रात का समय था, दिल्ली की एक छोटी-सी कॉलोनी में सन्नाटा पसरा हुआ था। मैं, नेहा, 28 साल की एक जवान औरत, अपने फ्लैट में अकेली थी। मेरा फिगर सेक्सी था—36D की चूचियाँ, पतली कमर, और भारी-भरकम गांड जो मेरी टाइट लेगिंग्स में हर कदम पर उछलती थी। पिछले कुछ दिनों से मैं योग सीख रही थी, और मेरा योग टीचर, राहुल, 35 साल का एक हट्टा-कट्टा मर्द था। उसका लंड उसकी टाइट ट्रैक पैंट में साफ दिखता था, और मैं हर क्लास में उसकी मर्दानगी को देखकर अपनी चूत में गीलापन महसूस करती थी। आज मेरी चुदाई की ख्वाहिश पूरी होने वाली थी।
सुबह 6 बजे का समय था, मैंने अपनी सबसे टाइट योगा ड्रेस पहनी—एक काली स्पोर्ट्स ब्रा जो मेरी चूचियों को ऊपर उठाकर और सख्त दिखाती थी, और एक नीली लेगिंग जो मेरी गांड को पूरी तरह से नंगा सा महसूस कराती थी। राहुल दरवाजे पर आया, उसकी आँखें मेरे जिस्म पर टिकीं। “नेहा, आज तुम बहुत हॉट लग रही हो,” उसने कहा, उसकी आवाज में एक भूख थी। मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “सिर्फ योग के लिए तैयार हूँ, सर।” लेकिन मेरी चूत पहले से ही गीली हो चुकी थी।
हम लिविंग रूम में चटाई बिछाकर शुरू हुए। पहला आसन था भुजंगासन—मुझे पेट के बल लेटना था और छाती को ऊपर उठाना था। मेरी चूचियाँ ब्रा से बाहर निकलने को बेताब थीं, और राहुल मेरे पीछे खड़ा होकर मेरी कमर को दबाने लगा। “थोड़ा और ऊपर, नेहा,” उसने कहा, और उसका हाथ मेरी गांड पर सट गया। मैंने एक आह भरी, “सर, आपका हाथ…” उसने हँसते हुए कहा, “योग में सब कुछ सही करना पड़ता है।” उसका लंड उसकी पैंट में सख्त हो रहा था, और मैं उसकी गर्मी को अपनी गांड पर महसूस कर रही थी।
अगला आसन था उत्कटासन—मुझे घुटनों को मोड़कर बैठना था। राहुल मेरे सामने आया, और उसकी नजर मेरी चूचियों पर टिक गई। “सीधा करो, नेहा,” उसने कहा, और अपने हाथों से मेरी चूचियाँ दबा दीं। मैंने एक जोरदार आह निकाली, “सर, ये क्या कर रहे हैं?” उसने मेरे कान में फुसफुसाया, “तुम्हारी चुदाई का योग सिखा रहा हूँ।” मेरी चूत में आग लग गई, और मैंने उसकी पैंट की ओर देखा—उसका लंड अब पूरी तरह खड़ा था, पैंट फाड़ने को तैयार।
“सर, ये गलत है,” मैंने नाटक करते हुए कहा, लेकिन मेरी चूत उसकी हरकतों से चीख रही थी। उसने मेरी ब्रा के ऊपर से मेरी चूचियाँ पकड़ लीं और जोर से दबाईं। “गलत नहीं, नेहा, ये तो योग का असली सुख है,” उसने कहा और मेरी ब्रा को एक झटके में उतार दिया। मेरी चूचियाँ आजाद हो गईं, गोल, भारी, और निप्पल सख्त। उसने मेरे एक निप्पल को मुँह में लिया और चूसने लगा। “आह, सर, चूसो, जोर से!” मैं चिल्लाई, मेरी चूत से पानी टपकने लगा। उसने मेरी दूसरी चूची को हाथ से मसला, और मैं उसकी गोद में बैठ गई, उसका लंड मेरी गांड को चुभ रहा था।
उसने मुझे चटाई पर लिटाया और मेरी लेगिंग्स को नीचे खींच दिया। मेरी चूत नंगी हो गई—गीली, गुलाबी, और उसकी चुदाई के लिए तैयार। “नेहा, तेरी चूत कितनी सेक्सी है,” उसने कहा, और अपनी जीभ मेरी चूत पर फिराई। “आह, सर, चाटो मेरी चूत को!” मैं चीखी, उसकी जीभ मेरी चूत के अंदर तक गई, और मैं अपनी गांड हिलाने लगी। उसने मेरी चूत को चाटा, चूसा, और मेरे क्लिट को दाँतों से हल्का सा काटा। मैं पागल हो गई—“फक, सर, चोद दो मुझे!”
राहुल ने अपनी पैंट उतारी, और उसका लंड बाहर आया—8 इंच लंबा, मोटा, और नसों से भरा हुआ। मैंने उसे देखकर अपनी चूत में उंगलियाँ डाल दीं। “ये ले, नेहा, तेरा योग शुरू,” उसने कहा और अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा। मैंने टाँगें चौड़ी कीं, “चोदो, सर, मेरी चूत फाड़ दो!” उसने एक जोरदार धक्का मारा, और उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। “आह, फक, कितना बड़ा लंड है!” मैं चीखी, उसने मेरी चूचियाँ पकड़कर मुझे चोदना शुरू किया।
उसकी चुदाई तेज थी—हर धक्के में उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जाता, और मेरी चूचियाँ उछलतीं। “चोदो, सर, जोर से चोदो!” मैं चिल्लाई, उसने मेरी गांड को थप्पड़ मारे और मेरी चूत को और तेजी से चोदा। “तेरी चूत कितनी टाइट है, नेहा,” उसने कहा, और मुझे कुत्तिया की तरह घुमाकर मेरी गांड ऊपर की। उसने अपना लंड मेरी चूत में फिर से डाला और पीछे से चोदना शुरू किया। “आह, सर, मेरी गांड भी मारो!” मैंने कहा, और उसने मेरी गांड पर थूक लगाकर अपना लंड उसमें घुसा दिया।
मेरी गांड टाइट थी, लेकिन उसका लंड धीरे-धीरे अंदर गया। “फक, नेहा, तेरी गांड चोदने में मजा आ रहा है!” उसने मेरी चूचियाँ पकड़कर मेरी गांड को चोदा, और मैं दर्द और सुख में चीखती रही—“चोदो, सर, मेरी गांड फाड़ दो!” उसकी रफ्तार बढ़ी, और मेरी चूत से पानी निकलने लगा। मैं झड़ गई, “आह, सर, मैं झड़ रही हूँ!” मेरी चूत ने पानी छोड़ा, लेकिन उसने मेरी गांड चोदना जारी रखा।
“अब मेरी बारी,” उसने कहा, और मेरी गांड से लंड निकालकर मेरे मुँह में डाल दिया। “चूस, नेहा, मेरे लंड को चूस!” मैंने उसका लंड मुँह में लिया, उसकी गंध और स्वाद मेरे होश उड़ा रहे थे। मैंने जोर-जोर से चूसा, उसने मेरे बाल पकड़कर मेरे मुँह को चोदा। “फक, नेहा, तू रंडी की तरह चूस रही है!” उसने कहा, और मेरे मुँह में अपना माल छोड़ दिया। मैंने उसका सारा रस निगल लिया, और उसने मुझे फिर से चटाई पर लिटाया।
“अब असली योग,” उसने कहा, और मुझे उठाकर दीवार के सहारे खड़ा किया। उसने मेरा एक पैर उठाया और अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। “चोदो, सर, मेरी चूत को फिर से चोदो!” मैं चीखी, उसने मुझे दीवार के खिलाफ चोदा, मेरी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं। उसकी चुदाई इतनी तेज थी कि मेरा पूरा शरीर काँप रहा था। “तेरी चूत मेरा लंड खा रही है,” उसने कहा, और मुझे फिर से झड़ा दिया।
आखिर में उसने मुझे सोफे पर लिटाया, मेरे ऊपर चढ़कर मेरी चूत में अपना लंड डाला। “चोदो, सर, मेरे अंदर झड़ जाओ!” मैंने कहा, और उसने तेजी से चोदकर मेरी चूत में अपना माल छोड़ दिया। हम दोनों हाँफते हुए पड़े रहे, मेरी चूचियाँ उसकी छाती से दबी थीं। “अगली क्लास में और योग सिखाऊँगा,” उसने कहा, और मेरी गांड पर एक चपत लगाई।