For Promotion Sex Story – मेरा नाम काव्या है, और मैं 29 साल की हूँ। मैं एक शादीशुदा औरत हूँ, और मेरा पति, अजय, 32 साल का है। हम मुंबई में रहते हैं। मेरा शरीर भरा हुआ है—गोरी चमड़ी, मोटे चूचे, और भारी गांड। अजय एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता है, और उसका बॉस, रवि, 45 साल का है—मज़बूत कद-काठी और रौबीला। अजय को प्रमोशन चाहिए था, लेकिन रवि ने साफ़ कह दिया कि इसके लिए उसे कुछ “खास” करना होगा।
एक दिन अजय घर आया और उदास बैठा था। “क्या हुआ, अजय?” मैंने पूछा। “काव्या, रवि सर ने कहा कि अगर मुझे प्रमोशन चाहिए, तो उन्हें तुम्हें एक रात के लिए चाहिए,” उसने धीरे से कहा। मैं चौंक गई। “ये क्या कह रहे हो? मैं तुम्हारी बीवी हूँ!” मैंने गुस्से में कहा। “काव्या, प्लीज़, मेरे लिए ये कर दो। हमारी ज़िंदगी बदल जाएगी,” अजय ने गिड़गिड़ाते हुए कहा। मेरे मन में गुस्सा था, लेकिन मेरी चूत में एक अजीब सी खुजली भी हो रही थी। “ठीक है, अजय, लेकिन ये सिर्फ़ एक बार होगा,” मैंने कहा।
अगले दिन अजय ने रवि को हमारे घर बुलाया। मैंने एक टाइट साड़ी पहनी, जिसमें मेरे चूचे और गांड साफ़ दिख रहे थे। रवि आया और मुझे देखते ही उसकी आँखें चमक उठीं। “काव्या, तुम तो बहुत हॉट हो,” उसने कहा। अजय चुपचाप कोने में बैठ गया। रवि मेरे करीब आया और मेरी कमर पकड़ ली। “रवि सर, ये गलत है,” मैंने कहा, लेकिन मेरी चूत गीली हो रही थी। “काव्या, आज रात तुम मेरी हो,” रवि ने गरम लहजे में कहा और मेरी साड़ी खींच दी।
मेरे चूचे ब्लाउज में से उभर रहे थे। रवि ने मेरा ब्लाउज फाड़ दिया। “क्या मस्त चूचे हैं, काव्या,” उसने कहा और एक निप्पल को मुँह में भर लिया। “आह्ह, रवि सर, चूसो,” मैं सिसक उठी। मेरी चूत से रस टपकने लगा। उसने मेरा पेटीकोट और पैंटी उतार दी। “काव्या, तेरी चूत देखनी है,” रवि ने कहा और मेरी टाँगें फैला दीं। मेरी चूत नंगी होकर चमकने लगी। अजय कोने में बैठा सब देख रहा था।
रवि ने अपनी जीभ मेरी चूत पर फेर दी। “आह्ह, रवि सर, चाटो, मेरी चूत का रस पी जाओ!” मैं चिल्लाई। उसकी जीभ मेरी चूत के होंठ चूस रही थी। “काव्या, तेरी चूत का स्वाद गज़ब है,” रवि ने कहा और अपनी पैंट उतार दी। उसका मोटा लंड बाहर निकला—लंबा, सख्त और गरम। “रवि सर, ये तो मेरी चूत फाड़ देगा!” मैंने डरते हुए कहा। उसने हँसते हुए कहा, “काव्या, तेरी चूत फाड़ने का मज़ा ही अलग है।”
उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया। “पहले तेरी चूत चोदूँगा,” रवि ने कहा और एक ज़ोरदार धक्का मारा। “आह्ह, रवि सर, मेरी चूत फट गई!” मेरी चीखें कमरे में गूँज उठीं। उसने तेज़ी से धक्के मारने शुरू किए। “काव्या, तेरी चूत तो मेरे लंड को निगल रही है,” रवि ने कहा। मेरी गांड हर धक्के के साथ हिल रही थी। “रवि सर, और जोर से चोदो, मुझे मज़ा दे दो!” मैं चिल्लाई। मेरी चूत से रस टपक-टपक कर बिस्तर पर गिर रहा था। अजय चुपचाप देख रहा था।
चुदाई का नशा चढ़ गया। रवि ने मुझे बिस्तर पर कुतिया बनाया। “अब तेरी गांड में लंड डालूँगा,” उसने कहा और मेरी गांड पर थप्पड़ मारा। “मारो, रवि सर, मेरी गांड लाल कर दो!” मैंने कहा। उसने अपना मोटा लंड मेरी गांड में पेल दिया। “आह्ह, मेरी गांड फट गई, और तेज़!” मेरी चीखें तेज़ हो गईं। “काव्या, तेरी गांड बहुत टाइट है,” रवि ने कहा। मेरी चूत से रस बह रहा था, और मैंने अपनी उंगलियाँ अपनी चूत में डाल दीं। “रवि सर, मेरी चूत और गांड दोनों को चोदो!” मैं सिसक उठी।
चुदाई का खेल बढ़ गया। रवि ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गया। “अब तेरी चूत को गहरा चोदूँगा,” उसने कहा और लंड मेरी चूत में ठोक दिया। “आह्ह, रवि सर, मेरी चूत चीर डालो!” मैं चिल्लाई। उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। “काव्या, तेरी चूत को चोद-चोद कर ढीली कर दूँगा,” रवि ने कहा और मेरे चूचों को मसलते हुए धक्के मारे। “चोदो मुझे, रवि सर, मुझे अपने लंड का मज़ा दो!” मेरी सिसकियाँ तेज़ हो गईं। बिस्तर हमारी चुदाई से हिल रहा था।
रवि ने मुझे दीवार से सटा दिया। “काव्या, तेरे होंठ चूसूँगा,” उसने कहा और मेरे होंठ चूसने लगा। “आह्ह, रवि सर, मेरे होंठ दबा दो!” मैंने कहा। उसने मेरे होंठों को काटा और कहा, “काव्या, तेरे होंठ तो शहद हैं।” मैंने उसका लंड पकड़ा और मसलते हुए कहा, “रवि सर, मेरी चूत को फिर चोदो!” उसने मुझे बिस्तर पर पटका और मेरी चूत में लंड ठोका। “तेरी चूत और गांड दोनों को रस से भर दूँगा,” रवि ने चीखते हुए कहा। “और जोर से चोदो, मेरी प्यास बुझा दो!” मैं चिल्लाई।
रात गहराने लगी। रवि ने मुझे बाथरूम में ले जाया। “काव्या, यहाँ तेरी चूत को चोदूँगा,” उसने कहा और मुझे शावर के नीचे खड़ा कर दिया। पानी मेरे नंगे जिस्म पर बह रहा था। “रवि सर, पानी में चुदाई का मज़ा लो!” मैंने कहा। उसने मुझे दीवार से सटाया और मेरी चूत में लंड ठोका। “आह्ह, रवि सर, और जोर से!” मैं चिल्लाई। पानी हमारे जिस्म पर बह रहा था, और मेरी चूत उसके लंड को गीला कर रही थी। “काव्या, तेरी चूत मेरे लंड की दीवानी है,” रवि ने कहा।
सुबह होने को थी। रवि ने मुझे अपनी गोद में बिठाया। “काव्या, अब तेरी गांड फिर चोदूँगा,” उसने कहा और मुझे उल्टा कर दिया। “रवि सर, मेरी गांड में लंड डाल दो!” मैंने सिसकते हुए कहा। उसने मेरी गांड में लंड पेल दिया। “आह्ह, मेरी गांड फट गई, और तेज़!” मेरी चीखें कमरे में गूँज रही थीं। “काव्या, तेरी गांड मेरे लंड की गुलाम है,” रवि ने कहा और मुझे रगड़ने लगा। मेरी चूत से रस टपक रहा था। “चोदो मुझे, रवि सर, मुझे अपनी रंडी बना दो!” मैं चिल्लाई।
आख़िर में रवि का लंड फट पड़ा। उसका गरम रस मेरी चूत में भर गया, फिर मेरी गांड में, और बाक़ी मेरे चूचों और होंठों पर छिड़क गया। “आह्ह, रवि सर, आपका रस मेरे मुँह में डालो,” मैंने कहा और उसके लंड से टपकता रस चाट लिया। हम दोनों हाँफते हुए बिस्तर पर गिर पड़े। “काव्या, तुमने मुझे जन्नत दिखा दी,” रवि ने हँसते हुए कहा। “और आपने अजय को प्रमोशन दिला दिया,” मैंने जवाब दिया। अजय चुपचाप कोने में बैठा सब देख रहा था। उसकी चुदाई की गर्मी मेरे जिस्म में समा गई थी।