Sasur ji ka mota land lekar khush ho gai sasur Bahu Sex Story – मेरा नाम राधिका है। मैं 26 साल की हूँ, गोरी, जवान और भरे हुए बदन की लड़की। मेरे चूचे बड़े, गोल और रसीले हैं, जैसे दो पके हुए खरबूजे, जो मेरी साड़ी या नाइटी से हमेशा बाहर झांकते हैं। मेरे निप्पल गुलाबी और सख्त हैं, जो कपड़ों के ऊपर से हल्के से दिखते हैं और मेरी जवानी की आग को बयान करते हैं। मेरी कमर पतली है, और मेरी गांड बड़ी, मुलायम और गोल है, जो चलते वक्त लचकती है और मर्दों की नजरें वहीं ठहर जाती हैं। मेरी जांघें मोटी और चिकनी हैं, जैसे मलाई की परतें, और मेरी चूत की गर्मी मेरे चेहरे से छुपती नहीं। मैं दिल्ली में अपने पति और ससुर के साथ रहती हूँ। मेरा पति, अजय, 30 साल का है, लेकिन वो बिस्तर पर मुझे कभी संतुष्ट नहीं कर पाता। उसका लंड छोटा और कमजोर है, और वो दो मिनट में झड़ जाता है। लेकिन एक रात मेरे ससुर जी ने मुझे चोदा, और उनका मोटा लंड लेकर मैं खुश हो गई। ये है मेरी हवस और चुदाई की सच्ची कहानी।
शुरुआत: ससुर जी की नजर और मेरी जवानी
मार्च 2025 की बात है। दिल्ली में हल्की गर्मी शुरू हो चुकी थी, और मेरे बदन में जवानी की आग भड़क रही थी। मेरा पति, अजय, रात को मेरी चूत में लंड डालता, दो मिनट में झड़ जाता और सो जाता। “राधिका, सो जा अब,” वो कहता और मुझे अधूरी छोड़ देता। मेरी चूत गीली और भूखी रह जाती। मैं अपनी उंगलियों से खुद को शांत करती, लेकिन वो आग कभी नहीं बुझती थी। “मुझे एक मस्त, मोटा लंड चाहिए,” मैं रात को अकेले में फुसफुसाती।
मेरे ससुर जी, प्रकाश, 55 साल के थे, लेकिन अभी भी मजबूत और ताकतवर थे। उनकी चौड़ी छाती और मजबूत बाजुओं को देखकर लगता था कि वो अभी भी जवान हैं। उनकी नजरों में मेरे लिए एक अलग ही हवस थी, जो मुझे हमेशा महसूस होती थी। जब मैं साड़ी पहनकर घर में घूमती, उनकी नजरें मेरे चूचों और गांड पर ठहर जातीं। “राधिका, तू बहुत सुंदर लगती है,” वो हंसते हुए कहते। मैं शरमा जाती, लेकिन उनकी बात सुनकर मेरी चूत गीली हो जाती। एक दिन मैं किचन में खाना बना रही थी। मैंने लाल साड़ी पहनी थी, और मेरा ब्लाउज मेरे चूचों से चिपक गया था। मेरे चूचे बाहर आने को तड़प रहे थे। ससुर जी पीछे से आए और मेरी कमर पर हाथ रख दिया। “आह्ह… ससुर जी…” मैं सिसक पड़ी। “राधिका, तेरी जवानी मुझे पागल कर देती है,” वो फुसफुसाए और चले गए। उस दिन से मेरी चूत उनके लिए तड़पने लगी।
पहली रात: ससुर जी का मोटा लंड
27 मार्च की रात थी। अजय ऑफिस के काम से बाहर गया था, और घर पर सिर्फ मैं और ससुर जी थे। मैं रात को नहाकर अपने रूम में थी। मैंने काले रंग की नाइटी पहनी थी, जो मेरे चूचों से चिपक गई थी। मेरे निप्पल सख्त होकर नाइटी से बाहर की तरफ उभर रहे थे, और मेरी गांड नाइटी में लचक रही थी। मैंने अंदर कुछ नहीं पहना था, क्योंकि मुझे गर्मी लग रही थी। मैं बिस्तर पर लेटी थी, और मेरी चूत में हल्की सी खुजली हो रही थी। मैंने अपनी नाइटी ऊपर की और अपनी चूत में उंगलियाँ डाल दीं। “आह्ह… ससुर जी… आपका लंड चाहिए मुझे…” मैं फुसफुसाई।
तभी मेरे रूम का दरवाजा खुला। ससुर जी अंदर आए। उन्होंने सिर्फ लुंगी पहनी थी, और उनका लंड लुंगी से तना हुआ साफ दिख रहा था। उनकी चौड़ी छाती और मजबूत बाजुओं को देखकर मेरी चूत और गीली हो गई। “राधिका, क्या कर रही है?” वो बोले और मेरे पास आ गए। मैंने जल्दी से अपनी नाइटी नीचे की, लेकिन मेरी चूत का गीलापन उन्हें दिख गया। “ससुर जी, मैं… कुछ नहीं,” मैं डरते हुए बोली, लेकिन मेरी चूत उन्हें बुला रही थी। “राधिका, तुझे लंड चाहिए ना?” वो बोले और मेरे पास बिस्तर पर बैठ गए। उन्होंने मेरी नाइटी ऊपर कर दी। मेरे चूचे नंगे हो गए। मेरे निप्पल सख्त थे, और मेरे चूचे हल्के से हिल रहे थे। “ससुर जी, ये गलत है,” मैं बोली, लेकिन मेरी नजर उनके लंड पर चली गई।
उन्होंने अपनी लुंगी उतार दी। उनका 9 इंच का लंड तना हुआ और मोटा था। उसकी टोपी गीली थी, और उसकी नसें उभरी हुई थीं। “राधिका, ये देख मेरा लंड,” वो बोले। “ससुर जी, ये तो बहुत मोटा है,” मैंने आँखें बड़ी करके कहा। मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। उन्होंने मेरे पैर फैलाए। मेरी चूत नंगी हो गई। मेरे घने झांट गीले थे, और मेरी चूत की फांकें लाल होकर फूल गई थीं। “राधिका, तेरी चूत कितनी गर्म है,” वो बोले और अपनी दो उंगलियाँ मेरी चूत में डाल दीं। “आह्ह… ससुर जी… डालो…” मैं चीखी। उनकी उंगलियाँ मेरी चूत में अंदर-बाहर होने लगीं, और मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं। “आह्ह… ससुर जी… और जोर से…” मैं तड़पते हुए बोली।
चुदाई की पहली मजा
ससुर जी ने मेरी चूत में अपनी उंगलियाँ तेजी से अंदर-बाहर कीं। मेरी चूत से पानी बहने लगा। “आह्ह… ससुर जी… चोदो मुझे…” मैं तड़पते हुए बोली। उन्होंने मेरी चूत पर अपना मोटा लंड रगड़ा। उनकी गर्म टोपी मेरी चूत की फांकों पर रगड़ रही थी, और मैं पागल हो रही थी। “राधिका, ले ये,” वो बोले और एक जोरदार धक्का मारा। उनका मोटा लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। “आह्ह… ससुर जी… फट गई… आह्ह…” मैं चीखी। उनका लंड मेरी चूत को चीर रहा था। मेरी चूत टाइट थी, और उनका मोटा लंड मुझे दर्द दे रहा था। लेकिन वो दर्द मुझे अच्छा लग रहा था। वो मेरे चूचे दबाते हुए मुझे चोदने लगे। “राधिका, तेरी चूत टाइट है,” वो बोले। हर धक्के से मेरी गांड बेड पर टकरा रही थी। “ससुर जी, जोर से चोदो… मेरी चूत फाड़ दो,” मैं चीख रही थी।
उन्होंने मेरे चूचे अपने हाथों में पकड़े और जोर-जोर से दबाने लगे। मेरे निप्पल सख्त हो गए थे, और वो उन्हें अपनी उंगलियों से मसल रहे थे। “आह्ह… ससुर जी… चूसो मेरे चूचे…” मैंने कहा। उन्होंने मेरा एक चूचा अपने मुँह में लिया और जोर से चूसने लगे। उनकी जीभ मेरे निप्पल पर गोल-गोल घूम रही थी, और मैं सिसकारियाँ ले रही थी। “आह्ह… ससुर जी… और जोर से चूसो…” मैं चीखी। उन्होंने मेरा दूसरा चूचा अपने हाथ से मसला, और मेरा चूचा लाल हो गया। वो मेरी चूत को चोदते हुए मेरे चूचों को चूस रहे थे। मैं पागल हो रही थी।
उन्होंने मुझे आधा घंटा चोदा। मेरी चूत लाल हो गई थी, और मेरा पानी दो बार निकल चुका था। “राधिका, अब तेरी गांड चोदता हूँ,” वो बोले। उन्होंने मुझे पलटा। मेरी गांड गोल और मुलायम थी। उन्होंने मेरी गांड पर थूका और अपनी उंगलियाँ मेरी गांड में डाल दीं। “आह्ह… ससुर जी… धीरे…” मैं सिसकी। मेरी गांड टाइट थी, और उनकी उंगलियाँ मुझे दर्द दे रही थीं। फिर उन्होंने अपना मोटा लंड मेरी गांड में डाला। “आह्ह… फट गई… आह्ह…” मैं रो पड़ी। उनका लंड मेरी गांड को चीर रहा था। “राधिका, तेरी गांड मस्त है,” वो बोले और मेरी गांड चोदने लगे। उनकी उंगलियाँ मेरी चूत में थीं, और वो मेरी चूत को भी रगड़ रहे थे। “ससुर जी, मेरी चूत भी चोदो,” मैं बोली। उन्होंने मुझे फिर पलटा और मेरी चूत में लंड डाला। “राधिका, तेरी चूत में झड़ता हूँ,” वो बोले। उन्होंने मुझे जोर-जोर से चोदा और मेरी चूत में झड़ गए। उनका गर्म वीर्य मेरी चूत से बह रहा था। “ससुर जी, आपने मुझे खुश कर दिया,” मैं हांफते हुए बोली।
हर रोज की चुदाई
उस रात के बाद ससुर जी मुझे हर रोज चोदने लगे। जब अजय घर पर नहीं होता, वो मेरे रूम में आते और मुझे चोदते। “राधिका, तेरी चूत मेरी है,” वो कहते। एक बार उन्होंने मुझे बाथरूम में शॉवर के नीचे चोदा। मैं नहा रही थी, और वो अंदर आ गए। उन्होंने मुझे दीवार से सटाया और मेरा एक पैर उठाकर मेरी चूत में लंड डाल दिया। “आह्ह… ससुर जी… फाड़ दो मुझे…” मैं चीखी। उनका मोटा लंड मेरी चूत में अंदर-बाहर कर रहा था, और पानी मेरे चूचों पर गिर रहा था। मेरे चूचे हिल रहे थे, और वो उन्हें चूस रहे थे। “राधिका, तेरे चूचे मस्त हैं,” वो बोले और मेरे निप्पल काटने लगे। मैं सिसकारियाँ ले रही थी। उन्होंने मुझे शॉवर के नीचे आधा घंटा चोदा और मेरी चूत में झड़ गए।
कभी-कभी वो मुझे किचन में चोदते। एक दिन मैं किचन में खाना बना रही थी। मैंने टाइट नाइटी पहनी थी। मेरी गांड नाइटी में लचक रही थी। ससुर जी पीछे से आए और मेरी गांड पर हाथ फेरने लगे। “ससुर जी, कोई देख लेगा,” मैं बोली। “राधिका, कोई नहीं है घर पर,” वो बोले और मेरी नाइटी ऊपर कर दी। उन्होंने मुझे टेबल पर झुकाया और मेरी चूत में लंड डाल दिया। “आह्ह… ससुर जी… जोर से…” मैं चीखी। उन्होंने मेरी चूत को जोर-जोर से चोदा और मेरी गांड पर थप्पड़ मारे। “राधिका, तेरी गांड चाहिए मुझे,” वो बोले और मेरी गांड में लंड डाल दिया। “आह्ह… ससुर जी… फट गई…” मैं चीखी। उन्होंने मेरी गांड चोदी और मेरे चूचों को मसलते हुए मेरी चूत में झड़ गए।
बाहर की चुदाई
एक दिन ससुर जी मुझे दिल्ली के बाहर एक फार्महाउस पर ले गए। वहाँ कोई नहीं था। मैंने लाल साड़ी पहनी थी, और मेरा ब्लाउज मेरे चूचों से चिपक गया था। ससुर जी ने मुझे फार्महाउस के बगीचे में ले जाकर मेरी साड़ी उतार दी। “राधिका, यहाँ तुझे चोदने का मजा आएगा,” वो बोले। उन्होंने मुझे घास पर लिटाया और मेरी चूत में लंड डाल दिया। “आह्ह… ससुर जी… चोदो मुझे…” मैं चीखी। उन्होंने मुझे खुले आसमान के नीचे चोदा। मेरे चूचे हिल रहे थे, और वो उन्हें दबा रहे थे। उन्होंने मेरी चूत में झड़ दिया, और मेरा पानी भी निकल गया।
आज की हकीकत
अब मार्च खत्म हो गया है। अजय को कुछ नहीं पता, लेकिन ससुर जी मुझे हर रोज चोदते हैं। “राधिका, तू मेरी रंडी है,” वो कहते हैं। मेरी चूत उनके मोटे लंड के बिना रह नहीं सकती। ससुर जी का मोटा लंड लेकर मैं खुश हो गई, और मेरी हवस उनके साथ पूरी हुई।