर उत्तेजित हो जाती थी। एक रात जब वो हमारे घर रुके थे, मैंने उनका लंड चूसा और फिर उनकी चुदाई का मज़ा लिया। वो गरम कहानी यहाँ बता रही हूँ।
वो रात शुक्रवार की थी। मेरे माता-पिता किसी रिश्तेदार के यहाँ गए थे, और घर पर सिर्फ़ मैं और मामा जी थे। मैंने एक पतली नाइटी पहनी थी, जिसमें मेरी चूची और गांड साफ़ दिख रही थीं। रात के 11 बजे मामा जी मेरे कमरे में आए। वो सिर्फ़ एक लुंगी पहने थे, और उनका मज़बूत सीना और बाजुएँ देखकर मेरा मन डोल गया। “काजल, सो गई क्या?” उन्होंने धीमी आवाज़ में पूछा। “नहीं, मामा जी, बस लेटी हूँ,” मैंने कहा, और मेरी साँसें तेज़ होने लगीं।
मामा जी मेरे बिस्तर पर बैठ गए और मेरे करीब आए। “काजल, तुम बहुत खूबसूरत हो,” उन्होंने कहा, और मेरी नाइटी के ऊपर से मेरी चूची पर हाथ फेरा। “मामा जी, ये क्या कर रहे हो?” मैंने सवाल किया, लेकिन मेरे अंदर की वासना जाग चुकी थी। उन्होंने मेरी नाइटी को ऊपर उठाया, और मेरी चूची उनके सामने आ गईं—गोल, मुलायम, और निप्पल सख्त। उन्होंने एक चूची को मुँह में लिया और चूसना शुरू कर दिया। “आह, मामा जी, चूसो, ज़ोर से चूसो!” मैं सिसकी, मेरा हाथ उनके सिर पर चला गया। उनकी जीभ मेरे निप्पल पर घूम रही थी, और वो ज़ोर-ज़ोर से चूस रहे थे। मेरी चूत गीली हो गई, और मैं सुख से काँपने लगी। “काजल, तुम्हारी चूची बहुत मज़ेदार हैं,” उन्होंने कहा।
उन्होंने मेरी नाइटी को पूरा उतार दिया, और मेरी चूत उनके सामने आ गई—टाइट, गीली, और गरम। “काजल, तुम्हारी चूत देखकर मेरा लंड तड़प रहा है,” उन्होंने कहा, और मेरी टाँगें चौड़ी करके अपनी जीभ मेरी चूत पर रख दी। वो मेरी चूत को चाटने लगे। “आह, मामा जी, मेरी चूत चाटो!” मैं चिल्लाई, अपनी गांड उठाकर उनके मुँह पर रगड़ने लगी। उनकी जीभ मेरे क्लिट पर घूम रही थी, और मैं सुख से पागल हो रही थी। “फक, मामा जी, चाटो, मुझे पागल कर दो!” मैं चीखी, मेरी चूत से रस टपक रहा था, और वो उसे चाटकर साफ़ कर रहे थे। मैं इतनी गरम हो गई थी कि अब उनका लंड देखना चाहती थी।
“मामा जी, मुझे आपका लंड दिखाओ,” मैंने बेकरारी से कहा। उन्होंने अपनी लुंगी हटाई, और उनका लंड बाहर आया—9 इंच लंबा, मोटा, और सख्त। “काजल, मेरा लंड चूसो,” उन्होंने कहा। मैंने उनका लंड हाथ में लिया, उसकी गर्मी और सख्ती को महसूस किया, और फिर उसे मुँह में ले लिया। मैंने उनकी लंड की टिप को जीभ से चाटा और उसे पूरा चूसना शुरू कर दिया। “आह, काजल, चूसो, ज़ोर से चूसो!” वो चिल्लाए, उनका लंड मेरे गले तक गया। मैं उनकी लंड की नसों को महसूस कर रही थी, और उनकी गंध मुझे और उत्तेजित कर रही थी। उन्होंने मेरे बाल पकड़े और मेरे मुँह को चोदने लगे। “काजल, तुम बहुत मस्त चूसती हो,” उन्होंने कहा, और मेरे मुँह से लार टपक रही थी। उनका लंड चूसते हुए मुझे ऐसा मज़ा आ रहा था कि मैं रुकना नहीं चाहती थी।
कुछ देर तक उनका लंड चूसने के बाद उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटाया। “काजल, अब तेरी चूत को चोदूँगा,” उन्होंने कहा, और अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा। “चोदो, मामा जी, मेरी चूत चोदो!” मैं चिल्लाई। उन्होंने एक ज़ोरदार धक्का मारा, और उनका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। “आह, फक, मामा जी, ज़ोर से!” मैं चीखी, वो मेरी चूची पकड़कर मुझे चोदने लगे। उनकी चोदाई तेज़ और सख्त थी—हर धक्के में उनका लंड मेरी चूत की गहराई में जा रहा था, मेरी चूची हवा में उछल रही थीं। “चोदो, मामा जी, मेरी चूत फाड़ दो!” मैं चिल्लाई, मेरी टाँगें उनकी कमर के चारों ओर लिपट गईं। उन्होंने मेरे होंठों को चूमा, और मैं उनसे चिपक गई।
कुछ देर चूत चोदने के बाद उन्होंने मुझे उलटा किया। “काजल, अब तेरी गांड भी चोदूँगा,” उन्होंने कहा, और मेरी गांड को ऊपर उठाया। “मामा जी, मेरी गांड में मत डालो, दर्द होगा!” मैंने कहा, लेकिन उन्होंने मेरी गांड पर थूक लगाया और अपना लंड वहाँ सेट किया। “थोड़ा सहन करो, काजल,” उन्होंने कहा, और धीरे-धीरे अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया। “आह, मामा जी, मेरी गांड में लंड!” मैं चीखी, मेरी गांड टाइट थी, लेकिन वो मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगे। “काजल, तेरी गांड बहुत टाइट और मज़ेदार है,” उन्होंने कहा, और मेरी चूची पकड़कर मेरी गांड को सख्ती से चोदा। उनका लंड मेरी गांड में अंदर-बाहर हो रहा था, और मेरी चूत से रस टपक रहा था। “चोदो, मामा जी, मेरी गांड फाड़ दो!” मैं सुख से चिल्लाई।
कुछ देर गांड चोदने के बाद उन्होंने मुझे फिर सीधा किया। “काजल, अब तेरी चूत में माल डालूँगा,” उन्होंने कहा, और अपना लंड मेरी चूत में डाला। वो मुझे तेज़ी से और सख्ती से चोदने लगे, हर धक्का मेरी चूत की गहराई में जा रहा था। “चोदो, मामा जी, मेरी चूत में माल डालो!” मैं चिल्लाई, मेरा बदन काँप रहा था। “काजल, मेरा माल आ रहा है,” उन्होंने चीखा, और मेरी चूत में गरम माल छोड़ दिया। मैं भी झड़ गई—“आह, मामा जी, मैं झड़ रही हूँ!” मेरी चूत से रस निकला, और वो उनके माल के साथ मिल गया।
हम दोनों हाँफते हुए बिस्तर पर गिर पड़े। “काजल, तुमने मुझे जन्नत दिखा दी,” मामा जी ने सेक्सी आवाज़ में कहा, और मेरी चूची पर हाथ रखा। “मामा जी, आपका लंड चूसना और आपकी चुदाई मुझे बहुत पसंद आई,” मैंने हँसते हुए कहा, और उनके लंड पर एक चुम्मी दी। “काजल, जब भी मौका मिले, मैं तुम्हें चोदूँगा,” उन्होंने कहा, और मुझे गले लगाया। उस रात के बाद, जब भी माता-पिता घर पर नहीं होते, मामा जी मेरे पास आते हैं, और मैं उनके 9 इंच के लंड को चूसती हूँ और उनकी चुदाई का मज़ा लेती हूँ। उनकी चोदाई मेरे लिए सबसे बड़ा सुख है।