Suhagrat Sex Story : मेरा नाम प्रिया है, और मैं 22 साल की हूँ। मेरी शादी हाल ही में एक छोटे से गाँव में राहुल नाम के लड़के से हुई। राहुल 26 साल का है, लेकिन उसकी तबीयत शादी के दिन खराब हो गई, और उसे डॉक्टर ने आराम करने को कहा। मैंने अपनी सुहागरात की सारी तैयारियाँ कर ली थीं—लाल जोड़ा, भारी मेकअप, और मेरे गोरे बदन पर सजावट। मेरा फिगर 34-28-36 है—मोटे चूचे, पतली कमर, और भारी गांड। लेकिन राहुल की तबीयत की वजह से वो रात को जल्दी सो गया।
मैं अपने कमरे में अकेली बैठी थी, और मेरी चूत में खुजली हो रही थी। तभी दरवाजे पर किसी ने खटखटाया। मैंने दरवाजा खोला, तो देखा कि मेरे ससुर जी, रमेश, खड़े थे। ससुर जी 50 साल के थे, लेकिन मज़बूत कद-काठी और उनकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी। “प्रिया बेटी, राहुल सो गया है ना?” उन्होंने पूछा। “हाँ, ससुर जी,” मैंने शरमाते हुए कहा। “तो आज मैं तुम्हारी सुहागरात मनाऊँगा,” ससुर जी ने गरम लहजे में कहा।
मैं डर गई। “ससुर जी, ये गलत है,” मैंने कहा, लेकिन मेरी चूत गीली हो रही थी। ससुर जी ने दरवाजा बंद किया और मेरे करीब आ गए। “प्रिया, तुम्हारी चूत की सील आज मैं तोड़ूँगा,” उन्होंने कहा और मेरा घूँघट हटा दिया। मेरे चूचे लहंगे के ब्लाउज में से उभर रहे थे। ससुर जी ने मेरा ब्लाउज फाड़ दिया। “क्या मस्त चूचे हैं, प्रिया,” उन्होंने कहा और एक निप्पल को मुँह में भर लिया। “आह्ह, ससुर जी, चूसो,” मैं सिसक उठी। मेरी चूत से रस टपकने लगा।
उन्होंने मेरा लहंगा और पैंटी उतार दी। “प्रिया, तुम्हारी चूत देखनी है,” ससुर जी ने कहा और मेरी टाँगें फैला दीं। मेरी कुंवारी चूत नंगी होकर चमकने लगी। ससुर जी ने अपनी जीभ मेरी चूत पर फेर दी। “आह्ह, ससुर जी, चाटो, मेरी चूत का रस पी जाओ!” मैं चिल्लाई। उनकी जीभ मेरी चूत के होंठ चूस रही थी। “प्रिया, तुम्हारी चूत का स्वाद गज़ब है,” ससुर जी ने कहा और अपनी धोती उतार दी। उनका मोटा लंड बाहर निकला—लंबा, सख्त और गरम। “ससुर जी, ये तो मेरी चूत फाड़ देगा!” मैंने डरते हुए कहा। उन्होंने हँसते हुए कहा, “प्रिया, तुम्हारी चूत की सील तोड़ने का मज़ा ही अलग है।”
ससुर जी ने मेरी चूत पर लंड रगड़ा। “पहले तुम्हारी चूत की सील तोड़ूँगा,” उन्होंने कहा और एक ज़ोरदार धक्का मारा। “आह्ह, ससुर जी, मेरी चूत फट गई!” मेरी चीखें कमरे में गूँज उठीं। मेरी चूत से खून निकलने लगा, लेकिन दर्द के साथ मज़ा भी आ रहा था। ससुर जी ने तेज़ी से धक्के मारने शुरू किए। “प्रिया, तुम्हारी चूत तो मेरे लंड को निगल रही है,” ससुर जी ने कहा। मेरी गांड हर धक्के के साथ हिल रही थी। “ससुर जी, और जोर से चोदो, मेरी चूत की प्यास बुझा दो!” मैं चिल्लाई। मेरी चूत से रस टपक-टपक कर बिस्तर पर गिर रहा था।
चुदाई का नशा चढ़ गया। ससुर जी ने मुझे बिस्तर पर कुतिया बनाया। “अब तुम्हारी गांड में लंड डालूँगा,” उन्होंने कहा और मेरी गांड पर थप्पड़ मारा। “मारो, ससुर जी, मेरी गांड लाल कर दो!” मैंने कहा। उन्होंने अपना मोटा लंड मेरी गांड में पेल दिया। “आह्ह, मेरी गांड फट गई, और तेज़!” मेरी चीखें तेज़ हो गईं। “प्रिया, तुम्हारी गांड बहुत टाइट है,” ससुर जी ने कहा। मेरी चूत से रस बह रहा था, और मैंने अपनी उंगलियाँ अपनी चूत में डाल दीं। “ससुर जी, मेरी चूत और गांड दोनों को चोदो!” मैं सिसक उठी।
चुदाई का खेल बढ़ गया। ससुर जी ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गए। “अब तुम्हारी चूत को गहरा चोदूँगा,” उन्होंने कहा और लंड मेरी चूत में ठोक दिया। “आह्ह, ससुर जी, मेरी चूत चीर डालो!” मैं चिल्लाई। उनका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। “प्रिया, तुम्हारी चूत को चोद-चोद कर ढीली कर दूँगा,” ससुर जी ने कहा और मेरे चूचों को मसलते हुए धक्के मारे। “चोदो मुझे, ससुर जी, मुझे अपने लंड का मज़ा दो!” मेरी सिसकियाँ तेज़ हो गईं। बिस्तर हमारी चुदाई से हिल रहा था।
ससुर जी ने मुझे दीवार से सटा दिया। “प्रिया, तुम्हारे होंठ चूसूँगा,” उन्होंने कहा और मेरे होंठ चूसने लगे। “आह्ह, ससुर जी, मेरे होंठ दबा दो!” मैंने कहा। उन्होंने मेरे होंठों को काटा और कहा, “प्रिया, तुम्हारे होंठ तो शहद हैं।” मैंने उनका लंड पकड़ा और मसलते हुए कहा, “ससुर जी, मेरी चूत को फिर चोदो!” उन्होंने मुझे बिस्तर पर पटका और मेरी चूत में लंड ठोका। “तुम्हारी चूत और गांड दोनों को रस से भर दूँगा,” ससुर जी ने चीखते हुए कहा। “और जोर से चोदो, मेरी प्यास बुझा दो!” मैं चिल्लाई।
रात गहराने लगी। ससुर जी ने मुझे बाथरूम में ले जाया। “प्रिया, यहाँ तुम्हारी चूत को चोदूँगा,” उन्होंने कहा और मुझे शावर के नीचे खड़ा कर दिया। पानी मेरे नंगे जिस्म पर बह रहा था। “ससुर जी, पानी में चुदाई का मज़ा लो!” मैंने कहा। उन्होंने मुझे दीवार से सटाया और मेरी चूत में लंड ठोका। “आह्ह, ससुर जी, और जोर से!” मैं चिल्लाई। पानी हमारे जिस्म पर बह रहा था, और मेरी चूत उनके लंड को गीला कर रही थी। “प्रिया, तुम्हारी चूत मेरे लंड की दीवानी है,” ससुर जी ने कहा।
सुबह होने को थी। ससुर जी ने मुझे अपनी गोद में बिठाया। “प्रिया, अब तुम्हारी गांड फिर चोदूँगा,” उन्होंने कहा और मुझे उल्टा कर दिया। “ससुर जी, मेरी गांड में लंड डाल दो!” मैंने सिसकते हुए कहा। उन्होंने मेरी गांड में लंड पेल दिया। “आह्ह, मेरी गांड फट गई, और तेज़!” मेरी चीखें कमरे में गूँज रही थीं। “प्रिया, तुम्हारी गांड मेरे लंड की गुलाम है,” ससुर जी ने कहा और मुझे रगड़ने लगे। मेरी चूत से रस टपक रहा था। “चोदो मुझे, ससुर जी, मुझे अपनी रंडी बना दो!” मैं चिल्लाई।
आख़िर में ससुर जी का लंड फट पड़ा। उनका गरम रस मेरी चूत में भर गया, फिर मेरी गांड में, और बाक़ी मेरे चूचों और होंठों पर छिड़क गया। “आह्ह, ससुर जी, आपका रस मेरे मुँह में डालो,” मैंने कहा और उनके लंड से टपकता रस चाट लिया। हम दोनों हाँफते हुए बिस्तर पर गिर पड़े। “ससुर जी, आपने मेरी सुहागरात यादगार बना दी,” मैंने हँसते हुए कहा। “प्रिया, अब हर रात ऐसी ही होगी,” ससुर जी ने जवाब दिया। उनकी चुदाई की गर्मी मेरे जिस्म में समा गई थी।