राजकुमार और पूजा की जलती रात

Village Sex Story : गाँव की शांत वादियों में राजकुमार और पूजा की जिंदगी सादगी से भरी थी। राजकुमार, एक लंबा, मजबूत नौजवान, जिसकी गहरी आँखें और चौड़ी छाती किसी का भी ध्यान खींच लेती थी। उसकी कमीज के नीचे छिपी मांसपेशियाँ मेहनत की गवाही देती थीं। दूसरी ओर, पूजा एक सांवली, खूबसूरत लड़की थी, जिसके भरे हुए होंठ, कसी हुई कमर और गोल कूल्हे देखकर कोई भी बेकाबू हो जाए। उसकी बड़ी-बड़ी आँखों में एक शरारत और मासूमियत का मिश्रण था, जो उसे और आकर्षक बनाता था।

उनकी पहली मुलाकात गाँव की नदी किनारे हुई थी। एक गर्म दोपहर को पूजा नदी में नहा रही थी। उसकी गीली साड़ी उसके शरीर से चिपक गई थी, और पानी की बूँदें उसकी गर्दन से नीचे सरक रही थीं। साड़ी का पल्लू हवा में लहरा रहा था, जिससे उसकी नाजुक कमर और गीले ब्लाउज़ में उभरी छाती साफ दिख रही थी। राजकुमार वहाँ पानी लेने आया था, और उसकी नज़र पूजा पर पड़ी। वह एक पल को ठिठक गया। पूजा ने उसे देखा और शरमाकर पानी में नीचे झुक गई, लेकिन उसकी शरारती मुस्कान ने राजकुमार को बेचैन कर दिया। उसने कहा, “पानी में इतना क्या ढूंढ रही हो?” पूजा ने गीले बालों को पीछे करते हुए जवाब दिया, “शायद वही जो यहाँ खड़ा मुझे देख रहा है।”

उस दिन से दोनों के बीच एक अनकही बात शुरू हुई। राजकुमार हर बहाने से पूजा के पास जाता। कभी खेत में उसकी मदद करने, तो कभी मेले में उसके साथ घूमने। पूजा भी उसे देखकर शरमाती, लेकिन उसकी आँखों में एक चाहत छिपी थी। एक दिन राजकुमार ने हिम्मत की और पूजा को अपने खेत के पास बुलाया। वहाँ एक पुराना मकान था, जो अब खाली पड़ा था। पूजा वहाँ पहुँची, उसकी लाल साड़ी हवा में लहरा रही थी। राजकुमार ने उसे देखते ही कहा, “तुम्हें देखकर लगता है, सारी दुनिया यहाँ ठहर जाए।” पूजा ने हँसते हुए कहा, “और तुम्हें देखकर लगता है, ये दिल कहीं भाग न जाए।”

एक बारिश की शाम ने उनकी कहानी को नया मोड़ दिया। पूजा अपने घर के आँगन में भीग रही थी। उसकी साड़ी का हर हिस्सा उसके शरीर से चिपक गया था, और गीला आँचल उसकी भरी हुई छाती और पतली कमर को उभार रहा था। राजकुमार उसे देखने आया, उसकी कमीज़ भी बारिश में तर थी। उसकी मांसपेशियाँ साफ दिख रही थीं, और पानी की बूँदें उसके चेहरे से नीचे लुढ़क रही थीं। पूजा ने उसे अंदर बुलाया और शरारत से कहा, “गीले कपड़ों में ठंड लगेगी, उतार दो।” राजकुमार ने मुस्कुराते हुए अपनी कमीज़ उतारी और सिर्फ अपनी चौड़ी छाती के साथ पूजा के सामने खड़ा हो गया। पूजा की नज़रें उसके शरीर पर टिक गईं, और उसकी साँसें तेज हो गईं।

राजकुमार ने एक कदम बढ़ाया और पूजा को अपनी बाहों में भर लिया। उसकी गर्म साँसें पूजा की गर्दन पर पड़ रही थीं। उसने धीरे से पूजा के गीले होंठों को छुआ, और एक गहरा चुम्बन दोनों को एक-दूसरे में डुबो गया। पूजा के होंठों की नरमी और उसकी साँसों की गर्मी ने राजकुमार को पागल कर दिया। उसने पूजा का पल्लू नीचे सरका दिया, और उसका गीला ब्लाउज़ उसकी छाती को ढकने में नाकाम था। राजकुमार ने अपने हाथ उसकी कमर पर फेरे, उसकी नरम त्वचा को सहलाते हुए। पूजा की सिसकारी निकली, “राजकुमार… ये क्या कर रहे हो?” उसकी आवाज़ में शरम थी, लेकिन उसका शरीर और करीब आने को बेताब था।

राजकुमार ने उसे दीवार के सहारे धकेला और उसके ब्लाउज़ के हुक खोल दिए। पूजा की नंगी पीठ उसके सामने थी, और उसकी सांवली त्वचा बारिश की बूंदों से चमक रही थी। उसने अपनी उंगलियाँ उसकी पीठ पर फेरीं, और पूजा की टाँगें काँप उठीं। राजकुमार ने उसकी गर्दन पर अपने होंठ रखे, धीरे-धीरे नीचे की ओर बढ़ते हुए। पूजा ने अपने हाथ उसके बालों में डाल दिए और उसे और कसकर पकड़ लिया। उसकी साँसें अब अनियंत्रित थीं, और उसकी छाती ऊपर-नीचे हो रही थी। राजकुमार ने पूजा की साड़ी को पूरी तरह उतार दिया, और उसका नंगा शरीर उसके सामने था—गोल जाँघें, भरे हुए कूल्हे और नरम छाती।

उसने पूजा को बिस्तर पर लिटाया और उसके ऊपर झुक गया। उसकी गर्म साँसें पूजा के चेहरे पर पड़ रही थीं। राजकुमार ने अपने हाथ उसकी जाँघों पर फेरे, धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ते हुए। पूजा की सिसकारी तेज हुई, और उसने राजकुमार की पीठ को अपने नाखूनों से कस लिया। उसने पूजा के होंठों को फिर से चूमा, इस बार अपने दाँतों से हल्के से काटते हुए। पूजा की आह निकली, और उसने अपने पैर राजकुमार की कमर के चारों ओर लपेट दिए। दोनों के शरीर एक-दूसरे से टकरा रहे थे, और कमरे में उनकी गर्मी बारिश की ठंडक को चुनौती दे रही थी।

उस रात उनका जुनून चरम पर था। राजकुमार ने पूजा की छाती पर अपने होंठ फेरे, उसकी नरम त्वचा को चूमते हुए। पूजा की सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं, और उसने राजकुमार के कंधों को अपने दाँतों से काट लिया। राजकुमार का मजबूत शरीर पूजा के नरम शरीर से मिल रहा था, और हर स्पर्श में एक जंगली आग थी। पूजा ने अपने हाथ उसके सीने पर फेरे, उसकी मांसपेशियों को दबाते हुए। बारिश की थपथपाहट के बीच उनकी साँसों की आवाज़ और तेज हो गई थी।

सुबह जब बारिश थम गई, तो पूजा राजकुमार की बाहों में लेटी थी। उसका शरीर उस रात की गर्मी से थका हुआ था, लेकिन उसके चेहरे पर संतुष्टि की मुस्कान थी। राजकुमार ने उसके माथे को चूमा और कहा, “तुम मेरे लिए सब कुछ हो।” पूजा ने उसकी छाती पर अपना सिर टिकाया और बोली, “और तुम मेरे लिए।” उस रात के बाद उनका रिश्ता और गहरा हो गया। गाँव में बातें फैलीं, और कुछ लोग नाराज़ हुए, लेकिन राजकुमार ने हिम्मत दिखाई। उसने पूजा के सामने घुटने टेके और शादी का प्रस्ताव रखा। पूजा की आँखों में खुशी के आँसू थे, और उसने हाँ कह दी।

कुछ महीनों बाद, दोनों ने गाँव के मंदिर में शादी कर ली। उनकी कहानी गाँव में मशहूर हो गई—एक प्यार जो नदी किनारे शुरू हुआ, बारिश में परवान चढ़ा और जिंदगी भर का बंधन बन गया। उनकी रातें अब भी उतनी ही गर्म थीं, लेकिन अब उसमें एक पवित्रता भी थी। राजकुमार और पूजा ने साबित कर दिया कि सच्चा प्यार हर तूफान को पार कर सकता है।