Hindi Sex Story: सेक्स के बिना रह नहीं पाती हूँ विधवा : मेरा नाम राधा है, मैं 32 साल की एक हॉट विधवा हूँ। मेरे पति की मृत्यु को तीन साल हो गए हैं, और तब से मेरी जिंदगी में एक खालीपन आ गया था। मेरा शरीर सेक्सी है—36D की भारी चूची, पतली कमर, और मेरी गांड इतनी उभरी हुई कि मेरे सलवार-कुर्ते में साफ दिखती है। पति के जाने के बाद मेरी चूत की आग बुझाने वाला कोई नहीं था। मैं रात-रात भर अपनी चूत में उंगलियाँ डालकर खुद को शांत करने की कोशिश करती थी, लेकिन वो आग और बढ़ती गयी। मैं सेक्स के बिना रह नहीं पाती थी, और इसीलिए मैंने अपने दूधवाले, रमेश, से चुदवाना शुरू किया।
शुरूआत: दूधवाले की नजर
हमारा गाँव छोटा सा था, और हर सुबह रमेश मेरे घर दूध देने आता था। रमेश 28 साल का जवान लड़का था—लंबा, सांवला, और उसकी मस्कुलर बॉडी देखकर मेरे मन में हलचल होने लगती थी। उसकी शर्ट के नीचे उसकी चौड़ी छाती और धोती में उसका लंड का उभार साफ दिखता था। मैं सुबह-सुबह नाइटी में दूध लेने जाती थी, और मेरी चूची नाइटी में से झलकती थीं। कई बार मैंने देखा कि रमेश मेरी चूची और गांड को घूरता था, और उसकी आँखों में वासना की चमक होती थी। एक दिन मैंने सोच लिया कि अब अपनी चूत की प्यास बुझानी है, और रमेश को इसके लिए इस्तेमाल करना है।
उस सुबह मैंने जानबूझकर एक पतली नाइटी पहनी, जिसमें मेरी चूची के निप्पल साफ दिख रहे थे। जब रमेश दूध लेकर आया, मैंने दरवाजा खोला और उसे अंदर बुलाया। “रमेश, आज थोड़ा अंदर आओ, दूध का बर्तन रसोई में है,” मैंने कहा, और उसकी तरफ सेक्सी अंदाज में देखा। वो मेरे पीछे-पीछे रसोई में आया, और उसकी नजर मेरी गांड पर टिक गयी। मैंने बर्तन नीचे रखते हुए जानबूझकर झुकी, ताकि मेरी चूची उसकी आँखों के सामने आ जाएँ। “राधा भाभी, आप बहुत हॉट लग रही हैं,” उसने हिम्मत करके कहा, और उसकी धोती में उसका लंड तन गया।
पहला कदम: आग भड़की
“रमेश, तू भी तो जवान और ताकतवर है,” मैंने मुस्कुराते हुए कहा, और उसकी तरफ बढ़ी। मेरा हाथ उसकी छाती पर गया, और उसकी साँसें तेज हो गयीं। “भाभी, ये क्या कर रही हो?” उसने कहा, लेकिन उसकी आवाज में उत्तेजना थी। मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी चूची पर रख दिया। “आह, रमेश, इसे दबा,” मैंने कहा, और उसने मेरी चूची को जोर से दबाया। मेरे मुँह से सिसकारी निकली, और मेरी चूत गीली हो गयी। उसने मेरी नाइटी का गला नीचे खींचा, और मेरी चूची नंगी हो गयीं—भारी, गोल, और निप्पल सख्त। “भाभी, ये कितने बड़े हैं,” उसने कहा, और एक चूची को अपने मुँह में ले लिया। वो मेरे निप्पल को चूसने लगा, उसकी जीभ मेरे निप्पल पर घूम रही थी। “आह, रमेश, चूस, जोर से चूस!” मैं चिल्लायी, मेरा हाथ उसके सिर पर गया, और मैं उसे अपनी चूची की ओर दबाने लगी। उसने दूसरी चूची को अपने हाथ से मसला, और मेरी चूत में आग भड़क गयी।
मैंने उसे रसोई से अपने बेडरूम में खींच लिया। “रमेश, मुझे चोद, मेरी चूत तीन साल से प्यासी है,” मैंने विनती की। उसने मुझे बेड पर लिटाया, और मेरी नाइटी पूरी उतार दी। अब मैं नंगी उसके सामने थी—मेरी चूत गीली और तैयार थी। “भाभी, आपकी चूत बहुत सेक्सी है,” उसने कहा, और अपना मुँह मेरी चूत के पास ले गया। उसकी जीभ मेरी चूत के होंठों पर फिरी, और फिर अंदर चली गयी। “आह, रमेश, चाट मेरी चूत!” मैं चीखी, मेरे पैर फैल गए, और वो मेरी चूत को जोर-जोर से चाटने लगा। उसकी जीभ मेरे क्लिट को चूस रही थी, और मैं अपनी गांड उठाकर उसके मुँह को चोदने लगी। “फक, रमेश, चाट, मुझे पागल कर दे!” मैं चिल्ला रही थी, मेरी चूत से पानी टपक रहा था, और वो उसे चाटकर पी गया।
लंड का पहला स्वाद
“भाभी, अब मेरा लंड लो,” रमेश ने कहा, और वो खड़ा हो गया। उसने अपनी धोती उतारी, और उसका लंड मेरे सामने आ गया—8 इंच लंबा, मोटा, और पूरी तरह तना हुआ। मैं उसे देखकर हैरान हो गयी, “रमेश, ये तो बहुत बड़ा है!” मैंने कहा, लेकिन मेरी चूत उसे देखकर और तरस गयी। “इसे चूसो, भाभी,” उसने कहा, और मेरा मुँह अपने लंड के पास ले गया। मैंने उसका लंड अपने हाथ में लिया, और उसकी गर्मी मेरे हाथ में महसूस हुई। मैंने अपनी जीभ से उसके लंड के सुपाड़े को चाटा, और फिर उसे मुँह में ले लिया। “आह, भाभी, चूसो, जोर से चूसो!” रमेश चिल्लाया, और मैं उसका लंड चूसने लगी। मेरा मुँह उसके लंड से भर गया, उसकी नमकीन गंध मेरे नाक में जा रही थी। वो मेरे सिर को पकड़कर अपने लंड को मेरे मुँह में अंदर-बाहर करने लगा। “भाभी, तुम बहुत अच्छे से चूसती हो,” उसने कहा, और मैंने और जोश में उसका लंड चूसना शुरू कर दिया।
चूत की चुदाई
कुछ देर चूसने के बाद रमेश ने मुझे बेड पर लिटाया। “भाभी, अब तुम्हारी चूत चोदता हूँ,” उसने कहा, और अपने लंड को मेरी चूत पर रगड़ा। मेरी चूत तीन साल से लंड के लिए तरस रही थी। “चोद, रमेश, मेरी चूत चोद!” मैंने चिल्लाकर कहा। उसने एक जोरदार धक्का मारा, और उसका लंड मेरी चूत में घुस गया। “आह, फक, रमेश, धीरे!” मैं चीखी, मेरी चूत में हल्का दर्द हुआ, लेकिन वो सुख में बदल गया। वो मेरी चूची पकड़कर मुझे चोदने लगा। उसका चोदना तेज हो गया—हर धक्के में उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था, मेरी चूची हवा में उछल रही थीं। “चोद, रमेश, मेरी चूत फाड़ दे!” मैं चिल्ला रही थी, मेरा शरीर उसके हर धक्के के साथ कांप रहा था।
गांड की चुदाई
कुछ देर चूत चोदने के बाद उसने मुझे उल्टा किया। “भाभी, अब तुम्हारी गांड चोदता हूँ,” उसने कहा, और मेरी गांड को ऊपर उठाया। “रमेश, मेरी गांड में मत डाल, दर्द होगा!” मैंने कहा, लेकिन वो मेरी गांड पर थूक लगाकर अपने लंड को मेरे छेद पर रखने लगा। “डर मत, भाभी,” उसने कहा, और धीरे से अपना लंड मेरी गांड में घुसाया। “आह, रमेश, मेरी गांड में लंड!” मैं चीखी, मेरी गांड फट रही थी, लेकिन वो धीरे-धीरे मुझे चोदने लगा। “भाभी, तेरी गांड बहुत टाइट है,” उसने कहा, और मेरी चूची पकड़कर मेरी गांड को जोर-जोर से चोदने लगा। उसका लंड मेरी गांड में अंदर-बाहर हो रहा था, और मेरी चूत से पानी टपक रहा था। “चोद, रमेश, मेरी गांड फाड़ दे!” मैं सुख में चिल्ला रही थी।
आखिरी सुख
कुछ देर गांड चोदने के बाद उसने मुझे फिर से सीधा किया। “भाभी, अब तेरी चूत में मेरा माल डालता हूँ,” उसने कहा, और अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। वो मुझे तेजी से चोदने लगा, उसका हर धक्का मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। “चोद, रमेश, मेरी चूत में माल डाल!” मैं चिल्लायी, उसका लंड मेरी चूत में कांपने लगा। “भाभी, मेरा माल आ रहा है,” वो चिल्लाया, और मेरी चूत में उसका गर्म माल छोड़ दिया। मैं भी झड़ गयी—“आह, रमेश, मैं झड़ रही हूँ!” मेरी चूत से पानी निकला, और वो उसके माल के साथ मिल गया।
हम दोनों हांफते हुए बेड पर गिर पड़े। “रमेश, अब रोज सुबह दूध के साथ मुझे चोदना,” मैंने सेक्सी अंदाज में कहा, और उसके लंड पर एक चुम्बन दिया। “भाभी, आपकी चूत और गांड मेरी हैं,” उसने हंसते हुए कहा, और मेरी चूची पर हाथ फेरा।