First Sex story, Virgin Hindi Sex Kahani, Girlfriend Boyfriend Sex Story in Hindi – आज मैं भी आपके लिए एक सेक्स कहानी लिखने जा रही हूँ। ये मेरी पहली सेक्स कहानी है और मेरी पहली चुदाई भी है। यानी की मैं वर्जिन थी और पहली बार चुदी हूँ किसी लड़के से तो कैसा एक्सपीरियंस होता है पहली बार किसी लड़की का चुदाई करने से वो आपको बताने जा रही हूँ। मेरी पूरी कहानी आप इस वेबसाइट यानी www.merisexkahani.com पर पढ़ेंगे।
मेरा नाम नीतू है मैं लखनऊ में रहती हूँ। मैं मॉडर्न हूँ सुन्दर हूँ और और बारहवीं पास हूँ साइंस से। मैं अभी एयर होस्टेस की ट्रेनिंग कर रही हूँ। जब मेरी एक दोस्त ने इस वेबसाइट के बारे में बताया तो मैं उस दिन से ही इस वेबसाइट की फैन हो गयी और सेक्स कहानियां पढ़ने लगी।
जब कहानियां पढ़ती तो मेरी चूत गीली हो जाती यानी की मेरे मन में सेक्स की चाहत होने लगी और मुझे चुदने का मन करने लगा। पर ये आसान नहीं है किसी लड़की का तुरंत किसी लड़के के साथ सेक्स सम्बन्ध बनाना। कब कौन धोखा दे दे इसलिए लड़कियां या औरत सोच समझकर कदम उठाई है और जब उन्हें लगता है की बदनामी के बिना ही काम हो जाय तो वो आगे बढ़ती है।
असल में मैं कानपूर की रहने वाली हूँ अभी अभी कुछ महीने पहने ही मेरे पापा का तबादला लखनऊ हो गया। वो जब सरकारी क्वार्टर में गयी तो वहां बड़ा सा पार्क था सोसाइटी के अंदर ही। वह पर शाम को उस सोसाइटी की लड़के लड़किया अंकल आंटी सब घूमने आते थे।
मैं भी जाने लगी। बहुत अच्छा लगता था जब पार्क जाती थी धीरे धीरे वह पर एक दो दोस्त बन गए। उसमे से एक लड़का था विक्रम। विक्रम बहुत ही हॉट और सेक्सी लड़का था। पैसे वाला था और खुले दिमाग का था। मैं जब उसको देखि तो लगा की मेरा परफेक्ट मिल गया है। फिर धीरे धीरे बात चीत शुरू हुई। और एक सप्ताह में हम दोनों में गहरी दोस्ती हो गयी।
फिर धीरे धीरे बात बढ़ने लगी। वो मुझे अपनी कहानी सुनाता और मैं उससे अपनी कहानी सुनाती। फिर होली का दिन था और मैं होली खेलने पार्क में पहुंच गयी। वह पर उसने मुझे पहली बार छुआ, रंग लगाया और बात थोड़ी और बढ़ गयी थी वो मेरी चूचियां भी दबाया और चूचियों में भी रंग लगाया।
और पेड़ के पीछे उसने मेरे गुलाबी होठ को चूसा और किस किया। यानी की होली से ही हम दोनों के बिच शरीर का संपर्क होने लगा। धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे। मिलना जुलना रोजाना होने लगा। दो तीन दिन के अंदर ही हम दोनों का प्यार परवान चढ़ गया। जब भी मैं मिलती थी तो लगता था वो मेरे जिस्म के साथ खेले मेरी चूचियों को छुए मेरे गांड को सहलाये।
और वो भी रोजाना मेरा इंतज़ार करते रहता था। और मैं भी उससे मिलने को व्याकुल रहती है। आखिर वो दिन आ गया जब मैं अपनी गुलाबी चुत की उद्घाटन को सोच ली। मैं घर में अकेली संतान हूँ। पापा मम्मी किसी काम से अचानक ही आजमगढ़ जाना पड़ा, वो बोले की दो से तीन दिन लगेंगे तो तुम अकेली ही रहना घर से बाहर नहीं निकलना। मैं बोली ठीक है पापा जी आपकी कसम कहती हूँ घर से बाहर नहीं निकलूंगी।
मेरे मन में प्लान चल पड़ा की मैं घर में ही रहूँगी और अपने बॉयफ्रेंड को यही बुला लुंगी।पापा मम्मी शाम को करीब चार बजे बस से आजमगढ़ के लिए निकल पड़े। मैं करीब पांच बजे अपने बॉयफ्रेंड को फ़ोन की की ऐसी ऐसी बात है मम्मी पापा दो से तीन दिन के लिए बाहर गए है। वो ख़ुशी से उछल पड़ा।
मैं बोली आ जाओ मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रही हूँ। वो शाम के करीब छह बजे आ गया। और आते ही बोला मैं भी अकेला ही हूँ। आज ही मम्मी पापा दोनों ही मामा जी के यहाँ गए है। पंचायत चुनाव लड़ रहे है इसलिए। ओह्ह्ह्हह क्या बताऊ दोस्तों हम दोनों ही ख़ुशी से पागल हो उठे और एक दूसरे को गले लगते हुए एक दूसरे को होठ को चूसने लगे।
धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे के जिस्म को सहलाने लगे। वो मेरी चूचियों को हौले हौले से दबाते हुए मेरे होठ को पीने लगा। कभी कभी वो मेरे मुँह में अपना जीभ डालता तो मैं चूसती और कभी मैं डालती अपना जीभ उसके मुँह में तो वो चाटता। हम दोनों की सेक्स की सीमा पार गयी एक दूसरे को सहलाते हुए एक दूसरे की जरुरत को पूरा करने लगे।
धीरे धीरे वो मेरे कपडे उतारने लगा। और खुद भी नंगा हो गया। मेरा गोरा गदराया बदन को देखकर वो ऐसे टूट पड़ा जैसे की रेगिस्तान में किसी प्यासे को पानी मिल गया हो। मेरी गोरी गोरी चूचियों को दबाते हुए मेरे गुलाबी निप्पल को दांतो से काटने लगा। मैं तो व्याकुल होने लगी। मैं अपने आप को संभाल नहीं पा रही थी। मेरा बदन गरम हो गया था बिजली दौड़ रही थी। मैं पागल हो रही थी।
वो जब मेरे निप्पल को दांतो से दबाता करंट पुरे शरीर में दौड़ जाता। मैं आआह आआह आआह करने लगी। उसने फिर मेरे होठ से लेकर बूब्स से लेकर नाभि से लेकर मेरी चूत तक अपनी जीभ को फेरते हुए निचे गया। मैं अंगड़ाईयाँ लेने लगी। उसने मेरे दोनों पैरों को अलग अलग किया और बिच में बैठ कर मेरी गुलाबी चूत को निहारते हुए दोनों उँगलियों से फाड़ कर देखा अंदर लाल था। चूत मेरी गीली थी पर अंदर उससे छेद दिखाई नहीं दे रहा था।
उसने कहा अभी छेद दिख नहीं रहा है। मैं बोली अभी सील लगा है इसलिए नहीं दिख रहा है। तो उसने अपना ऊँगली डालने की कोशिश की तो मैं मना कर दी ताकि अंदर नाख़ून ना लग जाये। पर वो डर रहा था उससे लग रहा था की मेरी चूत में छेद ही नहीं है।
मैं कहा ऐसी मैंने कहानियां पढ़ी है मेरी सेक्स कहानी डॉट कॉम पर की पहली बार छेद दिखाई नहीं देता है जब पहली चुदाई होती है तब सील टूटता है और फिर लड़की वर्जिन नहीं रहती है।
उसने इतना सुनते ही अपना लंड मेरी चूत पर लगाया। और फिर दो तीन बार ऊपर से निचे तक रगड़ा और फिर बिच में घुसाने लगा पर मुझे काफी दर्द होने लगा और मैं अपना कमर पीछे खींच ली।करीब आधे घंटे तक ऐसा ही चलता रहा। क्यों की दोनों ही कभी चुदाई नहीं किये ना करवाए थे।
फिर उसने अब लंड को चूत पर अच्छे से सेट किया और जोर से अंदर की तरफ धकेलने लगा। फिर भी अंदर नहीं जा रहा था और जैसे ही मैं अपने पैरों को फैलायी वो जोर लगाया तभी उसका पूरा लंड मेरी चूत में सपाक से चला गया। मैं दर्द से कराह उठी मेरी गुलाबी चूत से खून निकलने लगा। वो मुझे सहलाने लगा और मैं रोने लगी।
उसने फिर से लंड बाहर निकाल कर फिर से अंदर दिया इस बार दर्द काम हुआ और धीरे धीरे कर के जब तो पांच दस बार डाला निकाला तो दर्द फिर गायब हो गया और फिर मेरी वासना भड़क गयी।
मैं जोर जोर से मोअन करने लगी पुरे कमरे में ओह्ह्ह्हह आअह्हह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्हह उफ्फ्फफ्फ्फ़ अऔच की आवाज निकाल निकाल कर चुदवाने लगी। वो भी मुझे गालियां देते हुए मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरे होठ को चूसते हुए जोर जोर से चोदने लगा। और मैं अपना गांड गोल गोल घुमा घुमा कर चुदवाने लगी।
कभी वो आगे से कभी वो पीछे से कभी ऊपर से कभी निचे से कभी बैठा कर कभी लिटा कर कभी खड़ा कर कर कभी कुतिया बना कर मुझे पूरी रात चोदा। उसके बाद सुबह करीब 11 बजे नींद खुली फ्लैट में सिर्फ मैं और वो था। आपको भी पता है शहर के फ्लैट में कोई आता जाता नहीं है।
फिर दूसरे दिन भी वैसी ही चुदाई तीसरे दिन भी वैसी ही चुदाई। जब तक मेरे मम्मी पापा नहीं आ गए तब तक हम दोनों एक ही फ्लैट में रहे और लगातार तीन दिन तक चुदाई करवाते रहे और मजे लेते रहे।
आपको ये कहानी कैसी लगी प्लीज कमेंट में बताना। मैं जल्द ही अपनी दूसरी कहानी इस वेबसाइट पर लिखने वाली हूँ।