चुदाई आधी रात को: एक विधवा पड़ोसन की सेक्स कहानी

Vidhwa Padosan ki Sex Kahani : मेरा नाम रोहन है, उम्र 30 साल। मैं दिल्ली की एक तंग गली में किराए के मकान में रहता हूँ। मेरा जिस्म मज़बूत है—चौड़ी छाती, मोटा लंड, और एक ऐसी भूख जो किसी की चूत को तबाह कर सकती है। मेरे पड़ोस में रहती थी सुनीता—35 साल की विधवा, गोरी, भरी हुई चूचियाँ, मोटी जाँघें, और एक ऐसी गांड जो उसकी साड़ी में लचकती थी। उसका पति दो साल पहले मर गया था, और तब से वो अकेली थी। उसकी जवानी अभी भी सुलग रही थी—उसके गुलाबी होंठ, उसकी कमर की लचक, और उसकी चूतड़ों की थिरकन मुझे रातों को तड़पाती थी। वो मुझे देखकर मुस्कुराती, और उसकी आँखों में एक अनकही हवस चमकती थी।

एक रात बारिश हो रही थी। आधी रात का वक्त था, और मैं अपने कमरे में लेटा था, सिर्फ़ लुंगी पहने हुए। मेरा लंड गर्मी से तन रहा था। अचानक दरवाजे पर तेज़ दस्तक हुई। “रोहन, दरवाजा खोलो!” सुनीता की आवाज़ थी। मैंने दरवाजा खोला, वो भीगी हुई खड़ी थी। उसकी साड़ी उसके जिस्म से चिपक गई थी, उसकी चूचियाँ साफ़ उभर रही थीं, और उसकी जाँघें पानी से चमक रही थीं। “मेरे घर में पानी भर गया है, मुझे रात यहाँ रुकना है,” उसने सिसकते हुए कहा। मैंने उसे अंदर बुलाया, और वो मेरे पास सोफे पर बैठ गई। उसकी गीली साड़ी से उसका नंगा पेट चमक रहा था, और उसकी चूतड़ मेरे सामने मटक रहे थे।

“सुनीता, तू पूरी भीग गई है,” मैंने कहा, और मेरी नज़रें उसकी चूचियों पर टिक गईं। उसने मेरी नज़र पकड़ ली और मुस्कुराई। “रोहन, मुझे ठंड लग रही है, कुछ गर्म कर दो,” उसने शरारती लहजे में कहा। मैं उसके करीब सरक गया, और उसकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर टकराईं। मैंने उसकी कमर पर हाथ रखा, और वो सिहर उठी। “रोहन, ये क्या कर रहे हो?” उसने फुसफुसाया, लेकिन उसकी आँखों में भूख थी। मैंने उसके गुलाबी होंठों पर एक जंगली किस कर दिया। मेरी जीभ उसके मुँह में घुस गई, और मैं उसके होंठों को चूसने लगा। उसका किस इतना गर्म था कि मेरा लंड लुंगी में तड़पने लगा। उसने मेरी लुंगी खींच दी, और मेरा मोटा लंड उसके सामने नंगा हो गया। “रोहन, तेरा लंड कितना मस्त है,” उसने सिसकते हुए कहा। उसने मेरे लंड को अपने नरम हाथों में लिया और उसे ज़ोर से सहलाने लगी। मेरे जिस्म में आग भड़क उठी।

मैंने उसकी साड़ी को एक झटके में फाड़ डाला। उसकी गोरी चूचियाँ मेरे सामने नंगी हो गईं, और उसका नंगा पेट चमक रहा था। “सुनीता, तेरी चूचियाँ कितनी रसीली हैं,” मैंने गुर्राया। मैंने उसकी एक चूची को अपने मुँह में लिया और उसे ज़ोर से चूसने लगा। मेरी जीभ उसके निप्पल पर नाच रही थी, और मेरा दूसरा हाथ उसकी दूसरी चूची को बेरहमी से मसल रहा था। वो सिसकारियाँ भर रही थी, “रोहन, मेरी चूचियाँ चूसो, मेरी जवानी को चखो!” उसकी चूत गीली होकर टपक रही थी। मैंने उसका पेटीकोट खींचकर फेंक दिया, और उसकी मोटी जाँघें नंगी हो गईं। उसकी गांड मेरे सामने थी, और मैंने उसकी पैंटी फाड़ डाली। उसकी गुलाबी चूत मेरे सामने चमक रही थी, गीली और गर्म। “सुनीता, तेरी चूत और गांड देखकर मेरा लंड पागल हो रहा है,” मैंने कहा। मेरी उंगलियाँ उसकी चूत को रगड़ने लगीं, और वो चीख उठी। मैंने उसके चूतड़ों को जकड़ा और उन्हें ज़ोर से दबाया, उसकी कमर मचल रही थी।

“रोहन, मेरी चूत को चाटो, मेरी जवानी को महसूस करो,” उसने सिसकते हुए कहा। मैंने उसकी जाँघें फैलाईं और उसकी चूत को अपनी जीभ से चूम लिया। मेरी जीभ उसकी चूत में घुस गई, और वो चीख रही थी। मैंने उसकी चूत को चाटा, उसका गर्म रस मेरे होंठों पर फैल गया। उसने मेरे बाल जकड़े और मुझे और गहराई में खींच लिया। उसकी चूत मेरे मुँह में टपक रही थी, और मेरा लंड उसकी चुदाई के लिए बेकरार था। मैंने उसे सोफे पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ गया। मेरी जाँघें उसकी जाँघों को कुचल रही थीं, और मेरा लंड उसकी चूत से टकरा रहा था। मैंने उसके चूतड़ उठाए और उसे अपनी ओर खींच लिया। “सुनीता, अब तेरी चूत की चुदाई होगी,” मैंने गुर्राया। मैंने उसके होंठों पर एक और जंगली किस किया, मेरी जीभ उसकी चूचियों तक सरकी, और मैंने उसके निप्पल को काट लिया। मेरा हाथ उसकी कमर को मसल रहा था, और मेरी उंगलियाँ उसकी चूत को रगड़ रही थीं।

मैंने अपने लंड को उसकी चूत में सटा दिया और एक ज़ोरदार धक्का मारा। उसकी चीख हवा में गूँज उठी, “रोहन, तेरा लंड मेरी चूत को फाड़ देगा!” मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया। मैंने उसकी कमर जकड़ी और उसे चोदना शुरू कर दिया। मेरे हर धक्के से उसकी चूचियाँ उछल रही थीं, और उसकी गांड मेरे लंड से टकरा रही थी। “रोहन, और ज़ोर से चोदो, मेरी चूत को तबाह कर दो!” उसने चीखकर कहा। मैंने उसकी चूत में अपने लंड को और गहराई तक ठूँसा, और उसे पूरी ताकत से चोदा। उसकी चूत की गर्मी मेरे लंड को जला रही थी। मैंने उसकी चूचियों को पीछे से पकड़ा और उन्हें मसल दिया। मेरी उंगलियाँ उसके निप्पल को नोच रही थीं, और वो मेरे लंड की हर रगड़ का मज़ा ले रही थी। उसकी गांड मेरे धक्कों से लाल हो गई थी।

मैंने उसे उल्टा किया। उसकी गांड ऊँची हुई, और उसके चूतड़ मेरे सामने थिरक रहे थे। मैंने उसकी जाँघें फैलाईं और उसकी चूत में पीछे से अपना लंड घुसा दिया। “सुनीता, तेरी गांड मस्त है,” मैंने कहा और उसकी चुदाई शुरू कर दी। उसकी चीखें तेज़ हो गईं, और मैंने उसके चूतड़ों पर थप्पड़ मारे। उसकी चूत मेरे लंड को निचोड़ रही थी, और मैं उसे और ज़ोर से चोद रहा था। मैंने उसे बाथरूम में ले जाकर शॉवर के नीचे चोदा। पानी उसकी चूचियों से टपक रहा था, और उसकी गांड चमक रही थी। मैंने उसे दीवार से सटाया और उसकी चूत में अपना लंड डाला। मेरे धक्कों से उसकी चूचियाँ हिल रही थीं, और उसकी चूत मेरे लंड को निगल रही थी। उसने मेरी कमर जकड़ ली और चीखी, “रोहन, मेरी चूत फाड़ दो, मेरी जवानी को चोद डालो!” मैंने उसकी गांड को मसला और उसे और ज़ोर से चोदा। उसकी चूत मेरे लंड से टकरा रही थी, और उसकी सिसकारियाँ बाथरूम में गूँज रही थीं।

मैंने उसे फिर से बिस्तर पर लिटाया। उसकी जाँघें फैलाईं, और उसकी चूत में अपना लंड ठूँस दिया। मेरे हर धक्के से उसकी चूचियाँ उछल रही थीं, और उसकी गांड बिस्तर से टकरा रही थी। वो मेरे होंठों को चूस रही थी, और मैं उसकी चूत को चोद रहा था। “रोहन, तेरा लंड मेरी चूत का राजा है,” उसने सिसकते हुए कहा। मैंने उसकी चूत को तबाह कर दिया, और वो मेरे नीचे तड़प रही थी। उस रात, सुनीता की चूत, गांड, चूचियाँ, जाँघें, चूतड़ मेरे लंड की गर्मी से भर गए। उसकी जवानी मेरे सामने नंगी थी, और उसकी चीखें आधी रात तक गूँजती रहीं।